New Delhi, 12 October: प्रधानमंत्री मोदी ने कल लखनऊ के दशहरा में कार्यक्रम में जय श्री राम के जयकारे लगाकर भारतीय मीडिया और भारत की विपक्षी पार्टियों को छाती कूटने का मौका दे दिया है, वैसे तो इस बात की चर्चा होनी ही नहीं चाहिए क्योंकि श्री राम हिन्दुओं के भगवान हैं और दशहरा भी उन्हीं के कारण मनाया जाता है, ऐसे में उनके नाम की जयकार करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन इस देश में मीडिया और विपक्षी पार्टियाँ ऐसे मौके के इन्तजार में रहते हैं क्योंकि ऐसी घटनाओं के बाद उन्हें अपनी टॉप बढाने का मौका मिल जाता है।
मोदी के लखनऊ जाने से पहले ही विपक्षी पार्टियों में दहशत मची हुई थी, अखिलेश यादव का तो चेहरा ही उतर गया था, कांग्रेस बुरी तरह परेशान थी, मायावती अन्दर से बेचैन थीं, जब मोदी लखनऊ गए और श्री राम के नारे लगवाए तो विपक्षी पार्टियाँ और भी परेशान हो गयीं।
विपक्षी पार्टियों के अलावा भारतीय मीडिया चैनलों को भी TRP बढाने का मौका मिल गया जिसके बाद मीडिया के लोगों ने विपक्षी नेताओं के मुंह पर माइक लगाकर पूछने लगे 'मोदी ने जय श्री राम' के नारे लगाए इसपर आपका क्या कहना है, कहीं राम का नाम यूपी चुनावों में फायदा लेने के लिए तो नहीं बोला गया है, विपक्षी नेताओं ने कहा विल्कुल सही बात है, मोदी लखनऊ में राजनीति करने गए थे, राम का नाम लेकर उन्होंने धर्मनिरपेक्षता का अपमान किया है, एक धर्म को बढ़ावा दिया है, आदि।
अब एक दो दिन विपक्षी पार्टियाँ और मीडिया के लोग परेशान रहेंगे और अपने माइक विपक्षी नेताओं के मुंह पर लगाकर पूछते रहेंगे कि 'मोदी ने राम का नाम बोल दिया, इस पर आप की क्या प्रतिक्रिया है, मीडिया जैसे प्रतिक्रिया चाहता है, विपक्षी नेता वही प्रतिक्रिया देंगे और मीडिया वही खबर बढ़ा चढ़ाकर दिखाएगा ताकि भारत के नेता राम का नाम लेने से डर जाएं।
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