नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के 20 विधायक अयोग्य करार दिए जा चुके हैं, इनकी विधायकी ख़त्म हो चुकी है, अब केजरीवाल के पास सिर्फ 46 विधायक बचे हैं, मतलब उनकी सरकार सही सलामत है. उनके पास बहुमत से भी 10 विधायक ज्यादा हैं. अब 20 सीटों पर फिर से चुनाव होंगे.
दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा इसे केजरीवाल के लिए एक मौके के रूप में देख रहे हैं. उनका मानना है कि केजरीवाल को 20 टिकट बेचकर पैसे कमाने का फिर से मौका मिल गया है. मतलब अब फिर से चुनाव होगा, केजरीवाल टिकट बेचेंगे और पैसे कमाएंगे.
दिल्ली के विधायक कपिल मिश्रा इसे केजरीवाल के लिए एक मौके के रूप में देख रहे हैं. उनका मानना है कि केजरीवाल को 20 टिकट बेचकर पैसे कमाने का फिर से मौका मिल गया है. मतलब अब फिर से चुनाव होगा, केजरीवाल टिकट बेचेंगे और पैसे कमाएंगे.
Congratulations @ArvindKejriwal - 20 more seats now open for SALE— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 21, 2018
इसीलिए हमें 67 सीटें मिलीं थीं: केजरीवाल
आज केजरीवाल ने 20 विधायकों के अयोग्य किये जाने के फैसले पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि - ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी. हर क़दम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औक़ात ही क्या थी। बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना।
आज केजरीवाल ने 20 विधायकों के अयोग्य किये जाने के फैसले पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि - ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी. हर क़दम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औक़ात ही क्या थी। बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना।
ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी।— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 21, 2018
हर क़दम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औक़ात ही क्या थी। बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना।
खुद को कानून से ऊपर मानते हैं केजरीवाल, मिली सजा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केजरीवाल ने खुद को कानून से ऊपर मानकर दिल्ली में 21 संसदीय सचिव नियुक्त कर दिए थे. कानून के अनुसार सिर्फ मुख्यमंत्री अपने लिए ही संसदीय सचिव नियुक्त कर सकता है लेकिन केजरीवाल ने सभी मंत्रियों के लिए कई संसदीय सचिव नियुक्त कर दिए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केजरीवाल ने खुद को कानून से ऊपर मानकर दिल्ली में 21 संसदीय सचिव नियुक्त कर दिए थे. कानून के अनुसार सिर्फ मुख्यमंत्री अपने लिए ही संसदीय सचिव नियुक्त कर सकता है लेकिन केजरीवाल ने सभी मंत्रियों के लिए कई संसदीय सचिव नियुक्त कर दिए.
केजरीवाल के इस फैसले पर चुनाव आयोग ने कार्यवाही की और सभी विधायकों को आज अयोग्य करार दिया गया. हालाँकि आप के पास अभी भी 46 विधायक हैं इसलिए सरकार गिरने का कोई डर नहीं है.
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