मोदी ने लिया 3 तलाक ख़त्म करके मुस्लिम महिलाओं की रक्षा का प्रण, मुस्लिम नेता ओवैसी घबरा गए'

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हैदराबाद, 25 अक्टूबर: तीन तलाक पर प्रधानमंत्री मोदी के धमाकेदार बयान से मुस्लिम नेता घबरा गए हैं, मोदी ने कहा था कि कुछ मुस्लिम फोन पर तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलकर मुस्लिम महिलाओं से तलाक ले लेते हैं और उनकी जिन्दगी नरक बना देते हैं, इसलिए मै तीन तलाक ख़त्म करवाकर रहूँगा और मुस्लिम बहनों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा, उन्होंने कहा था कि अगर महिला अपराधों के लिए हिन्दू धर्म के लोगों को सजा हो सकती है तो मुस्लिमों को भी सजा मिलेगी और धर्म के आधार पर महिलाओं से भेदभाव बर्दास्त नहीं किया जाएगा। 

मुस्लिम नेता सोच रहे हैं हैं कि मोदी के इस बयान से मुस्लिम महिलाएं प्रभावित होंगी और वोटों का ध्रुवीकरण होगा, हो सकता है कि सभी मुस्लिम महिलाएं मोदी-बीजेपी को वोट दे दें। 

इस बात से डरकर आज मुस्लिम नेता असद्दुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोदी का बयान चुनावी प्रपंच हैं और इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा, "तीन तलाक का मुद्दा चूंकि सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए मुनासिब होता कि मोदी इस मुद्दे पर न बोलते। घटनाक्रम हालांकि दर्शाते हैं कि भाजपा व मोदी के पास रचनात्मक विचारों की कमी है।"

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश व चार अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए तीन तलाक तथा राम मंदिर के मुद्दे को वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव प्रचार का मुख्य मुद्दा बना रहे हैं। मोदी द्वारा तीन तलाक के मुद्दे पर बोलने के एक दिन बाद ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रचनात्मक मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय मोदी वोट लेने के लिए (भाजपा के लिए) मुद्दों के ध्रुवीकरण के बारे में बात कर रहे हैं।

हैदराबाद से लोकसभा सांसद ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शासन, भ्रष्टाचार, उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह के परिवार में जारी कलह को क्यों चुनावी मुद्दा नहीं बना रहे।

मोदी व उनकी पार्टी को मुस्लिमों का अपमान न करने की सलाह देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री उन तथ्यों पर क्यों चुप हैं, जिनकी तुलना मुसलमानों के साथ की गई है। अन्य धार्मिक समुदायों में तलाक व अलग होने की दर अधिक है।

ओवैसी ने कहा, "प्रधानमंत्री यह भूल गए हैं कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में 10 साल या इससे थोड़ी अधिक आयु की शादीशुदा गैर मुस्लिम लड़कियों की संख्या एक करोड़ से अधिक है।"

उन्होंने कहा कि मोदी को उस पत्र के बारे में बात करना चाहिए, जिसे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार को मुसलमान परिवार की लड़कियों को कृषि भूमि के वितरण के लिए लिखा है।

सांसद ने कहा, "अगर आप मुस्लिम महिलाओं के लिए इतना ही चिंतित हैं, तो पूरे देश में मुस्लिमों को आरक्षण क्यों नहीं दे देते?"

उन्होंने कहा, "देश यह भी जानना चाहेगा कि वह जकिया जाफरी (गोधरा दंगों के बाद मारे गए पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा) को न्याय देने की बात क्यों नहीं करते।"

सरकार से इस इरादे से कि धर्म निरपेक्षता ही देश की आधारशिला है, से सहमति जताते हुए ओवैसी ने यह जानना चाहा कि सरकार बीफ पर पाबंदी लगाकर, राम मंदिर का मुद्दा उठाकर, अयोध्या में राम म्यूजियम बनाकर तथा उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र में मुसलमानों को आरक्षण देने से इंकार कर धर्मनिरपेक्षता को क्यों कमजोर करने में लगी है।
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