New Delhi, 17 September: अपने और अपनी पार्टी पर दिल्ली का खजाना लुटाकर केजरीवाल बुरी तरह से फंस गए हैं, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गलती को सही तरीके से पकड़ लिया है और उन्हें लुटाया हुआ माल लौटाने के लिए यानी नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया है।
केजरीवाल के इस कारनामे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की अगुवाई में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया था, कमेटी ने केजरीवाल की प्रचार पॉलिसी को फ्रॉड बताते हुए उन्हें सारा माल वापस लौटाने का आदेश दिया है।
कमेटी के अनुसार केजरीवाल ने अपने प्रचार पर आम आदमी का पैसा लुटाकर फ्रॉड किया है, उन्होंने दिल्ली के बजाय पूरे देश में अपना प्रचार करके भी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है।
कमेटी का कहना है कि अगर कोई मुख्यमंत्री सोचता है कि वह सबसे विशेष है और उसकी पॉलिसी देश के लिए बहुत लाभदायक है, तो ऐसी पार्टियों को अपने पैसों से प्रचार करना चाहिए और जनता के पैसों को इस तरह से उड़ाना नहीं चाहिए।
जांच करने वाली कमेटी में पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर बीबी टंडन, ओजिल्वी और मदर इंडिया के पियूष पाण्डेय और इंडिया टीवी के जर्नलिस्ट रजत शर्मा भी थे।
कमेटी ने कांग्रेस नेता अजय माकन की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी जिसमें केजरीवाल का फ्रॉड पकड़ लिया गया।
जांच में यह भी पाया गया कि आम आदमी पार्टी ने अपने क्षेत्र के बजाय दूसरे राज्यों में भी प्रचार किया, लोगों को भ्रमित करने वाले प्रचार किये साथ ही खुद को छवि चमकाने के लिए भी प्रचार किये, प्रचार के अलावा आप ने अपने विरोधियों, मीडिया और राजनीतिक पार्टियों को भी निशाना बनाया जो कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आप पार्टी को दूसरे राज्यों में हुई घटनाओं को मुद्दा बनाकर उसे अपने प्रचार में इस्तेमाल नही करना चाहिए था।
अपेक्स कोर्ट ने कहा कि ऐसी प्रचार सामग्री को सोच समझकर और केवल राज्य के उद्देश्य को पूरा करने के लिए तैयार करना चाहिए और उससे केवल सम्बंधित राज्य को फायदा होना चाहिए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आप सरकार को अपने सभी खर्चों का व्योरा तैयार करके जमा करना चाहिए और फ़ालतू खर्चों को वापस खजाने में जमा करना चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ अप्रैल महीने में जांच शुरू की थी।
कमेटी का कहना है कि अगर कोई मुख्यमंत्री सोचता है कि वह सबसे विशेष है और उसकी पॉलिसी देश के लिए बहुत लाभदायक है, तो ऐसी पार्टियों को अपने पैसों से प्रचार करना चाहिए और जनता के पैसों को इस तरह से उड़ाना नहीं चाहिए।
जांच करने वाली कमेटी में पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर बीबी टंडन, ओजिल्वी और मदर इंडिया के पियूष पाण्डेय और इंडिया टीवी के जर्नलिस्ट रजत शर्मा भी थे।
कमेटी ने कांग्रेस नेता अजय माकन की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी जिसमें केजरीवाल का फ्रॉड पकड़ लिया गया।
जांच में यह भी पाया गया कि आम आदमी पार्टी ने अपने क्षेत्र के बजाय दूसरे राज्यों में भी प्रचार किया, लोगों को भ्रमित करने वाले प्रचार किये साथ ही खुद को छवि चमकाने के लिए भी प्रचार किये, प्रचार के अलावा आप ने अपने विरोधियों, मीडिया और राजनीतिक पार्टियों को भी निशाना बनाया जो कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आप पार्टी को दूसरे राज्यों में हुई घटनाओं को मुद्दा बनाकर उसे अपने प्रचार में इस्तेमाल नही करना चाहिए था।
अपेक्स कोर्ट ने कहा कि ऐसी प्रचार सामग्री को सोच समझकर और केवल राज्य के उद्देश्य को पूरा करने के लिए तैयार करना चाहिए और उससे केवल सम्बंधित राज्य को फायदा होना चाहिए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आप सरकार को अपने सभी खर्चों का व्योरा तैयार करके जमा करना चाहिए और फ़ालतू खर्चों को वापस खजाने में जमा करना चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ अप्रैल महीने में जांच शुरू की थी।
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