लखनऊ, 14 सितंबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच चल रही खींचतान का मसला आखिरकार राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के दरबार में पहुंच गया। सुबह सैफई में शिवपाल ने कहा कि वह अखिलेश से नाराज नहीं हैं। इस बीच उन्होंने देर शाम दिल्ली में मुलायम से मुलाकात की। अब इस मसले को लेकर गुरुवार को लखनऊ में सपा की संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार देर रात कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के विभाग छीनने के बाद बुधवार को सुबह चुप्पी तोड़ी। उन्होंने सपा के राज्यसभा सांसद अमर सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि जब बाहर से दखलंदाजी होगी तो भला सरकार कैसे चलेगी।
उन्होंने ये भी कहा, "यह परिवार का झगड़ा नहीं है बल्कि सरकार का झगड़ा है।"
अचानक दोपहर करीब 12 बजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से पत्रकारों को अपने सरकारी आवास पांच-कालीदास मार्ग पर बुलाया गया। इस मौके पर अखिलेश ने कहा, "आखिर परिवार में सब सपा मुखिया नेताजी की बात मानते हैं। सब मानेंगे भी। मैंने भी नेता जी के कहने पर कई बातें मानी हैं लेकिन कुछ फैसले मैं अपने आप भी करता हूं। आखिर मुख्य सचिव दीपक सिंघल को किसने हटाया? या मंत्रियों को किसने हटाया? यह सब लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव को मालूम है।"
इधर, सैफई में बुधवार को प्रदेश के कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी में जारी घमासान को लेकर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों का बंटवारा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वह किसी का कोई भी मंत्रालय ले सकते हैं। जहां तक मेरा सवाल है नेताजी (मुलायम सिंह) से चर्चा के बाद ही कोई फैसला लूंगा।
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब तक सपा मुखिया ने जो भी जिम्मेदारी सौंपी है उसे उन्होंने पूरी निष्ठा व मेहनत से निभाया है। समाजवादी पार्टी 2017 में फिर से सरकार बनाए, इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। साथ ही अब तक जमीनी कार्यकर्ताओं की जो उपेक्षा हुई है, वह अब नहीं होगी और जरूरी हुआ तो संगठन में परिवर्तन भी किया जाएगा।
कम महत्व के मंत्रालय मिलने और उससे नाराज होकर इस्तीफे देने के सवाल पर उन्होंने गोलमाल जवाब दिया। सपा नेता ने कहा कि पूरा फैसला सपा मुखिया के ऊपर छोड़ दिया। नेताजी से मिलने के बाद ही फैसला लेंगे कि क्या करना है।
उनके पुत्र आदित्य यादव के पीसीएफ चेयरमैन पद और पत्नी सरला यादव के कोआपरेटिव निदेशक के पद से इस्तीफे की चर्चा पर भी शिवपाल सिंह ने कहा कि सभी फैसले नेताजी से मुलाकात के बाद लेंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी की हैसियत नहीं है कि वो सपा मुखिया के आदेश का पालन न करे। उन्होंने कहा कि उनके व मुख्यमंत्री के बीच कोई गतिरोध नहीं है, यदि कोई गलतफहमी पैदा करने का प्रयास करेगा तो वे सफल नहीं होंगे, क्यों कि सभी समझदार हैं और जो फैसला लेंगे उचित ही लेंगे।
उन्होंने ये भी कहा, "यह परिवार का झगड़ा नहीं है बल्कि सरकार का झगड़ा है।"
अचानक दोपहर करीब 12 बजे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से पत्रकारों को अपने सरकारी आवास पांच-कालीदास मार्ग पर बुलाया गया। इस मौके पर अखिलेश ने कहा, "आखिर परिवार में सब सपा मुखिया नेताजी की बात मानते हैं। सब मानेंगे भी। मैंने भी नेता जी के कहने पर कई बातें मानी हैं लेकिन कुछ फैसले मैं अपने आप भी करता हूं। आखिर मुख्य सचिव दीपक सिंघल को किसने हटाया? या मंत्रियों को किसने हटाया? यह सब लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव को मालूम है।"
इधर, सैफई में बुधवार को प्रदेश के कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह ने समाजवादी पार्टी में जारी घमासान को लेकर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों का बंटवारा मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वह किसी का कोई भी मंत्रालय ले सकते हैं। जहां तक मेरा सवाल है नेताजी (मुलायम सिंह) से चर्चा के बाद ही कोई फैसला लूंगा।
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अब तक सपा मुखिया ने जो भी जिम्मेदारी सौंपी है उसे उन्होंने पूरी निष्ठा व मेहनत से निभाया है। समाजवादी पार्टी 2017 में फिर से सरकार बनाए, इसके लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। साथ ही अब तक जमीनी कार्यकर्ताओं की जो उपेक्षा हुई है, वह अब नहीं होगी और जरूरी हुआ तो संगठन में परिवर्तन भी किया जाएगा।
कम महत्व के मंत्रालय मिलने और उससे नाराज होकर इस्तीफे देने के सवाल पर उन्होंने गोलमाल जवाब दिया। सपा नेता ने कहा कि पूरा फैसला सपा मुखिया के ऊपर छोड़ दिया। नेताजी से मिलने के बाद ही फैसला लेंगे कि क्या करना है।
उनके पुत्र आदित्य यादव के पीसीएफ चेयरमैन पद और पत्नी सरला यादव के कोआपरेटिव निदेशक के पद से इस्तीफे की चर्चा पर भी शिवपाल सिंह ने कहा कि सभी फैसले नेताजी से मुलाकात के बाद लेंगे।
उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी की हैसियत नहीं है कि वो सपा मुखिया के आदेश का पालन न करे। उन्होंने कहा कि उनके व मुख्यमंत्री के बीच कोई गतिरोध नहीं है, यदि कोई गलतफहमी पैदा करने का प्रयास करेगा तो वे सफल नहीं होंगे, क्यों कि सभी समझदार हैं और जो फैसला लेंगे उचित ही लेंगे।
Post A Comment:
0 comments: