जयपुर: कांग्रेस पार्टी बहुत ही चालाक है, ज्यादा दिनों तक सत्ता से बाहर नहीं रह सकती इसलिए सत्ता में वापसी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहती थी, गुजरात में उन्होंने दलित मुस्लिम ओबीसी को जोड़कर बीजेपी को सत्ता से बाहर करना चाहा, अंत में काम बनता नहीं दिखा तो राहुल गाँधी को जनेउधारी ब्राह्मण बताकर पंडितों के भी वोटबैंक पर निशाना साधा गया लेकिन कुछ फासलों से वह सत्ता पाने से रुक गए.
अब कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में सत्ता में वापसी के लिए दलित, मुस्लिम और राजपूत वोट बैंक पर निशाना साधा है, उन्होंने तीनों जातियों को जोड़ भी लिया है, उन्होंने बहुत ही चालाकी से कुछ करणी सेना खड़ी करके कुछ राजपूत नेताओं के जरिये पद्मावत फिल्म का विरोध करवाया और राजपूतों को बीजेपी के खिलाफ भड़काकर उन्हें कांग्रेस का वोटबैंक बना दिया है, कल इसका सबूत भी मिल गया जब उप-चुनाव की तीनों सीटों पर बीजेपी को हार मिली और करणी सेना ने बीजेपी की हार की ख़ुशी मनायी.
कुल मिलाकर करणी सेना की बातों में आकर राजपूतों ने कांग्रेस को वोट दिया है, अब देखना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में वे फिर से करणी सेना के नेताओं के कहने पर कांग्रेस को वोट देते हैं या नहीं, अगर उन्होंने वोट दिया तो राजस्थान में कांग्रेस की जीत निश्चित है क्योंकि राजपूत-दलित-मुस्लिम समीकरण बहुत ही ताकतवर है.
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