जमानत मिलने के बाद अब रिहाई के लिए कैदियों को कोर्ट के आर्डर की हार्डकॉपी के जेल प्रशासन तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना होगा। इसके समाधान के लिए अब सुप्रीम कोर्ट ने नई व्यवस्था लागू की है, कोर्ट का आदेश जेल अधिकारियों और जांच एजेंसियों तक जल्द पहुंचाने के लिए शुरू की गई नई व्यवस्था का नाम 'Fast and Secure Transfer of Electronic Records' यानी 'FASTER'. रखा गया है, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने आज अपने साथी जजों, देश के सभी हाई कोर्ट जजों और वरिष्ठ वकीलों की उपस्थिति में इसका उद्घाटन किया।
उल्लेखनीय है कि जब अदालत किसी कैदी को जमानत देता है तो वह तबतक जेल से नहीं रिहा होता जबतक अदालत के आदेश की हार्ड कॉपी जेल अधिकारियों तक पहुँच नहीं जाती।
सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश अभी भी उसकी वेबसाइट पर अपलोड किए जाते हैं. लेकिन अधिकारी आदेश की प्रमाणित प्रति अपने पास पहुंचे बिना उस पर अमल नहीं करते. नई व्यवस्था में कोर्ट के आदेश की प्रमाणित कॉपी तुरंत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी. ऐसा करते हुए इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि आदेश सुरक्षित तरीके से पहुंचे।
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