नई दिल्ली, 3 मार्च: भारतीय जनता पार्टी कितनी भी धर्मनिरपेक्ष होने का दावे करे, मोदी भले ही अजान के वक्त भाषण रोक देते हैं, लेकिन मुस्लिम और इसाई बहुत इलाकों में बीजेपी को वोट नहीं मिलती और करारी हार होती है, आज मेघालय में यही हुआ है, त्रिपुरा में हिन्दू बहुल इलाकों में बीजेपी की बड़ी जीत हुई है लेकिन मेघालय जहाँ पर इसाई आबादी 80 फ़ीसदी से ऊपर है वहां पर बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को सबसे अधिक 21 सीटें मिली हैं हालाँकि कांग्रेस को सरकार से हाथ धोना पड़ा है.
कहने का मतलब ये है कि 80 फ़ीसदी इसाई आबादी ने कांग्रेस की इज्जत बचा ली, अगर यहाँ भी त्रिपुरा और नागालैंड की तरह हिन्दू आबादी होती तो कांग्रेस को 0 सीटें मिलतीं और बीजेपी की यहाँ भी बड़ी जीत होती. त्रिपुरा में हिन्दू आबादी थी इसलिए वहां पर कांग्रेस को 0 सीटें मिलीं, इसी तरह नागालैंड में भी कांग्रेस को 0 सीटें मिलीं.
अगर मेघालय की बात करें तो यहाँ पर कांग्रेस की बहुमत की सरकार थी लेकिन आज उनकी सरकार उखड गयी, कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटें मिलीं लेकिन वह बहुमत से 10 सीटें दूर है. वोट शेयर की बात करें तो कांग्रेस को 28.5 फ़ीसदी सीटें मिलीं. यहाँ पर हिन्दू आबादी सिर्फ 15 फ़ीसदी के आस पास है इसलिए बीजेपी को सिर्फ 10 फ़ीसदी के आसपास वोट मिले.
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