मुफ्तखोरी में फंसे हैं केजरीवाल वरना कृत्रिम बारिश करवाकर एक दिन में ख़त्म कर दें प्रदूषण, भुगतो

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल चाहें तो एक दिन में प्रदूषण ख़त्म कर सकते हैं लेकिन इसके लिए बहुत पैसे की जरूरत होगी, केजरीवाल चाहें तो कुत्रिम बारिश करवाकर चुटकी में प्रदूषण ख़त्म कर सकते हैं, कई देश ऐसा ही करते हैं, चीन में भी समय समय पर प्रदूषण होता रहता है लेकिन वहां पर कुत्रिम बारिश करवाकर प्रदूषण को ख़त्म कर दिया जाता है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुत्रिम बारिश के लिए साइंस का इस्तेमाल करके बारिश करवाई जाती है, इसके लिए पहले से तैयारी करनी पड़ती है लेकिन केजरीवाल IIT का होने के बाद भी अनपढ़ों जैसी बातें करते हैं, पहेल से पैसे की व्यवस्था करनी होती है लेकिन केजरीवाल तो मुफ्तखोरी के दम पर मुख्यमंत्री बने हैं, फ्री बिजली, पानी और वाई-फाई का वादा करके सत्ता में आए हैं, वे सस्ती-बिजली और पानी दे भी रहे हैं लेकिन यह सब सरकारी खजाने से हो रहा है. जिस पैसे का इस्तेमाल विकास करने, साइंस का इस्तेमाल करके कुत्रिम बारिश करने, पेड़ पौडे लगाकर हवा को शुद्ध करने, अच्छी सड़कें बनाकर जाम और ट्रैफिक समस्या ख़त्म करने, और अन्य विकास कार्यों में खर्च होने चाहियें वही पैसा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की जनता को मुफ्तखोरी के रूप में बाँट रहे हैं.

आप खुद सोचिये, अगर आमदनी अठन्नी हो और खर्च रुपैय्या हो तो फालतू का खर्चा कहाँ से आयेगा, या तो कर्ज लेकर खर्च करना पड़ेगा या पेट काटना पड़ेगा, केजरीवाल खजाने को मुफ्त में बांटकर दिल्ली वालों का पेट काट रहे हैं, दिल्ली वालों को विकास के वंचित रखकर उन्हें प्रदूषण में मार रहे हैं, केजरीवाल जो पैसा मुफ्तखोरी पर खर्च कर रहे हैं वही पैसा बचा लेते तो उसी पैसे से कुत्रिम बारिश करवाकर एक दिन में प्रदूषण ख़त्म कर देते लेकिन ऐसा करने के लिए उनके पास पैसे होने चाहियें लेकिन उनके पास पैसे हैं नहीं.

केजरीवाल की वोटबैंक पॉलिटिक्स की वजह से दिल्ली के लोग प्रदूषण से मर रहे हैं, केजरीवाल का तो काम बन गया, उनकी तो जिन्दगी बन गयी, अब जीवन भर उन्हें लाखों रुपये की पेंशन मिलेगी, लेकिन दिल्ली वालों ने मुफ्तखोरी के चक्कर में आकर अपना कबाड़ा कर लिया. अब उन्हें तरह तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ेगा क्योंकि केजरीवाल उन्हें कब तक मुफ्त में बांटेंगे, कभी ना कभी तो खजाना खाली होगा, अब खजाना खाली हो चुका है, इसके अलावा केजरीवाल केंद्र सरकार के भी हर कामों में विरोध करते रहते हैं, नोटबंदी का विरोध सबसे पहले उन्होंने शुरू किया था, GST का विरोध उन्होंने शुरू किया था, इसलिए केंद्र सरकार भी उनकी मदद नहीं करेगी.
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Delhi

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