मोदी ने हँसते हँसते कह दी एक बात, लोग समझ गए और बजाने लगे तालियाँ, जबरजस्त

pm-narendra-modi-good-speech-at-icsi-4-october

इस बात में किसी को शक नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो कुछ भी कर रहे हैं देश की भलाई के लिए कर रहे हैं, अगर कड़वे डोज दे रहे हैं तो देश की भलाई के लिए दे रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि विकास ही सभी बीमारियों के इलाज है, विकास से गरीबों और नौजवानों को नौकरी भी मिलती है और भूखों को भोजन भी मिलता है. इसके अलावा सरकार को भी टैक्स से आमदनी होती है.

मोदी ने आज ICSI के गोल्डन जुबली समारोह में अपने विरोधियों और आलोचकों को करारा जवाब दिया. उन्होने कई ऐसी बातें कहीं जिसे सुनकर लोगों ने खूब तालियाँ बजायीं और मोदी मोदी के नारे लगाकर उनका उत्साह बढाया. मोदी ने कहा कि हमारे देश में मुट्ठी भर लोग ऐसे हैं जो देश की प्रतिष्ठा को, हमारी ईमानदार सामाजिक संरचना को कमजोर करने का काम करते रहते हैं. इन लोगों को सिस्टम और संस्थाओं से हटाने के लिए सरकार ने पहले ही दिन से स्वच्छता अभियान शुरू किया है. मोदी के इतना कहते ही लोग जोर जोर से तालियाँ पीटने लगे क्योंकि वे समझ गए थे कि बेईमानों को साफ़ करने के लिए स्वच्छता अभियान शुरू किया है.

मोदी ने कहा कि इस स्वच्छता अभियान के तहत सरकार बनते ही हमने कालेधन पर SIT का गठन कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कई वर्ष पहले ही SIT गठन का आदेश दिया था लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट में यह काम हुआ, विदेश में जमा कालेधन के लिए बहुत ही कठोर ब्लैक मनी एक्ट बनाए गए. 

इन्सोल्वेंसी और बैंकरप्सी कोर बनाया गया जो पिछले 28 वर्षों से लटका हुआ था, बेनामी संपत्ति कानून लागू किया गया, कई वर्षों से लटका हुआ गुड एंड सिंपल टैक्स GST लागू किया गया, नोटबंदी लागू करने की हिम्मत भी हमारी सरकार ने की.

मोदी ने कहा कि इस सरकार ने देश में संस्थागत ईमानदारी को मजबूत करने के लिए काम किया है. ये सरकार के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि आज देश की अर्थव्यवस्था कम कैश के बावजूद भी चल रही है. नोटबंदी के बाद Cash to GDP रेसियो अब 9 फ़ीसदी आ गया है.

मोदी ने कहा कि 8 नवम्बर इतिहास में भ्रष्टाचार मुक्ति का प्रारंभ दिवस माना जाएगा. 8 नवम्बर 2016 से पहले ये रेसियो 12 परसेंट था लेकिन आज 9 परसेंट है. अगर देश की अर्थव्यवस्था में ईमानदारी का दौर शुरू नहीं हुआ होता तो ये असंभव था.

मोदी ने कहा कि पहले जिस तरह से ब्लैक मनी का लेन-देन होता था, अब वैसा करने से पहले लोगों को 50 बार सोचना पड़ता है. इस बात को मुझसे ज्यादा आप लोग जानते हैं. मोदी की इस बात से लोगों ने जमकर तालियाँ बजायीं.
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India

Politics

Post A Comment:

0 comments: