कांग्रेस बीजेपी के फंदे में बुरी तरह से फंसती जा रही है, राहुल गाँधी ने खुद को भक्त साबित करने के लिए पता नहीं कितने मंदिरों के चक्कर लगाए, पता नहीं कितनी बार तिलक लगाए, यहाँ तक कि उन्हें जनेऊधारी ब्राह्मण भी बताया गया लेकिन कपिल सिब्बल ने सिर्फ एक बयान देकर राहुल गाँधी की मेहनत को पानी कर दिया.
कल कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि राम मंदिर मामले की सुनवाई 2019 आम चुनावों तक टाल दी जाए, कल उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी करते हुए कोर्ट ने यह दलील दी थी लेकिन बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और इसे कांग्रेस का बयान बताया. अमित शाह ने भी प्रेस वार्ता करके कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.
कल तो कुछ भी नहीं था, आज कपिल सिब्बल ने कांग्रेस की मुश्किल और बढाते हुए कहा कि मैं कभी आल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड का वकील रहा ही नहीं. मैंने सुन्नी की तरफ से यह दलील नहीं दी थी, कपिल सिब्बल से साफ़ साफ़ इशारा कर दिया कि उन्होंने कांग्रेस की तरफ से दलील दी थी.
बीजेपी को इससे ज्यादा और क्या चाहिए. अमित शाह ने कहा कि तो इसका मतलब यह है कि आप सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से नहीं बल्कि कांग्रेस की तरफ से दलील करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गए थे. इससे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड के नेता हाजी महबूब ने भी कपिल सिब्बल की दलील को गलत बताया.
अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा - अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी कहा है कि कपिल सिब्बल की दलील से हम सहमत नहीं थे, तो इसका मतलब है कि कपिल सिब्बल ने कांग्रेसी नेता की हैसियत से यह दलील दी थी, उन्हें हाई कमांड की तरफ से ऐसा करने की इजाजत मिली थी, यह शर्मनाक है कि कांग्रेस पार्टी राम मंदिर मुद्दे में दखल दे रही है.
Now that Sunni Waqf Board has said that they don’t agree with what Kapil Sibal said in court, it is certain that Mr. Sibal spoke in his capacity as a Congress leader, with the blessings of their High Command. Shameful posturing by Congress on Ram Temple issue!— Amit Shah (@AmitShah) December 6, 2017
अमित शाह ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी से मांग करता हूँ कि देश की जनता के सामने अपने दोहरे रवैये को स्पष्ट कर यह बताए कि राम मंदिर निर्माण का 2019 लोकसभा चुनाव से क्या लेना देना है और कांग्रेस जल्दी से जल्दी राम मंदिर का निर्माण चाहती है या नहीं चाहती.
अमित शाह ने यह भी कहा कि - समग्र देश की जनता और भारतीय जनता पार्टी का यह भाव है कि श्री राम मंदिर की सुनवाई जल्द-से-जल्द समाप्त की जाए और सर्वोच्च न्यायालय का फैसला श्री रामजन्म भूमि के लिए जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी देश के सामने आये और अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर बने।
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