यह सवाल आज पूरा देश कांग्रेस से पूछ रहा है। जब आतंकी बॉर्डर पर मारे जाते हैं तो भी कांग्रेसियों को परेशानी होती है और कहते हैं कि घुसपैठ बढ़ रही है, जब जेल में बैठे आतंकी फरार हो जाते हैं तो भी कांग्रेस को परेशानी होती है और कहते हैं कि आतंकियों को भगा दिया। जब वही आतंकी मार दिए जाते हैं तो भी कांग्रेसियों को परेशानी होती है और कहते हैं कि 'निर्दोषों को मार दिया', अब सवाल यह है कि क्या आतंकियों को जेल में बिठाकर बिरयानी खिलाते रहें जैसे इन्होने कसाब, अफजल गुरु और यकूम मेनन को खिलाया था।
कांग्रेसी नेता अपने आप में कंफ्यूज रहते हैं, उन्हें पता ही नहीं कि क्या बोलना है, कैसे बोलना है, किस तरह बोलना है, उन्हें सिर्फ वोटबैंक दिखता है, उन्हें पता है कि अगर सिमी के समर्थन में बोलेंगे तो मुस्लिम हमें वोट देंगे, इसलिए बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं।
आज भोपाल जेल में बहुत ही दुखद घटना घटी, सिमी के आठ आतंकी एक सिपाही को मारकर और एक को बंधक बनाकर जेल से फरार हो गए लेकिन कुछ ही देर बार उनका एनकाउंटर कर दिया, एनकाउंटर करना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि वे खतरनाक थे और एक सिपाही को मारकर भागे थे, अब कांग्रेस की राजनीति देखिये, इन लोगों को सिपाही की मौत की फिक्र नहीं है बल्कि सिमी के आतंकियों की चिंता है। ये कह रहे हैं कि सिमी के आतंकियों का एनकाउंटर फर्जी है।
कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला का कहना है कि आतंकी एक साथ क्यों भागे, एक साथ क्यों पकडे गए, एक साथ एनकाउंटर कैसे हुआ, दिग्गी राजा का कहना है कि आतंकियों को जान बूझकर भगाया गया है और इन्हें आरएसएस और बजरंग दल ने भगाया है। मतलब मारे गए पुलिसवाले के लिए किसी ने ट्वीट नहीं किया, ये लोग जब आतंकी भागे तो भी सरकार को कोसना शुरू कर दिए और जब आतंकी मार दिए गए तो भी सरकार को कोसना शुरू कर दिए गए। धन्य हो कांग्रेसियों।
सरकारी जेल से भागे हैं या किसी योजना के तहत भगाये गये हैं ? जॉंच का विषय होना चाहिये। दंगा फ़साद ना हो प्रशासन को नज़र रखना पड़ेगा।— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 31, 2016
SIMI और बजरंग दल पर मैंने प्रतिबंध लगाने की सिफ़ारिश तत्कालीन NDA सरकार से की थी। उन्होंने SIMI पर तो लगा दिया बजरंग दल पर नहीं लगाया।— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 31, 2016
दोनों मिल कर दंगे कराते हैं। खण्डवा से भी जेल तोड़ कर SIMI के लोग भागे और भोपाल की जेल से भी SIMI के लोग भागे।— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 31, 2016
क्या कारण है कि जेल से सीमी से संबंधित क़ैदी ही क्यों भागते हैं ? आठों को मप्र पुलिस ने मार गिराया। क्या क़ैदियों के पास हथियार थे ?— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 31, 2016
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