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पढ़ें, बॉबी कटारिया के ऊपर क्यों दर्ज हो रहे है FIR पर FIR, क्या होगा आगे, कौन कर रहा है ये सब

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गुरुग्राम: अब पूरे देश को यह बात पता चल गयी है कि बॉबी कटारिया के साथ जो कुछ भी हो रहा है वह पुलिस और प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हो रहा है. बॉबी कटारिया ने दो-तीन साल पहले ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद और आस पास के शहरों में किसी भी गरीब और जरूरतमंद के बुलाने पर बॉबी कटारिया पहुँच जाता था, अधिकतर मामलों में पुलिस प्रशासन की लापरवाही देखकर बॉबी कटारिया उनके ऊपर जमकर गुस्सा निकालता था और लाइव वीडियो बनाता था. पुलिस को भी शायद पता था बॉबी उनके रास्ते में रोड़ा जरूर बनेगा इसलिए उसके खिलाफ तीन चार महीनें पहले से ही (29.8.2012 को) एक FIR लिखकर रख ली थी. 


इस मामले में पंजाब के वकील बलकरण सिंह बल्ली ने बताया कि जब भी कोई आदमी पुलिस प्रशासन के खिलाफ लड़ता है तो पुलिस उसके खिलाफ पहले से ही FIR दर्ज करके रख लेती है. ऐसे आदमी पर प्रशासन की पहले से नजर रहती है, जब उनको लगता है कि कोई उनके खिलाफ ज्यादा बोल रहा है, उनकी पोल खोल रहा है तो उसका मुंह बंद करवाने के लिए उसे अरेस्ट करके ऐसे ही कार्यवाही की जाती है.

बॉबी कटारिया को 24 दिसम्बर को रात 11 बजे गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद उसे 6 दिन पर रिमांड में लेकर कथित तौर पर थर्ड डिग्री दी गयी. यहीं पर बॉबी का घर वालों से गलती हो गयी. उन्हें तुरंत हाई कोर्ट पहुंचकर Writ Petition (आर्टिकल - 226 के अंतर्गत) दाखिल करनी चाहिए थी. अगर Writ Petition दाखिल हो गयी होती तो हाई कोर्ट की टीम आकर पुलिस थाने पर छापा मार देती और बॉबी कटारिया का टॉर्चर नहीं हो पाता लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

वकील बलकरण सिंह ने यह भी बताया कि बॉबी कटारिया के खिलाफ कौन कौन सी धाराएं हैं और उनके उन्हें कितनी सजा मिलेगी. 

धारा 186: सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की धारा है. इसमें तीन महीनें की सजा है लेकिन बैलेबल है, मतलब जमानत मिल सकती है.
धारा 323: पर्स चोरी का केस, इसमें एक साल की सजा है और यह भी बेलेबल है, जमानत मिल सकती है.
धारा 332: सरकारी मुलाजिम को दुःख पहुंचाने पर दर्ज होती है, इसमें तीन साल की सजा है और नॉन-बेलेबल है, मतलब तुरंत जमानत नहीं मिल सकती है.
धारा 353: ये भी सरकारी काम में बाधा डालने पर दर्ज होती है, जैसे किताब फाड़ देना, जन बूझकर तोड़ फोड़ करना. इसमें दो साल की सजा है और नॉन-बेलेबल है, मतलब तुरंत जमानत नहीं मिलती है.
धारा 379B: यह बहुत बड़ी धारा है, इसमें बॉबी कटारिया पर इल्जाम है कि वह एक बुजुर्ग की गाड़ी की चाभी छीनकर भाग गया था. पुलिस इस केस में खुद ही कहानी गढ़ लेती है, यह धारा पुलिस तब लगाती है जब आरोपी को लम्बे समय तक जेल में रखना होता है. इसमें 10 साल की सजा है और 25 हजार रुपये जुर्माना है. इसमें सेशन ट्रायल होता है. मतलब निचली कोर्ट में ही चलता है. हाई कोर्ट में इसकी पैरवी नहीं की जा सकती. इस केस में बॉबी को ज्यादा से ज्यादा समय तक रखा जा सकता है.
धारा 506: यह अपराध करने की कोशिश करने पर दर्ज होता है, इसमें 2 साल की सजा है लेकिन बेलेबल है, जमानत मिल सकती है.

अब क्या करना चाहिए बॉबी कटारिया केस में

वकील बलकरण सिंह सबसे पहले बॉबी कटारिया के पैरोकारों को हाई कोर्ट में जाकर यह अपील करनी चाहिए कि उन्हें यह बताया जाय कि बॉबी कटारिया पर कितनी FIR दर्ज हैं, क्योंकि पुलिस उस पर केस पर केस दर्ज कर रही है, अगर उसे जमानत दिलाई जाएगी तो पुलिस दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लेगी. ऐसे में सबसे पहले सभी दर्ज FIR की जानकारी मांगनी चाहिए. हाई कोर्ट में पुलिस को पूरी जानकारी देनी पड़ेगी.

उसके बाद यह पता करना चाहिए कि पुलिस ने उसे किस मामले में अरेस्ट किया है. अगर पुलिस ने 379B में अरेस्ट किया है और उसे छोड़कर अन्य मामलों को खारिज कराने के लिए हाई कोर्ट में क्वेशिंग (Quash Application) डालनी चाहिए ताकि जो फर्जी FIR हैं उन्हें एक के बाद एक करके रद्द किया जा सके. उसके बाद जिस धारा में बॉबी कटारिया को अन्दर किया गया है उसके खिलाफ भी Quash Application डालकर या तो उसे खारिज करवानी चाहिए या हाई कोर्ट से बेल ले लेनी चाहिए. 

मतलब पहले FIR की लिस्ट निकलवाओ ताकि पुलिस आगे कोई FIR दर्ज ना कर सके. उसके बाद यह पता करो कि पुलिस ने किस मामले में जेल में डाला है, उसके बाद उस FIR को छोड़कर पहले अन्य FIR को हाई कोर्ट से Quash Application के जरिये खारिज करानी चाहिए. उसके बाद सभी फर्जी FIR खारिज करने के बाद जिस मामले में जेल में बंद हैं उसके खिलाफ हाई कोर्ट से बेल लेनी चाहिए.

वकील बलकरण सिंह ने बताया कि धारा 379B में 15 दिन के बाद सेशन कोर्ट से जमानत मिल जाती है इसलिए सेशन कोर्ट में जमनात लगा देनी चाहिए, अगर वहां से जमानत ना मिले तो हाई कोर्ट में जाना चाहिए. वीडियो.

हरियाणा पुलिस ने महिला-पुरुष को पटक पटक कर मारा, दी गन्दी गन्दी गालियाँ, बन गया वीडियो, देखें

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गुरुग्राम: गुरुग्राम के समाजसेवक बॉबी कटारिया को गुरुग्राम पुलिस ने सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उन्होंने गुस्से में दो पुलिस वालों को अपशब्द बोल दिए थे. इस वजह से गुरुग्राम पुलिस ने बॉबी कटारिया को 6 दिन के रिमांड में लेकर पर्स चोरी का केस दर्ज किया, हरिजन एक्ट और जबरन वसूली का केस भी दर्ज कर दिया. 

अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हरियाणा पुलिस के लोग एक पुरुष और कुछ महिलाओं को गिरा गिरा कर पीट रहे हैं और उन्हें ग-न्दी ग-न्दी गा-लि-याँ बक रहे हैं. वीडियो देखकर लोग कह रहे हैं कि हरियाणा में पुलिस-प्रशासन और कानून मर चुका है, सिर्फ पुलिस की गुंडागर्दी चल रही है, सरकार ने ऑंखें बंद कर रखी हैं.

वीडियो में पुलिस वाले एक युवक को गिरा गिरा कर पीट रहे और उसे अपशब्द बोल रहे हैं, महिला युवक को बचाने की कोशिश करते है तो उसे भी धक्का देकर गिरा दिया जाता है, पुलिस महिला के सामने ही पुरुष को गालियाँ बक रहा है, आप भी देखें यह वीडियो.

देर से ही सही लेकिन जागने लगा माडिया, दैनिक भास्कर ने बताया बॉबी कटारिया की माँ का दर्द, पढ़ें

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गुरुग्राम: जिस दिन गुरुग्राम के समाजसेवक बॉबी कटारिया को गुरुग्राम पुलिस ने गिरफ्तार किया था और पर्स चोरी का केस लगाकर दूसरे दिन कोर्ट में पेश किया और 4 दिनों के रिमांड में लिया, उस वक्त बेस्ट हिंदी न्यूज़ और एक दो अन्य को छोड़कर देश के किसी भी मीडिया ने बॉबी कटारिया की खबर नहीं छापी, उसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने दो दिन के लिए फिर से रिमांड में लिया, उसके बाद उन्हें फरीदाबाद पुलिस ने 2 दिन के रिमांड पर लिया, उसके बाद उन्हें नीमका जेल में बंद कर दिया गया. करीब 12-15 दिनों तक किसी भी बड़े मीडिया ने बॉबी कटारिया की खबर नहीं छापी. देखने पर ऐसा लगता था कि या तो मीडिया बिक गयी है या उन्होंने बॉबी कटारिया की कोई भी खबर ना छापने की कसम खा ली है.

लेकिन अब मीडिया की नींद खुलने लगी है. आज दैनिक भास्कर ने बॉबी कटारिया मामले की खबर छापकर उनकी माँ का दर्ज दिखाया है. उनकी माँ ने 10 दिनों पहले मोदी सरकार से रो रो कर बताया था कि गुरुग्राम पुलिस ने उनके बॉबी कटारिया को इतना मार दिया है कि वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. यह खबर दैनिक भास्कर ने आज छापी है और देशवासियों को उनकी माँ का दर्द दिखाया है.

क्या छापा है दैनिक भास्स्कर ने पढ़ें 

"यू-ट्यूब और फेसबुक पर पुलिस पर सवाल खड़े कर वीडियो बनाने वाले बॉबी कटारिया पिछले कुछ दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं। उनके पक्ष में सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है, बॉबी के समर्थक पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इन सबके बीच बॉबी की मां ने रोते हुए दर्द बयान किया है। उनका कहना है कि उसके बेटे को पुलिस ने उठा लिया। उसे रिमांड के दौरान बेरहमी से पीटा गया है। उसे इतना पीटा गया था कि उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था। उन्होंने पीएम से गुहार लगाई है कि उसके बेटे को इंसाफ दिलाया जाए। आरोप लग रहे हैं कि पुलिस ने बदले की भावना से कार्रवाई की है, क्योंकि बॉबी पुलिस के खिलाफ अकसर गालियों वाली वीडियो बनाता था और वायरल कर देता था।कैंडल मार्च निकालकर जताया विरोध...

- वहीं बॉबी कटारिया के पक्ष में सोशल मीडिया के साथ-साथ जमीनी स्तर पर कैंपेन चला रही संगिता दहिया ने कैंडल मार्च निकाला।
- इस कैंडल मार्च में बॉबी की मां, परिवार और समाज के लोग भी शामिल हुए। संगीता दहिया का कहना था कि पुलिस ने मार्च के दौरान उन्हें रोका, यह गलत है।
- संगीता ने कहा कि कैंडल मार्च सरकार और पुलिस पर दबाव बनाने के लिए था लेकिन अब सरकार नहीं मानती तो कोर्ट की लड़ाई लड़ी जाएगी।
- बता दें कि बॉबी कटारिया के पक्ष में जाट आरक्षण आंदोलन से जुड़े हुए संदीप भारती, साध्वी देवा ठाकुर और कई सामाजिक संस्थाएं आवाज उठा चुकी हैं।

हाईकोर्ट के वकील देख रहे अब इस मामले को
- बॉबी के परिवार ने अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील रविंद्र सिंह ढुल से हाईकोर्ट में गुहार लगाने की मांग की है। वकील रविंद्र सिंह ढुल अब इस मामले को देख रहे हैं। वे अब बॉबी पर दर्ज मामलों व उसे बेल दिलवाने को लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे। बता दें कि बॉबी पर 6 केस दर्ज हैं।

ये था मौजूदा मामला
- 12 दिसंबर को सेक्टर-16 में निकिता नाम की 16 वर्षीय छात्रा एक निजी स्कूल की बस के नीचे आ गई थी। इस हादसे में निकिता की टांग काटनी पड़ी थी। बॉबी कटारिया ने निकिता का पक्ष लेते हुए एक वीडियो यू-ट्यूब पर डाली थी। प्रिंसीपल ने शिकायत दी थी कि बॉबी कटारिया ने 19 दिसंबर को फेसबुक पर लाइव आकर उन्हें व उनके परिवार को धमकी दी थी। साथ ही यह वीडियो यू-ट्यूब पर भी डाल दी। प्रिंसीपल की शिकायत पर फेसबुक व यू-ट्यूब पर वीडियो डालकर रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी देने सहित अन्य धाराओं के तहत बॉबी पर मुकदमा दर्ज किया गया। इस मुकदमे में पुलिस ने बॉबी को गिरफ्तार किया और 2 दिन के रिमांड पर लिया। रिमांड खत्म हो जाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।

ऐसे सुर्खियों में आया बॉबी कटारिया
- बॉबी कटारिया गुड़गांव का रहने वाला है। वह एक प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हैं और प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग एंड फिजिक फेडरेशन कनाडा का जनरल सेक्रेटरी हैं। वह पुलिस के खिलाफ गाली गलौज करते हुए वीडियो बनाकर सुर्खियों में आया था।
https://www.bhaskar.com/harayana/panipat/news/c-85-LCL-boby-katariya-mother-cried-and-tell-the-story-pa0345-NOR.html?ref=per-hp

जुल्म सहकर और मजबूत हुए बॉबी कटारिया, गुरुग्राम के BJP सांसद को ऑनलाइन पोल में 87-13 से हराया

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गुरुग्राम: पुलिस प्रशासन का जुल्म सहकर जेल भेजे जाने के बाद गुरुग्राम के समाजसेवी और युवा एकता फाउंडेशन के चीफ बॉबी कटारिया और मजबूत हो गए हैं, पहले उन्हें सिर्फ गुरुग्राम और एनसीआर के लोग जानते थे लेकिन आज पूरे देश के लोग जान गए हैं. पहले जिन लोगों ने उनकी वीडियो नहीं देखा थी, अब वे भी उनकी वीडियो देखते हैं और उनके काम की तारीफ करते हैं हालाँकि लोग उनके द्वारा किसी को गालियाँ देने को गलत भी बताते हैं और उन्हें इसमें सुधार करने की सलाह देते हैं.

जेल जाकर बॉबी कटारिया इस कदर मशहूर हो गए हैं कि अब लोग उन्हें नेता बनते देखना चाहते हैं, लोगों का कहना है कि बॉबी कटारिया जैसे नेताओं की इस देश को जरूरत है जो प्रशासन से लड़ने और उन्हें सुधरने के लिए मजबूर करने की ताकत रखते हैं.

आज ऑनलाइन पोल में बॉबी कटारिया ने गुरुग्राम के मौजूदा सांसद राव इन्द्रजीत सिंह को 87-13 से हरा दिया है. मतलब 87 फ़ीसदी लो बॉबी कटारिया को गुरुग्राम का सांसद बनाना चाहते हैं जबकि सिर्फ 13 फ़ीसदी लोग राव इन्द्रजीत सिंह को सांसद बनाना चाहते हैं, मतलब अगले लोकसभा चुनाव में राव इन्द्रजीत सिंह की कुर्सी खतरे में है, ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी को जेल में डालने के बाद बीजेपी के खिलाफ गलत सन्देश जा रहा है.

देखिये सर्वे का रिजल्ट



लोग क्यों हैं बीजेपी से नाराज

2014 लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम-फरीदाबाद में बीजेपी को वोट देने वाले किसी वोटर ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, दिल्ली में घूम घूम कर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने वाले बॉबी कटारिया को बीजेपी राज में गुरुग्राम-फरीदाबाद पुलिस गैर-कानूनी तरीके से 8 दिन रिमांड में लेकर कथित रूप से थर्ड डिग्री टॉर्चर करेगी, लेकिन ऐसा हुआ है.

देश भर के लाखों लोग बॉबी कटारिया के लिए मोदी, बीजेपी, मनोहर लाल खट्टर से इन्साग मांग मांग कर हार गए हैं लेकिन इन लोगों ने अपनी ऑंखें बंद कर रखी हैं.

अब इसका नुकसान बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनावों में होगा. बॉबी कटारिया गुरुग्राम के रहने वाले हैं, वहां से बीजेपी के राव इन्द्रजीत सिंह सांसद और केंद्र में राज्य मंत्री हैं. बॉबी कटारिया पिछले 15 दिनों से जेल में हैं लेकिन अगर वो 2019 लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट से राव इन्द्रजीत सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे तो उनकी जीत पक्की है.

ऑनलाइन पोल में बॉबी कटारिया की बड़ी जीत

आज हमने सोशल मीडिया पर एक सर्वे किया जिसमें पूछा कि 2019 लोकसभा चुनाव में आप गुरुग्राम में बीजेपी के राव इन्द्रजीत सिंह को वोट देंगे या बॉबी कटारिया को. सर्वे में 87 फ़ीसदी लोगों ने बॉबी कटारिया को वोट दिया है जबकि सिर्फ 13 फ़ीसदी लोगों ने राव इन्द्रजीत सिंह को वोट दिया है. अभी तक कुल 5900 वोट पड़े हैं.

यह रिजल्ट बीजेपी के लिए बहुत ही चिंताजनक है, बॉबी कटारिया को जेल भेजने में भले ही बीजेपी या बीजेपी नेताओं का हाथ ना हो लेकिन फल बीजेपी को ही भुगतना पड़ेगा. 2014 में जिन लोगों ने बीजेपी को वोट दिया होगा, वह अगली बार बीजेपी को वोट नहीं देगा, अगर बॉबी कटारिया चुनाव में नहीं भी खड़े हुए तो लोग बीजेपी से बदला लेने के लिए कांग्रेस या निर्दलीय उम्मीदवारों को वोट देंगे.

BJP को बहुत मंहगा पड़ेगा बॉबी कटारिया को जेल में डालना, गुरुग्राम की सीट हारेंगे राव इन्द्रजीत

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गुरुग्राम: 2014 लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम-फरीदाबाद में बीजेपी को वोट देने वाले किसी वोटर ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, दिल्ली में घूम घूम कर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने वाले बॉबी कटारिया को बीजेपी राज में गुरुग्राम-फरीदाबाद पुलिस गैर-कानूनी तरीके से 8 दिन रिमांड में लेकर कथित रूप से थर्ड डिग्री टॉर्चर करेगी, लेकिन ऐसा हुआ है.

देश भर के लाखों लोग बॉबी कटारिया के लिए मोदी, बीजेपी, मनोहर लाल खट्टर से इन्साग मांग मांग कर हार गए हैं लेकिन इन लोगों ने अपनी ऑंखें बंद कर रखी हैं.

अब इसका नुकसान बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनावों में होगा. बॉबी कटारिया गुरुग्राम के रहने वाले हैं, वहां से बीजेपी के राव इन्द्रजीत सिंह सांसद और केंद्र में राज्य मंत्री हैं. बॉबी कटारिया पिछले 15 दिनों से जेल में हैं लेकिन अगर वो 2019 लोकसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट से राव इन्द्रजीत सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे तो उनकी जीत पक्की है.

आज हमने सोशल मीडिया पर एक सर्वे किया जिसमें पूछा कि 2019 लोकसभा चुनाव में आप गुरुग्राम में बीजेपी के राव इन्द्रजीत सिंह को वोट देंगे या बॉबी कटारिया को. सर्वे में 88 फ़ीसदी लोगों ने बॉबी कटारिया को वोट दिया है जबकि सिर्फ 12 फ़ीसदी लोगों ने राव इन्द्रजीत सिंह को वोट दिया है. अभी तक कुल 5500 वोट पड़े हैं.

यह रिजल्ट बीजेपी के लिए बहुत ही चिंताजनक है, बॉबी कटारिया को जेल भेजने में भले ही बीजेपी या बीजेपी नेताओं का हाथ ना हो लेकिन फल बीजेपी को ही भुगतना पड़ेगा. 2014 में जिन लोगों ने बीजेपी को वोट दिया होगा, वह अगली बार बीजेपी को वोट नहीं देगा, अगर बॉबी कटारिया चुनाव में नहीं भी खड़े हुए तो लोग बीजेपी से बदला लेने के लिए कांग्रेस या निर्दलीय उम्मीदवारों को वोट देंगे.

लोग करने लगे बॉबी कटारिया को याद, अगर होता आजाद तो बजा देता लूटखोर एशियन अस्पताल का बैंड, पढ़ें

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फरीदाबाद: भगवान ना करे किसी के साथ ऐसा हो, लेकिन ज़रा सोचिये, अगर आपके परिवार का कोई व्यक्ति किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो, अस्पताल वाले आपसे 18 लाख लूट लें और मरीज की जान भी ना बचे, तो आपकी मदद के लिए कौन आएगा. आप मदद के लिए किसकी तरफ देखेंगे. बॉबी कटारिया ऐसा युवक था जो ऐसे मामलों की खबर मिलते ही अस्पताल में पहुँच जाता था और उनके खिलाफ कार्यवाही करवाता था, दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल को उसनें इसी तरह से सीज करवाया था हालाँकि दिल्ली सरकार ने उसे फिर से चालू कर दिया.

अब ऐसा ही मामला फरीदाबाद के एशियन हॉस्पिटल में सामने आया है. फरीदाबाद स्थित एशियन हॉस्पिटल में बुखार से पीड़ित एक गर्भवती महिला की 22 दिन के इलाज के दौरान मौत हो गई. डॉक्टर इलाज के दौरान ना तो उस महिला को बचा पाए और ना ही पेट में पल रही 7 महीने की बच्ची को. मामला इतने पे नही थमा. अस्पताल वालों ने बुखार से पीड़ित महिला का 22 दिन के इलाज के दौरान 18 लाख रुपये से भी ज्यादा का बिल उसके परिजनों को थमा दिया. अब परिजन अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं.

बॉबी कटारिया को याद करने लगे युवक

अब लोग फिर से बॉबी कटारिया को याद कर रहे हैं लेकिन बॉबी कटारिया प्रशासन और अमीर लोगों के खिलाफ जंग में हार गया और उसे जेल में बंद कर दिया गया.

एशियन की घटना के बाद लोग फिर से बॉबी कटारिया को याद कर रहे हैं, लोगों का कहना है कि अगर बॉबी कटारिया जेल के अन्दर ना होता तो वह जरूर एशियन अस्पताल में पहुँचता और उसके खिलाफ कार्यवाही करवा देता, गरीब को न्याय जरूर मिलता. कुछ लोग कह रहे हैं कि आज पूरे देश में बॉबी कटारिया जैसे समाजसेवकों की जरूरत है वरना गरीबों की मदद कौन करेगा.

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क्या है एशियन का मामला

रिपोर्ट के अनुसार नाचौली गाँव के रहने वाले सीताराम द्वारा अपनी 20 वर्षीय गर्भवती बेटी श्वेता को 13 दिसंबर को बुखार होने पर एशियन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. तीन चार दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा महिला के पेट में मर गया है. ऑपरेशन करना पड़ेगा. डॉक्टरों ने शुरु में साढ़े तीन लाख रुपये जमा कराने को कहा. मृतक श्वेता के पिता सीताराम का आरोप है कि डॉक्टर ने रुपया जमा होने के बाद ही ऑपरेशन करने की बात कही और जब तक पैसे जमा नहीं कराए गए तब तक उसका ऑपरेशन नहीं किया.

इसके बाद इलाज के दौरान बिल बढ़ते बढ़ते 18 तक पहुँच गया लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ना तो मेरी बेटी को बचा पाए और ना ही उसके पेट में पल रहे बच्चे को.

इससे पहले गुरुग्राम के फोर्टिस ने ऐसे ही एक मामले में एक बच्चे के परिवार से 15 लाख रुपये लूटे थे, इसके बाद मेदांता अस्पताल ने भी एक बच्चे के इलाज में 16 लाख लूटे थे, दोनों मामलों में बच्चे की जान नहीं बच पाई थी. अब फरीदाबाद में लूट का तीसरा मामला आया है. देखने पर ऐसा लगता है कि अस्पतालों की लूट रोकने में हरियाणा की सरकार नकारा है.

हरियाणा सरकार में लोगों को लूट ले रहे अस्पताल, एशियन अस्पताल ने 18 लाख लूटा, जान भी नहीं बची


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फरीदाबाद: देश के निजी अस्पतालों में अभी लूट खसोट का मामला थमने का नाम नही ले रहा है. अब इस मामलें में फरीदाबाद के भी एक निजी अस्पताल का नाम जुड़ गया है. फरीदाबाद स्थित एशियन हॉस्पिटल में बुखार से पीड़ित एक गर्भवती महिला की 22 दिन के इलाज के दौरान मौत हो गई. डॉक्टर इलाज के दौरान ना तो उस महिला को बचा पाए और ना ही पेट में पल रही 7 महीने की बच्ची को.

मामला इतने पे नही थमा. अस्पताल वालों ने बुखार से पीड़ित महिला का 22 दिन के इलाज के दौरान 18 लाख रुपये से भी ज्यादा का बिल उसके परिजनों को थमा दिया. अब परिजन अस्पताल के खिलाफ जांच की मांग कर रहे हैं.

आपको बता दें कि नाचौली गाँव के रहने वाले सीताराम द्वारा अपनी 20 वर्षीय गर्भवती बेटी श्वेता को 13 दिसंबर को बुखार होने पर एशियन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. तीन चार दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा महिला के पेट में मर गया है. ऑपरेशन करना पड़ेगा. डॉक्टरों ने शुरु में साढ़े तीन लाख रुपये जमा कराने को कहा. मृतक श्वेता के पिता सीताराम का आरोप है कि डॉक्टर ने रुपया जमा होने के बाद ही ऑपरेशन करने की बात कही और जब तक पैसे जमा नहीं कराए गए तब तक उसका ऑपरेशन नहीं किया.

इसके बाद इलाज के दौरान बिल बढ़ते बढ़ते 18 तक पहुँच गया लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ना तो मेरी बेटी को बचा पाए और ना ही उसके पेट में पल रहे बच्चे को.

इससे पहले गुरुग्राम के फोर्टिस ने ऐसे ही एक मामले में एक बच्चे के परिवार से 15 लाख रुपये लूटे थे, इसके बाद मेदांता अस्पताल ने भी एक बच्चे के इलाज में 16 लाख लूटे थे, दोनों मामलों में बच्चे की जान नहीं बच पाई थी. अब फरीदाबाद में लूट का तीसरा मामला आया है. देखने पर ऐसा लगता है कि अस्पतालों की लूट रोकने में हरियाणा की सरकार नकारा है.

बॉबी कटारिया के पिता ने CM खट्टर को बतायी पुलिस के जुल्म की एक एक दास्ताँ, पढ़ें क्या क्या हुआ

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गुरुग्राम: देश का हर युवक जानना चाहता है कि लगातार 8 दिन रिमांड में लेकर गुरुग्राम और फरीदाबाद पुलिस ने बॉबी कटारिया पर क्या क्या जुल्म किये हैं. यह बात बॉबी कटारिया के पिता नरेन्द्र कटारिया से बढ़िया कौन बता सकता है. कल नरेन्द्र कटारिया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (सीएम् विंडो) को गुरुगाम और फरीदाबाद पुलिस के बारे में शिकायत (CMOFF/N/2018/002661) की है और उसके साथ हुई जुल्म की एक एक दास्ताँ बयान की है.

क्या लिखा बॉबी कटारिया के पिता ने

1. मेरा बेटा बॉबी कटारिया एक समाजसेवक है जो युवा एकता फाउंडेशन के नाम से एक NGO चलाता है, वह हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करता है.

2. लोगों की मदद के दौरान मेरे बेटे ने गुरुग्राम और फरीदाबाद के कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के खिलाफ आवाज उठायी, जिसकी वजह से पुलिस और बॉबी कटारिया के बीच में तल्खी बढती गयी.

3. इन पुलिसकर्मियों ने बॉबी कटारिया को कई बार धमकी दी.

4. 24 दिसम्बर को गुरुग्राम पुलिस ने मेरे बेटे को गैर-कानूनी तरीके से अरेस्ट किया. वह उस वक्त अपनी पत्नी के साथ फिल्म देखने गया था. पुलिस ने उसे पीटा और जबरदस्ती उसका मोबाइल और पर्स छीन लिया जिसमें 10 हजार रुपये थे. इसके अलावा उसकी गोल्ड चैन और घडी भी छीन ली. इसके बाद पुलिस रात में ही उसे किसी अज्ञात स्थान पर ले गयी.

5. 25 दिसम्बर को उसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट में जाने पर पता चला कि गुरुग्राम सेक्टर 9 और CIA 4 ने उसके खिलाफ कई झूठे केस दर्ज कर दिए और गैर-जमानती धाराएं लगा दीं हैं. उसके बाद उसे चार दिन के लिए रिमांड पर लिया गया. जब हमने पुलिस और CIA से FIR की कॉपी मांगी तो उन्होंने देने से मना कर दिया.

6. गुरुग्राम सेक्टर 9 की पुलिस ने हमें बिना FIR की कॉपी दिए मेरे बेटे को 4 दिन के रिमांड पर किसी अज्ञात स्थान पर ले गयी, इस दौरान हमें उससे मिलने की इजाजत नहीं दी गयी.

7. 29 जनवरी को मेरे बेटे को इलाका मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, मैं उससे कोर्ट में मिला, उसनें मुझे बताया कि पुलिस और CIA की टीम उसे चार दिनों तक बेदर्दी के साथ पीटती रही. उसे ढंग के कपडे और खाना और पानी भी नहीं दिया गया. उसनें मुझसे कोर्ट में रोते हुए कहा कि - मुझे बचा लो वरना पुलिस वाले मुझे डाल डालेंगे. कोर्ट में भी मेरे बेटे को सादी वर्दी में पुलिस वाले लात से मार रहे थे. मेरे बेटे ने मुझसे यह भी बताया कि उसे आंतरिक जख्म हैं, पूरे शरीर, पीठ, सीने, कमर, चेहरे और पैरों में दर्द है, मैं ठीक से साँसें भी नहीं ले पा रहा हूँ, मेरे पैर चलने लायक नहीं हैं.

8. इसके बाद 29 दिसम्बर को ही पुलिस ने मेरे बेटे को 2 दिन के रिमांड पर ले लिया. मैं मजबूर होकर कोर्ट की कार्यवाही को देखता रहा. पुलिस फिर से मेरे बेटे को 2 दिन के लिए अज्ञात जगह पर ले गयी. हमें फिर से उससे नहीं मिलने दिया गया. 31 दिसम्बर को कोर्ट में फिर से मेरे बेटे को पेश किया गया. मैं उससे मिला तो उसनें बताया कि पुलिस और CIA वालों ने मुझे फिर से बेरहमी के साथ पीटा, मुझे धमकी दी गयी कि अगर मैंने भविष्य में पुलिस वालों के खिलाफ बोला तो मुझे जान से मार देंगे. मेरे बेटे की शारीरिक और मानसिक हालत बहुत खराब थी, पुलिस ने लगातार 6 दिन तक रिमांड में उसे कोई मेडिकल हेल्प नहीं दी.

9. इसके बाद गुरुग्राम पुलिस की ही तर्ज पर फरीदाबाद पुलिस ने भूपानी पुलिस स्टेशन में मेरे बेटे के खिलाफ झूठा और फर्जी केस दर्ज किया और गिरफ्तार कर लिया, उसके ऊपर गैर-जमानती धाराएं लगाकर 2 दिन के रिमांड पर ले लिया. 

10. मेरा बेटा बॉबी कटारिया हरियाणा में कुछ भ्रष्ट लोगों का शिकार बन गया. 31 दिसम्बर को हम गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर से मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने हमसे मिलने से मना कर दिया और हमें दफ्तर से जाने को बोल दिया गया. उसके बाद हम 1 जनवरी को क्षेत्र के विधायक और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह से मिले, उन्होंने भी हमारी कोई मदद नहीं की और पुलिस की कार्यवाही में दखल देने से इनकार कर दिया, उन्होंने हमसे ऐसी बात की जैसे कि वह पुलिस के ही प्रवक्ता हों. मंत्री की ड्यूटी होती है कि वह क्षेत्र के लोगों की मदद करे लेकिन हमें उनसे निराशा मिली.

11. गुरुग्राम पुलिस पर झूठे केस दर्ज करने का ट्रैक रिकॉर्ड है. प्रद्युमन मर्डर केस में हमने देखा कि गुरुग्राम पुलिस ने स्कूल के बस कंडक्टर को फर्जी तरीके से फंसाना चाहा, उसे बेरहमी के साथ टॉर्चर किया गया, उसे हत्या का झूठा जुर्म कबूलने के लिए मजबूर कर दिया गया, उसे 2 महीनें के लिए जेल में डाला गया. अगर CBI ने ईमानदारी से मामले की जांच ना की होती तो निर्दोष अशोक को कोर्ट से सजा मिल जाती.

12. आप हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं इसलिए हमें आप से न्याय की उम्मीदें हैं. हम आप से मांग करते हैं - 

  • आप गुरुग्राम और फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर को फर्जी केस हटाने का आदेश दें
  • मेरे बेटे को साजिश के तहत फंसाने और रिमांड में लेकर टॉर्चर करने वाले पुलिसकर्मियों और CIAस्टाफ के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्यवाही करें.
  • दोषी पुलिस कर्मियों को तुरंत डिसमिस करें या सस्पेंड करें.
  • मेरे बेटे को अच्छे अस्पताल में भर्ती कराकर उसका दिमागी और शारीरिक इलाज किया जाए
  • पुलिस द्वारा साजिश के तहत मेरे बेटे को समाज में बदनाम करने का आर्थिक मुआवजा मिले.
  • मेरे बेटे की पुलिस के द्वारा सुरक्षा की जाए.

वकील रविंदर सिंह ढुल बोले, जेल में रहना बॉबी कटारिया के लिए ज्यादा सही, अभी नहीं मांगेंगे बेल

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गुरुग्राम: बॉबी कटारिया को अभी कुछ दिन और जेल में रहना पड़ेगा. उनके लिए अभी हाई कोर्ट से जमानत नहीं मांगी जाएगी. अगर वह जेल से बाहर आ गए तो गुरुग्राम की पुलिस उन पर कई केस और ठोंक देगी. इसलिए बेहतर यही है कि वह जेल में रहें. यह कहना है बॉबी कटारिया के वकील रविंदर सिंह ढुल का.

रविंदर सिंह ढुल चंडीगढ़ के जाने माने वकील माने जाते हैं. उन्होंने हाल ही में बॉबी कटारिया का केस अपने हाथों में लिया है. बॉबी कटारिया के समर्थकों को उम्मीद थी कि रविंदर सिंह ढुल जल्द ही बॉबी को जेल से बाहर निकलवा लेंगे और गुरुग्राम के दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्यवाही करवाएंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है.

रविंदर सिंह ढुल ने खरी खरी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि - बॉबी कटारिया के परिवार वाले और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मेरे पास इस केस को लेने की गुहार की थी.

रविंदर सिंह ढुल ने कहा कि इस मामले को हम हाई कोर्ट में लाकर जाएंगे, इसे क्वेशिंग में डाल सकते हैं क्योंकि परिवार वाले दावा कर रहे हैं कि केस झूठे हैं, उसे कस्टडी में लेकर टॉर्चर किया जा रहा है, हम हाई कोर्ट से मांग करेंगे कि एक मेडिकल बोर्ड का गठन करके सम्पूर्ण मेडिकल जांच कराई जाय ताकि इस बात का पता चल सके कि उनके साथ किस प्रकार का टॉर्चर हुआ है.

बॉबी ने किया गलत काम: रविंदर सिंह ढुल

रविंदर सिंह ने बॉबी कटारिया के काम को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने जो वीडियो शेयर किये थे वो गलत थे, सभ्य समाज में इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर हम बात करें पुलिस और प्रशासन कि तो सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर पुलिस अपने अधिकारों का अतिक्रमण करती है, तो उसे लीगल टेररिज्म या कानूनी आतंकवाद कहा जाता है. यदि पुलिस और प्रशासन ही आम जनता को झूठे केसों में फँसाएगा तो ना तो संविधान का कोई मतलब रह जाता है और ना ही न्याय व्यवस्था का.

बॉबी कटारिया का जेल में रहना ज्यादा सही

रविंदर सिंह ढुल ने बॉबी कटारिया के समर्थकों को सन्देश देते हुए कहा कि - न्याय व्यवस्था पर भरोसा रखें, न्यायिक प्रक्रिया लम्बी भी चलती है, बॉबी कटारिया के ऊपर 6 FIR हैं जिसमें से 2 में वे एंटीसिपेटरी बेल पर हैं, 1 बेल खारिज हुई है, 3 केसों में हमने बेल लगाई नहीं है. हमारे वकीलों का पैनल इसपर चर्चा करेगा कि बॉबी कटारिया पर किस तरह जमानत लगानी चाहिए, किस प्रकार से बॉबी के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाए, हमें यह भी देखना है कि भविष्य में बॉबी पर झूठे केस ना लगें, इसलिए हमने सोचा है कि हम अगले कुछ दिनों तक जमानत नहीं लगाएंगे, क्योंकि अगर वह बाहर आएँगे तो उनके ऊपर दो चार मामले और दर्ज हो जाएंगे. ऐसा लगता है कि बॉबी के पीछे पूरा प्रशासन लगा हुआ है इसलिए उसका न्यायिक हिरासत में रहना ज्यादा सही है.

गुरुग्राम पुलिस से उठा युवाओं का भरोसा, अब CBI जांच दिला सकती है बॉबी कटारिया को न्याय, पढ़ें

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गुरुग्राम:  बॉबी कटारिया के ऊपर गुरुग्राम पुलिस जिस तरह से केस पर केस दर्ज करती जा रही है उसे देखकर देश भर के लाखों युवाओं का भरोसा गुरुग्राम पुलिस से उठ चुका है, सबसे ताज्जुब की बात तो ये है कि वे ढूंढ ढूंढकर केस बना रहे हैं, हाल ही में गुरुग्राम पुलिस ने बॉबी कटारिया पर हरिजन एक्ट के तहत भी दर्ज कर दिया जबकि जिस वीडियो के आधार पर हरिजन एक्ट का केस लगाया गया उस वीडियो में बॉबी ने कोई जातिसूचक शब्द बोले ही नहीं. 

यह सब देखते हुए बॉबी कटारिया के समर्थक अब CBI जांच की मांग करने लगे हैं, जिस प्रकार से प्रद्युमन मामले में CBI जांच के बाद केस पलट गया था, गुरुग्राम पुलिस की असली सूरत दिख गयी थी, उसी तरह से बॉबी कटारिया मामले में भी गुरुग्राम पुलिस के कई पुलिस अफसर फंस सकते हैं.

आपने देखा होगा कि प्रद्युमन मर्डर केस में मुख्य आरोपी को बचाने के लिए पुलिस ने स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को हत्यारा बता दिया था, बाद में अशोक ने बताया कि पुलिस ने मुझे टॉर्चर करके, बिजली के झटके देकर, नशे के इंजेक्शन लगाकर गुनाह कबूलने को कहा, इसीलिए मैंने डरकर गुनाह कबूल कर लिया. अगर इस केस की CBI जांच ना होती तो गुरुग्राम पुलिस अशोक को हत्यारा साबित कर चुकी होगी और निर्दोष अशोक को फांसी हो जाती.

यही सब देखकर युवा एकता मंच के लोग बॉबी कटारिया मामले की भी CBI जांच की मांग कर रहे हैं, लोगों का कहना है की पुलिस ने पर्सनल खुन्नस निकालने के लिए बॉबी पर मामले दर्ज किये हैं, बॉबी के खिलाफ गिरफ्तारी के वक्त पुलिस के पास ना FIR की कॉपी थी और ना ही अरेस्ट वारंट था, बिना अरेस्ट वारंट के पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, 6 दिन के लिए रिमांड पर लिया और उन्हें थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया.

आज युवा एकता मंच के आन्दोलन की अगुवाई करने वाले बीरेंद्र सिंह ने कहा की अब बॉबी कटारिया को कानून ही इन्साफ दिला सकता है, पुलिस-प्रशासन मर चुका है, कोई सुनने वाला नहीं है, युवाओं को एकजुट होने की जरूरत है, पूरे देश में बॉबी कटारिया के खिलाफ हुए जुल्म को पहुंचाने की जरूरत है, हर जिले में शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया जाए, जिलाधिकारियों को मोदी, राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन दिया जाए, इस केस की CBI जांच की मांग की जाए. बैठने से काम नहीं बनेगा. अब सबको बॉबी कटारिया बनकर बॉबी के लिए न्याय माँगना होगा.

गीता जयंती समारोह में फिजूलखर्ची के आरोपों को मंत्री अनिल विज ने बताया गलत

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चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने पिछले महीनें 17-21 दिसम्बर को कुरुक्षेत्र में महाविशाल गीता जयंती समारोह का आयोजन किया था जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अलावा भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, हरियाणा के राज्यपाल और कई मंत्रियों ने शिरकत की थी. बीजेपी सांसद हेमा मालिनीं ने भी एक कलाकार के तौर पर इसमें भाग लिया था और उन्हें कुछ मेहनताना भी मिला था. 

अब विपक्षी पार्टियों के लोग हरियाणा सरकार पर इस कार्यक्रम को लेकर फिजूलखर्ची का आरोप लगा रहे हैं. कल मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर ने इन आरोपों को गलत बताया था, आज स्वास्थय मंत्री अनिल विज ने भी विपक्षियों के इन आरोपों को गलत बताया.

बात दरअसल यह थी कि RTI में दिए गए जवाब में सरकार के ही लोगों ने बढ़ाकर खर्च दिखा दिया जिसकी वजाह से विरोधियों को बोलने का मौका मिल गया. जब मामले ने तूल पकड़ा तो मंत्री अनिल विज ने RTI इनफार्मेशन को ही गलत बता दिया. उन्होंने कहा कि RTI में गलत जानकारी दी गयी है. हमारी सरकार ना तो घपला करती है और ना ही फिजूलखर्ची. उन्होंने कहा कि हेमा मालिनीं जी एक कलाकार के तौर पर आयीं थी इसलिए उन्हें सम्मानित राशि प्रदान की गयी.

देशभक्त बॉबी कटारिया की कोई खबर नहीं, आजादी गैंग के लिए गिद्धों की तरह टूट पड़ा मीडिया, वाह

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नई दिल्ली: देश में मीडिया को चौथा स्तम्भ कहा जाता है लेकिन अब मीडिया की भूमिका ना सिर्फ शर्मनाक हो गयी है बल्कि सन्देश के भी घेरे में आ चुकी है. मीडिया से उम्मीद की जाती है कि वह हर तरह की ख़बरें दिखाए और सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दे लेकिन आज का मीडिया ऐसा नहीं कर रहा है.

गुरुग्राम में बॉबी कटारिया का इतना बड़ा मामला चल रहा है एक दो मीडिया को छोड़कर अब तक किसी ने भी उसकी खबर नहीं दखाई है. प्रशासन ने बॉबी कटारिया और उसके समर्थकों को दबाने के लिए पूरी ताकत लगा दी, कल उन्हें दिल्ली के राम लीला मैदान से भगा दिया गया, कनाट प्लेस तक मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी गयी, उनपर पुलिस लाठीचार्ज करने के लिए तैयार हो गयी, करीब 300-400 युवाओं ने बॉबी कटारिया के समर्थन में मार्च निकाला लेकिन उसको कवर करने के लिए कोई भी मीडिया नहीं पहुंचा.

आज दिल्ली के जंतर मंतर पर आजादी गैंग के सदस्य जिग्नेश मेवाणी की रैली है, जिग्नेश मेवाणी पर दलित राजनीति करके दलितों और अन्य समुदायों में नफरत का माहौल बनाने के आरोप लग रहे हैं, इनके साथी उमर खालिद और कन्हैया कुमार देश के टुकड़े टुकड़े करने के नारे लगाते हैं. ये दलित और अन्य समाज में नफरत फैलाकर समाज के टुकड़े टुकड़े करने की बात करते हैं.

आज सबसे अधिक सवाल मीडिया पर उठ रहे हैं, जनता मंतर पर जिग्नेश की रैली में सिर्फ 200-300 लोग आये हैं लेकिन इससे अधिक मीडिया की भीड़ आयी है, जिस तरह से गिद्ध लाश पर टूट पड़ते हैं उसी तरह से आज मीडिया के लोग जिग्नेश की एक फोटो खींचने के लिए जंतर मंतर पर टूट पड़े हैं. आज ऐसा लग रहा है जैसे दुनिया का सबसे बड़ा नेता आ रहा हो.

अब आप खुद सोचिये, एक तरह गरीबों के हीरो, गुरुग्राम के भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ने वाले बॉबी कटारिया के समर्थन में रैली निकालने के लिए रामलीला मैदान में 500 लोग पहुँचते हैं लेकिन वहां पर कोई मीडिया नहीं जाता और दूसरी तरह आजादी गैंग की रैली होती है, सिर्फ 200-300 लोग आते हैं लेकिन वहां पर 500 पत्रकार पहुँचते हैं, गिद्धों की तरह टूट पड़ते हैं.

युवाओं के सर पर चढ़ता जा रहा बॉबी कटारिया का जादू, फरीदाबाद के युवक बोले, पूरी तरह से भाई के साथ

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फरीदाबाद: बॉबी कटारिया की खबरों को भले ही प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नहीं दिखा रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया की महरबानी से उसके समर्थकों की संख्या दिन दूना और रात चौगुनी बढ़ रही है, पूरे देश के युवाओं के सिर्फ पर बॉबी कटारिया का जादू चढ़कर बोल रहा है. उसपर हो रहे जुल्म की कहानी हर युवक समझ गया है इसलिए अब देश के सभी शहरों के उसके समर्थन में आवाज उठ रही है.

दिन दिन पहले बॉबी कटारिया के समर्थक पुलिस प्रशासन के विरोध में गुरुग्राम में शानातिपूर्वक कैंडल मार्च निकालने गए थे, जिसके फरीदाबाद के कुछ युवक भी शामिल थे, कैंडल मार्च के लिए परमीशन भी ली गयी थी उसके बावजूद भी पुलिस ने कैंडल मार्च नहीं निकालने दिया और युवाओं पर लाठीचार्ज कर दिया.

पुलिस की लाठियां खाने में फरीदाबाद के कुछ युवक भी शामिल थे, पुलिस ने सोचा होगा कि लाठियां खाने के बाद लोग डर जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. युवाओं की हिम्मत अब और बढ़ गयी है. फरीदाबाद के कुछ युवाओं ने एक वीडियो में बताया कि हम शांतिपूर्वक कैंडल मार्च निकालने गए थे लेकिन पुलिस ने हमारे साथ बहुत गलत किया. हमपर लाठीचार्ज किया लेकिन प्रशासन कुछ भी कर ले, हम पूरी तरह से बॉबी भाई के साथ हैं और रहेंगे, अगर आगे भी शांतिपूर्वक प्रदर्शन की जरूरत पड़ी हो हम फिर से करेंगे.

अगर बॉबी कटारिया की पैरवी करता कोई साइबर एक्सपर्ट वकील तो अब तक घर होते बॉबी कटारिया, पढ़ें

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गुरुग्राम: युवा एकता फाउंडेशन के चीफ बॉबी कटारिया के खिलाफ एक के बाद एक केस दर्ज होते जा रहे हैं लेकिन कोई वकील ना तो उनकी जमानत करवा पा रहा है और ना ही हाई कोर्ट में जाकर FIR रद्द करवाने की अपील कर पा रहा है, ऐसा लगता है कि बॉबी कटारिया के घर वालों के पास अच्छे साइबर एक्सपर्ट वकीलों की कमीं है इसलिए वे केस के बारे में सही ढंग से तर्क नहीं दे पा रहे हैं और उसी का नतीजा ये है कि बॉबी कटारिया पर एक के बाद एक केस दर्ज होते जा रहे हैं.

बॉबी कटारिया फरीदाबाद की नीमका जेल में सजा काट रहे हैं, सबसे हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक किसी को यह भी नहीं पता है कि बॉबी कटारिया को कितने दिनों के लिए जेल भेजा गया है. ऐसा लग रहा है कि कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है और बॉबी के वकील मजाक उड़ता हुआ देख रहे हैं.

क्या होते हैं साइबर एक्सपर्ट वकील

जिस तरह से तीन प्रकार की पुलिस होती है - सिविल पुलिस, क्राइम ब्रांच पुलिस और साइबर पुलिस. उसी प्रकार से तीन प्रकार के वकील भी होते हैं - सिविल लायर, क्रिमिनल लायर और साइबर एक्सपर्ट लायर. सिविल लायर क्रिमिनल लायर का केस नहीं लड़ता, उसी प्रकार से सभी वकीलों को साइबर लॉ की जानकारी नहीं होती. बड़े से बड़े सिविल या क्रिमिनल वकीलों को भी जरूरी नहीं कि साइबर लॉ की जानकारी हो.

बॉबी को साइबर एक्सपर्ट वकीलों की क्यों जरूरत

बॉबी कटारिया को बड़े से बड़े वकीलों की नहीं बल्कि साइबर एक्सपर्ट वकीलों की जरूरत है. हर किसी को सोशल मीडिया, आईटी लॉ और साइबर लॉ का ज्ञान नहीं होता. यहाँ तक कि राम जेठमलानी को भी साइबर लॉ का ज्ञान नहीं होगा, साइबर लॉ विल्कुल अलग चीज है.

बॉबी कटारिया पर पर्स चोरी के मामले को छोड़कर सभी मामले फेसबुक वीडियो के आधार पर लगाए गए हैं - चाहे वह हरिजन एक्ट का केस हो या जबरन वसूली का, ऐसे में वकीलों को सभी वीडियो देखकर उसकी रिपोर्ट बनानी चाहिए और आईटी लॉ के आधार पर कानूनी लड़ाई लडनी चाहिए और तर्क रखने चाहियें लेकिन इसलिए लिए जरूरी है कि आईटी और आईटी लॉ का ज्ञान और अनुभव होना . भारत में अभी साइबर मामले कम सामने आते हैं इसलिए साइबर वकील भी कम ही हैं.


वैसे भी फेसबुक वीडियो के आधार पर यह अपने आप में पहला मामला है.

बॉबी कटारिया ने किसी भी पुलिस वाले को उसके मुंह पर गाली नहीं दी है, उन्होंने फेसबुक वीडियो में गालियाँ दी हैं, यह आईटी एक्ट का मामला है, यह IT एक्ट 67A का मामला बनता है जिसमें किसी के खिलाफ गालियां देना अपराध है लेकिन यह Bailable Offence है, मतलब इसमें हैंड टू हैंड जमानत है.

इसके बाद जबरन वसूली का केस (IPC धारा  386) का मामला भी फेसबुक वीडियो के आधार पर ही दर्ज किया गया है, जबकि वीडियो में साफ़ साफ़ पता चल रहा है कि पैसा निकिता के इलाज के लिए माँगा जा रहा है जिसका पैर अरावली स्कूल की बस के नीचे कट गया था. अगर धमकी दी भी गयी है तो यह भी आईटी लॉ के अंतर्गत आता है और इसकी भी इसी कानून के तहत जाँच पड़ताल होनी चाहिए. हमने वीडियो देखा तो कहीं से भी नहीं लगा कि बॉबी कटारिया ने किसी भी आदमी से अपने लिए जबरन पैसे मांगे हैं. हाँ उसनें निकिता के इलाज के लिए जरूर पैसे मांगे थे.

साइबर कोर्ट भी होती हैं अलग

बॉबी कटारिया के वकील इस मामले को लेकर साइबर कोर्ट भी जा सकते हैं और वहां पर सभी FIR को रद्द करवा सकते हैं, सिविल कोर्ट के जज फेसबुक वीडियो नहीं देखते और ना ही उनके पास देखने का समय होता है, जज वही फैसला सुनाते हैं तो पुलिस वाले अपनी रिपोर्ट में लिखकर देते हैं. जजों के पास इतना समय ही नहीं होता, ऐसे में अगर वकील सही से तर्क नहीं दे पाते तो जज झट से पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर फैसला सुना देते हैं. लेकिन साइबर कोर्ट के जज हर तरह से चेक करके ही फैसले सुनाते हैं.

अभी तक हाई कोर्ट नहीं गए बॉबी के पैरोकार

यह भी सवाल उठ रहे हैं कि बॉबी कटारिया के वकील अब तक हाई कोर्ट क्यों नहीं गए, आखिर किस चीज का इंतजार कर रहे हैं. अगर यहाँ पर पुलिस-प्रशासन और जजों पर दबाव है तो हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी देनी चाहिए थे, वहां से कई FIR भी रद्द हो जाती - जैसे जबरन वसूली की. यही नहीं हरिजन एक्ट का मामला भी वहां पर रद्द हो जाएगा क्योंकि जिस वीडियो के आधार पर उनपर हरिजन एक्ट का मामला दर्ज हुआ है उसमें उन्होंने किसी भी जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है.

गुरुग्राम पुलिस ने बनाया बॉबी कटारिया को लम्बे समय तक अंदर रखने का प्लान, ठोंका हरिजन एक्ट केस

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गुरुग्राम: युवा एकता फाउंडेशन के अध्यक्ष बॉबी कटारिया को गुरुग्राम पुलिस ने लम्बे समय का अन्दर रखने का प्लान बना लिया है, आज उनपर गुरुग्राम के सेक्टर 9 थाने में हरिजन एक्ट का भी केस ठोंक दिया गया है, अब तक बॉबी कटारिया के खिलाफ गुरुग्राम में 6 केस दर्ज किये गए हैं. हरिजन एक्ट का केस काफी खतरनाक है और अगर पुलिस ने इसे प्रूफ कर दिया तो बॉबी कटारिया को कम से कम 5 साल की सजा होगी और जमानत मिलनी मुश्किल हो जाएगी.

आपको बता दें कि 24 दिसम्बर को बॉबी कटारिया ने एक लाइव वीडियो में गुरुग्राम सेक्टर 10A चौकी के प्रभारी संदीप और सेक्टर 9 चौकी के ASI घनश्याम के खिलाफ गुस्से में जमकर उल्टा-सीधा बोला था. उसी वीडियो को आधार बनाकर ASI घनश्याम ने अपने नाम से बॉबी कटारिया के खिलाफ हरिजन एक्ट (SC/ST केस) के तहत मामला दर्ज किया गया है. शायद वीडियो बनाते समय बॉबी को पता भी नहीं रहा होगा कि घनश्याम SC है. घनश्याम ने इसी का फायदा उठाया है लेकिन उन्हें प्रूफ भी करना पड़ेगा.

आज सेक्टर 9 के थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने सूचना दी कि बॉबी कटारिया के खिलाफ धमकी देने और जाति सूचक शब्द कहने के लिए हरिजन एक्ट (SC/ST) का केस दर्ज किया गया है. ASI घनश्याम का कहना है कि बसई निवासी बॉबी कटारिया ने वीडियो में उनके लिए कई बार जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया.

जब हमने गुरुग्राम पुलिस के दावे की पड़ताल की और बॉबी कटारिया का वह वीडियो देखा तो हमें एक भी जातिसूचक शब्द नहीं मिला, अब पता नहीं गुरुग्राम पुलिस इस एक्ट को कैसे प्रूफ करेगी. आप भी देखिये ये वीडियो और बताइये कि बॉबी कटारिया ने कहाँ पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया है. अगर गुरुग्राम पुलिस इस केस को साबित नहीं कर पायी तो उल्टा फंसेगी.

बॉबी कटारिया को मिला हिसार के युवा एकता मंच का साथ, अब हर शहर में पैदा होंगे बॉबी कटारिया, पढ़ें

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हिसार: देश का ऐसा कोई राज्य और ऐसा कोई जिला नहीं है जहाँ से बॉबी कटारिया को समर्थन नहीं मिल रहा है. पूरे देश में और यहाँ तक कि विदेशों से भी उन्हें समर्थन मिल रहा है, हर कोई बॉबी कटारिया को अच्छा इंसान और गरीबों का मददगार बता रहा है. अगर बॉबी कटारिया की 10 परसेंट गलती है तो उसनें 90 परसेंट अच्छे काम भी किये हैं और इन्हीं 90 परसेंट अच्छे कामों को देखकर लोग उसकी मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं.

कुछ दिनों ने बॉबी कटारिया के समर्थक नारा लगा रहे हैं कि - तुम कितने बॉबी डराओगे, घर घर से बॉबी निकलेगा. गुरुग्राम की समाज सेवी महिला संगीता दहिया ने भी गुरुग्राम को फटकारते हुए कहा था कि तुम एक बॉबी के टांगें तोड़ोंगे तो 1000 बॉबी कटारिया और पैदा होंगे. संगीता की बात सच साबित हो रही है, हजारों नहीं पूरे देश में लाखों बॉबी कटारिया पैदा हो सकते हैं क्योंकि अब देश का हर युवा बॉबी कटारिया बनना चाहता है, गरीबों की मदद करके नाम कमाना चाहता है और भ्रष्ट सिस्टम को उखाड़ फेंकना चाहता है.

आज हिसाब का युवा एकता मंच भी बॉबी कटारिया के समर्थन में आगे आ गया. दर्जनों युवाओं ने एकजुट होकर हिसार के डीसी को ज्ञापन दिया और बॉबी कटारिया जिंदाबाद के नारे लगाये. मंच के लीडर रवि ताखर ने इस अवसर पर कहा कि बॉबी कटारिया सिर्फ गरीबों की मदद कर रहा था लेकिन कुछ लोगों ने साजिश के तहत उसका ये हाल कर दिया है. हम उसके साथ हैं, अगर प्रशासन ने हमारी बात नहीं मानी और उसके साथ न्याय नहीं किया तो हम बड़ा आन्दोलन करेंगे.

DGP हरियाणा तक पहुंचा बॉबी कटारिया मामला, थर्ड डिग्री देने वाले अफसरों को सस्पेंड करने की मांग

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पंचकूला: युवा एकता फाउंडेशन के चीफ बॉबी कटारिया को न्याय दिलाने के लिए आज कई संस्थाओं के लोग हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू से मिलने पहुंचे और गुरुग्राम और फरीदाबाद पुलिस की शिकायत की। 

मिलने गए तमाम संस्थाओं के लोगों का कहना था कि रिमांड के बाद बॉबी कटारिया का मेडिकल नहीं करवाया गया, जब उन्हें फरीदाबाद ले जाया गया तो भी मेडिकल नहीं कराया गया और वहां पर रिमांड में लेने के बाद भी मेडिकल नहीं कराया गया। इस दौरान लोगों ने मांग बॉबी कटारिया को थर्ड डिग्री टॉर्चर की शिकायत की और दोषी पुलिस अफसरों को सस्पेंड करने की मांग की.

डीजीपी से मिलने गए लोगों के पास कोई कागजात नहीं थे, ना तो FIR की कॉपी थी और ना ही अन्य कोई दस्तावेज थे, डीजीपी ने लोगों से पूरे मामले की जानकारी मांगी है। 

मीडिया राखी सावंत के चुम्बन की खबर तो दिखा सकता है, बॉबी कटारिया की खबर नहीं: राजीव कुमार

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गुरुग्राम: बॉबी कटारिया मामले को प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कवर नहीं कर रहा है इसलिए लोगों को पता नहीं चल पा रहा है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद में हो क्या रहा है. यहाँ पर युवाओं और पुलिस के बीच बहुत बड़ी जंग चल रही है, युवा अपनी ताकत लगा रहे हैं तो पुलिस अपनी ताकत लगा रही है. पुलिस युवाओं के खिलाफ जितनी ताकत लगा रही है अगर उतनी ही ताकत जुर्म और जुर्म करने वालों के खिलाफ लगाती तो जुर्म से लड़ने वाले बॉबी कटारिया जैसे लोग पैदा ही नहीं होते.

बॉबी कटारिया मामले में मीडिया की ऑंखें बंद देखकर क्राइम रिपोर्टर राजीव कुमार ने मीडिया को जमकर लताड़ा है. उन्होंने कहा कि मैं इस पूरे मामले को देख रहा हूँ, मैं पुलिस की जांच भी देख रहा हूँ और बॉबी कटारिया का भी समर्थन देख रहा हूँ.

उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में पत्रकारों की जो ह्त्या हो रही है उसका मुख्य कारण है पत्रकारों का सामने ना आना और उनके द्वारा इस देश में आवाज ना उठने देना, मेरा एक सीधा सा सवाल है, हिंदुस्तान के तमाम मीडिया से, हमारे देश में राखी सावंत के एक चुम्बन के केस को तो दिखा सकते हैं लेकिन चाहे वो नकारात्मक हो या सकारात्मक, लेकिन बॉबी कटारिया की खबर नहीं दिखा सकते.

उन्होंने कहा कि मीडिया एक माध्यम है जो दोनों पक्षों की भूमिका निभाते हैं, मैं इस बात को कहना चाहता हूँ कि अगर हिंदुस्तान का मीडिया बॉबी कटारिया को लेकर इस देश के समक्ष उनका पक्ष नहीं रखता है तो हिंदुस्तान को बर्बाद करने में सबसे बड़ी भूमिका इस देश का चौथा स्तंभ यानी मीडिया निभा रहा है.

कौन है बॉबी कटारिया

गुरुग्राम का बॉबी कटारिया जुर्म के खिलाफ लड़ने वाला हीरो है, गुरुग्राम के भ्रष्ट पुलिस अफसर उसके नाम से थर थर कांपते थे, भ्रष्टाचार करने से पहले सोचते थे कि कहीं बॉबी कटारिया ना आ जाए और उनकी लाइव वीडियो ना बना ले, जी हाँ, बॉबी कटारिया पुलिस थानों में घूमता रहता था और दारू पीते हुए, सोते हुए पुलिस वालों की वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देता था. धीरे धीरे पुलिस में बॉबी कटारिया से डर फ़ैल गया. पुलिस भी बदला लेने के लिए मौके का इन्तजार करने लगी, एक दिन बॉबी कटारिया ने कुछ पुलिस वालों को गाली दे दी तो पुलिस ने उसी रात उसे गिरफ्तार कर लिया.

गुरुग्राम पुलिस ने बॉबी कटारिया को 6 दिन की रिमांड में लिया. इसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने भी उसे दो दिन की रिमांड पर लिया. उसके मम्मी पापा बताते हैं कि गुरुग्राम और फरीदाबाद पुलिस ने मिलकर उनके बेटे को 8 दिन रिमांड में लेकर इतना मार दिया है कि वह अब अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. 

इस वक्त बॉबी कटारिया फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद हैं, उन्हें 24 दिसम्बर को गुरुग्राम पुलिस ने रात 11 बजे गिरफ्तार किया था, उन्हें या उनके परिवार को ना तो FIR की कॉपी दी गयी और ना ही वारंट दिखाया गया, पुलिस ने सीधा उठाकर उन्हें थाने ले गयी और कई धाराएं ठोंक दी, इसके बाद उन्हें 6 दिन का रिमांड लेकर कथित कौर पर थर्ड डिग्री दी गयी जो कि बड़े बड़े आतंकवादियों को दी जाती है. 

जितनी ताकत कैंडल मार्च निकालने से रोकने में लगाई, उतनी ताकत अपराधियों के खिलाफ लगाती पुलिस, तो

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गुरुग्राम: बॉबी कटारिया मामले को प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कवर नहीं कर रहा है इसलिए लोगों को पता नहीं चल पा रहा है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद में हो क्या रहा है. यहाँ पर युवाओं और पुलिस के बीच बहुत बड़ी जंग चल रही है, युवा अपनी ताकत लगा रहे हैं तो पुलिस अपनी ताकत लगा रही है. पुलिस युवाओं के खिलाफ जितनी ताकत लगा रही है अगर उतनी ही ताकत जुर्म और जुर्म करने वालों के खिलाफ लगाती तो जुर्म से लड़ने वाले बॉबी कटारिया जैसे लोग पैदा ही नहीं होते.

जी हाँ, गुरुग्राम का बॉबी कटारिया जुर्म के खिलाफ लड़ने वाला हीरो है, गुरुग्राम के भ्रष्ट पुलिस अफसर उसके नाम से थर थर कांपते थे, भ्रष्टाचार करने से पहले सोचते थे कि कहीं बॉबी कटारिया ना आ जाए और उनकी लाइव वीडियो ना बना ले, जी हाँ, बॉबी कटारिया पुलिस थानों में घूमता रहता था और दारू पीते हुए, सोते हुए पुलिस वालों की वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देता था. धीरे धीरे पुलिस में बॉबी कटारिया से डर फ़ैल गया. पुलिस भी बदला लेने के लिए मौके का इन्तजार करने लगी, एक दिन बॉबी कटारिया ने कुछ पुलिस वालों को गाली दे दी तो पुलिस ने उसी रात उसे गिरफ्तार कर लिया.

गुरुग्राम पुलिस ने बॉबी कटारिया को 6 दिन की रिमांड में लिया. इसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने भी उसे दो दिन की रिमांड पर लिया. उसके मम्मी पापा बताते हैं कि गुरुग्राम और फरीदाबाद पुलिस ने मिलकर उनके बेटे को 8 दिन रिमांड में लेकर इतना मार दिया है कि वह अब अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. 

इस वक्त बॉबी कटारिया फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद हैं, उन्हें 24 दिसम्बर को गुरुग्राम पुलिस ने रात 11 बजे गिरफ्तार किया था, उन्हें या उनके परिवार को ना तो FIR की कॉपी दी गयी और ना ही वारंट दिखाया गया, पुलिस ने सीधा उठाकर उन्हें थाने ले गयी और कई धाराएं ठोंक दी, इसके बाद उन्हें 6 दिन का रिमांड लेकर कथित कौर पर थर्ड डिग्री दी गयी जो कि बड़े बड़े आतंकवादियों को दी जाती है. 

कल बॉबी कटारिया के लिए न्याय की उम्मीद में उनके हजारों समर्थक गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम के बाहर इकठ्ठे हुए और कैंडल मार्च निकालने की कोशिश की, वहां पर उन्हें रोकने के लिए 1000 पुलिस के जवान लगाए गए, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, कई लोगों पर लाठीचार्ज किया गया. इस घटना पर भी मीडिया ने चुप्पी बनाए रखी.

कुछ लोग कह रहे हैं कि गुरुग्राम पुलिस जितनी ताकत बॉबी कटारिया के समर्थन में कैंडल मार्च निकालने से रोकने में लगा रही है, अगर इतनी ताकत अपराधियों के खिलाफ लगाती, अगर हजारों पुलिस वालों को उनके पीछे दौडाती तो बॉबी कटारिया पैदा ही नहीं होता, बॉबी कटारिया को देश विदेश के लाखों करोड़ों युवक अपना हीरो मानते ही नहीं.

अगर दलित या मुस्लिम होता बॉबी कटारिया तो अब तक कोहराम मचा देता मीडिया, चुप्पी पर उठ रहे सवाल

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गुरुग्राम: युवा एकता फाउंडेशन के अध्यक्ष बॉबी कटारिया को गुरुग्राम पुलिस ने मार मार कर घुटनों पर बिठा दिया, उसके मम्मी पापा बताते हैं कि गुरुग्राम और फरीदाबाद पुलिस ने मिलकर उनके बेटे को 8 दिन रिमांड में लेकर इतना मार दिया है कि वह अब अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. 

इस वक्त बॉबी कटारिया फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद हैं, उन्हें 24 दिसम्बर को गुरुग्राम पुलिस ने रात 11 बजे गिरफ्तार किया था, उन्हें या उनके परिवार को ना तो FIR की कॉपी दी गयी और ना ही वारंट दिखाया गया, पुलिस ने सीधा उठाकर उन्हें थाने ले गयी और कई धाराएं ठोंक दी, इसके बाद उन्हें 6 दिन का रिमांड लेकर कथित कौर पर थर्ड डिग्री दी गयी जो कि बड़े बड़े आतंकवादियों को दी जाती है. 

अब मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं, उनकी खबर ना तो गुरुग्राम की मीडिया दिखा रही है और ना ही फरीदाबाद की मीडिया ने, आमतौर पर एक छोटी सी चोरी की खबर भी मीडिया छाप देता है लेकिन गुरुग्राम के रॉबिनहुड कहे जाने वाले बॉबी कटारिया की खबर अब तक किसी भी बड़े मीडिया ने नहीं छापी है. या तो मीडिया गुरुग्राम पुलिस या फरीदाबाद पुलिस से डरती है, या उन लोगों ने मीडिया को खरीद दिया है जिनके खिलाफ बॉबी कटारिया ने लड़ाई शुरू की थी.

कल बॉबी कटारिया के लिए न्याय की उम्मीद में उनके हजारों समर्थक गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम के बाहर इकठ्ठे हुए और कैंडल मार्च निकालने की कोशिश की, वहां पर उन्हें रोकने के लिए 1000 पुलिस के जवान लगाए गए, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया, कई लोगों पर लाठीचार्ज किया गया. इस घटना पर भी मीडिया ने चुप्पी बनाए रखी.

अब लोग मीडिया को बेशर्म बता रहे हैं, लोग कह रहे हैं कि - अगर बॉबी कटारिया दलित या मुस्लिम समाज का होता तो मीडिया घराने अब तक इस घटना को दलित य़ा मुस्लिम पर जुल्म बताकर कोहराम मचाते देते लेकिन बॉबी कटारिया समाजसेवक है, जाट है तो उसकी खबर नहीं दिखाई जा रही है. ना मीडिया जाब रही है और ना ही खट्टर और मोदी सरकार जाग रही है.

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