10 साल रही मोदी सरकार तो दिवालिया बन जाएंगे अरुण जेटली

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New Delhi, 6 October: मोदी सरकार ने सबसे अमीर केंद्रीय मंत्री कहे जाने वाले अरुण जेटली को मोदी सरकार की इमानदारी का इनाम भुगतना पड़ रहा है, वकालत करके हर वर्ष करोड़ों रुपये कमाने वाले अरुण जेटली को एक साल में 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, अगर यही हाल रहा तो मोदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में अरुण जेटली को 30 करोड़ का नुकसान होगा और अगर मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आयी और अरुण जेटली दोबारा वित्त मंत्री बन गए तो वे दिवालिया भी हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की संपत्ति वित्त वर्ष 2015-16 में 6.02 करोड़ रुपये घट गई है। जेटली की संपत्ति 8.9 फीसदी घटकर 60.99 करोड़ रुपये हो गई है। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2014-15 में यह 67.01 करोड़ रुपये थी। प्रधानमंत्री की वेबसाइट के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेटली की संपत्ति और देनदारियां सबसे ज्यादा मानी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी संपत्ति वित्त वर्ष 2014-15 में 1.41 करोड़ रुपये घोषित की है, जो वित्त वर्ष 2013-14 के 1.26 करोड़ रुपये से 15 लाख रुपये अधिक है।
मोदी की संपत्ति में उनकी गांधीनगर की संपत्ति शामिल है, जिसकी कीमत एक करोड़ रुपये है।
यद्यपि वित्तमंत्री की संपत्तियों -आवासीय और वाणिज्यिक- का बाजार मूल्य दोनों वित्तवर्ष में समान रहा है, लेकिन उनके बैंक बैलेंस, नकदी और वाहनों में कमी आई है।
आंकड़ों के अनुसार, “चार बचत खातों (तीन एचडीएफसी बैंक में और एक भारतीय स्टेट बैंक में) में जेटली का बैंक बैलेंस वित्त वर्ष 2016 में घटकर एक करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2015 में 3.52 करोड़ रुपये था।”
समीक्षाधीन दोनों वित्त वर्षो में वित्तमंत्री ने एमप्रो ऑयल में नौ करोड़ रुपये और डीसीएम श्रीराम कंसोलिडेटेड में आठ करोड़ रुपये कंपनी डिपॉजिट किया है।
रिकार्ड के मुताबिक, वित्त वर्ष 2013-14 में दो करोड़ रुपये के निवेश के अलावा वित्तमंत्री ने कोई नया निवेश नहीं किया है।
आंकड़ों के मुताबिक, “जेटली के पास वित्त वर्ष 2016 में 65.29 लाख रुपये नकदी थी, जबकि वित्त वर्ष 2015 में 95.30 लाख रुपये नकदी थी। उनके पब्लिक प्रोविडेंड फंड (पीपीएफ) में वित्त वर्ष 2015 में 22.18 लाख रुपये की राशि थी, जो बढ़कर 25.69 लाख रुपये हो गई है।”
वित्तमंत्री की चल संपत्तियों की कीमत वित्त वर्ष 2016 में 9.34 करोड़ रुपये है, जबकि वित्त वर्ष 2015 में यह 9.10 करोड़ रुपये थी।
वित्तमंत्री चार कारों के मालिक हैं, जिनमें दो मर्सिडीज, एक होंडा अकार्ड और एक टोयोटा फार्चूनर है। इनकी कुल कीमत वित्त वर्ष 2016 में 1.93 करोड़ रुपये है। जबकि वित्त वर्ष 2015 में इन गाड़ियों के अलावा उनके पास एक बीएमडब्ल्यू गाड़ी भी थी, जिसकी कीमत 86 लाख रुपये थी।
वित्तमंत्री के पास 5.6 किलोग्राम सोने के जेवर हैं, जिनकी कीमत वित्त 2016 में 1.35 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2015 में इन्हीं गहनों की कीमत 1.25 करोड़ रुपये थी।
उनके पास 15 किलोग्राम चांदी है, जिसकी कीमत वित्त वर्ष 2016 में 5.54 लाख रुपये है, जबकि इनकी कीमत वित्त वर्ष 2015 में 5.67 लाख रुपये थी। उनके पास जो हीरे हैं, उसकी कीमत पिछले तीन वित्त वर्षो से 45 लाख रुपये बरकरार है।
आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तमंत्री के पास छह घर हैं, जो संयुक्त रूप से उनकी पत्नी के नाम पर है। ये घर दिल्ली, हरियाणा के गुड़गांव और पंजाब के अमृतसर और गुजरात के गांधीनगर में हैं। उनके पास कई शहरों में जमीन और व्यावसायिक संपत्तियां भी हैं।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि भले ही अरुण जेटली देश के वित्त मंत्री हैं लेकिन उन्हें वकालत छोड़ने का खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है, उनकी संपत्ति घटती जा रही है, जिस प्रकार से उनकी संपत्ति एक साल में 6 करोड़ रुपये घटी है, अगर मोदी सरकार देश में 10 साल रही तो उनकी संपत्ति 60 करोड़ रुपये कम हो जाएगी और एक तरह से उनका दिवालिया निकल जाएगा, हो सकता है कि वित्त मंत्री के घर का खर्चा अधिक हो, उन्हें इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और खर्चा कम करना चाहिए।
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