समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह ने प्रधानमंत्री बनने के लालच में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर छोड़ा था और कुर्सी पर अखिलेश यादव को बैठकर स्वयं प्रधानमंत्री बनने की चाहत में दिल्ली आ गए थे, उन्हें पूरा यकीन था कि प्रधानमंत्री वही बनेंगे लेकिन जिस तरह से बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में सपा और बसपा का सफाया करते हुए 73 सीटें जीती थीं और मोदी की आंधी में सभी पार्टियाँ उड़ गयी थीं, अब मुलायम सिंह समझ गए हैं कि मोदी के रहते उनका प्रधानमंत्री बन पाना मुस्किल है, इसलिए उन्होंने २०१७ चुनावों में एक बार फिर से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की पटकथा लिखी है और पिछले एक दो महीने से इसी वजह से पारिवारिक झगडा हो रहा है।
मुलायम सिंह चाहते हैं कि वह एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें लेकिन इसके लिए उन्हें किसी ना किसी में गलती दिखानी पड़ेगी, इसके लिए वे अखिलेश यादव को नादान बालक साबित करना चाहते हैं और उन्हें डांट डपटकर उत्तर प्रदेश की जनता को यह दिखाना चाहते हैं कि अखिलेश यादव नौसिखिया थे इसलिए काम नहीं कर पाए, अब मुलायम सिंह वापस आ गए हैं अब वे यूपी का विकास कर देंगे।
शिवपाल यादव भी मुलायम सिंह को एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, उन्होंने खुलेआम इसकी मांग भी की है, शिवपाल यादव तुरंत ही मुलायम सिंह को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं लेकिन ऐसा करने के बाद अखिलेश यादव का कार्यकाम अधूरा रह जाएगा और एक तरह ने उनपर अधूरा कार्यकाल का दाग लग जाएगा जो मुलायम सिंह नहीं चाहते इसलिए आने वाला चुनाव मुलायम सिंह यादव को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करके ही लड़ा जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि मुलायम सिंह खुद प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित हैं इसलिए वे कभी भी मोदी पर सीधा हमला नहीं करते हैं, कल उन्होंने मीटिंग में भी मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि वे संघर्ष करके इतने बड़े पद पर पहुंचे हैं और ऐसे आदमी कुछ भी कर सकते हैं, उन्होंने कहा कि मोदी अपनी माँ से बहुत प्यार करते हैं और वे उन्हें कभी भी नहीं छोड़ सकते। यही नहीं उन्होंने बिहार चुनावों में भी मोदी की जीत की बात कही थी लेकिन दलित प्रकरण ने गणित बदल दिया।