Lucknow, 12 October: कल प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ में दशहरा मनाया, उन्होंने इस दौरान राम की पूजा भी की, उनकी आरती भी उतारी, यही नहीं उन्होने सीना तानकर श्री राम की जय जय कार की, वे एक पल भी इस बात से नहीं डरे कि भारत में एक धर्म का तुस्टीकरण करने वाली विपक्षी पार्टियाँ और नकारात्मक मीडिया क्या सोचेगा, उन्होंने पूरे जोश से श्री राम के जयकारे लगवाये।
सबसे ख़ास था मोदी का आधे घंटे तक रामलीला देखना। मोदी जानते थे कि इस देश में मुस्लिम वोटबैंक खोने के डर से कुछ लोग राम का राम लेने से डरते हैं, रामलीला देखने से डरते हैं, मंदिर जाने से डरते हैं, मोदी को पता था कि इस वक्त पूरा देश उन्हीं की तरफ देख रहा है, सभी सेक्युलर लोग उनकी तरफ देख रहे हैं, सभी नकारात्मक मीडिया उनकी तरफ देख रहे हैं, सभी नास्तिक उनकी तरफ देख रहे हैं, सभी विपक्षी नेता उनकी तरफ देख रहे हैं।
मोदी ने सोचा कि अगर वे राम की पूजा करेंगे तो पूरा देश देखेगा, अगर वे राम की आरती उतारेंगे तो पूरा देश देखेगा। मोदी ने यह भी सोचा कि अगर वे रामलीला देखेंगे तो पूरा देश देखेगा, मजबूरी वश ये सब सेक्युलर, नास्तिक और अन्य विरोधी लोग भी देखेंगे, इसलिए मोदी ने रामलीला देखने का प्रोगाम तय किया और देखा भी। उनके साथ साथ उनके विरोधियों ने भी रामलीला देख लिया, मोदी ने सोचा कि ये लोग श्री राम के जीवन से कुछ ना कुछ तो सीखेंगे ही, वैसे तो देखेंगे नही, अगर मै देखूंगा तो ये भी देखेंगे, मजबूरी में ही सही।
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