हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर काफी जिगरवाले हैं. रिश्क लेने में उनका कोई सानी नहीं है, जातिवाद तो उनके अजेंडे में ही नहीं है इसलिए भले ही अलग अलग समाज के लोग उनसे नाराज हो जाएं लेकिन वह जातिवाद को बढ़ावा नहीं देते.
हरियाणा में बीजेपी से जाट समाज के लोग नाराज चल रहे हैं, कारण यह है कि जाट लोग बीजेपी से आरक्षण मांग रहे हैं लेकिन बीजेपी वाले उन्हें आरक्षण दे नहीं रहे हैं, एक बार देने का ऐलान किया था तो हाई कोर्ट ने उसपर रोक लगा दी और सर्वे कराने का आदेश दिया. अब जाट लोग फिर से आन्दोलन करने की तैयारी कर रहे हैं.
इसके अलावा संत रामपाल और गुरमीत राम रहीम के साम्राज्य को भी खट्टर सरकार ने तहस नहस कर दिया उसकी वजह से भी दोनों बाबाओं के लाखों भक्त खट्टर सरकार से नाराज हैं.
इन लोगों के नाराज होने के बाद भी खट्टर सरकार का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता था क्योंकि अन्य सामान्य वर्ग और राजपूत समाज के लोग बीजेपी के साथ थे लेकन कल खट्टर ने राजपूतों का अपमान करके राजपूत समाज को भी नाराज कर दिया.
ऐसा करके हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीजेपी के ताबूत में आखिरी कील ठोंक दी है, आज राजपूत नेता सूरजपाल अमू ने खट्टर से नाराज होकर पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया, अब अधिकतर राजपूत भी खट्टर से नाराज हो गए हैं, निश्चित रूप से मुख्यमंत्री खट्टर का ये कदम हरियाणा में बीजेपी को बहुत कमजोर कर देगा. खट्टर को वैसे भी देश में बीजेपी का सबसे कमजोर मुख्यमंत्री कहा जाता है, उनके कण्ट्रोल में ना तो पुलिस है और ना ही नौकरशाह. अगर वे चाहते तो कुछ देर राजपूत नेताओं से मुलाकात करके उनकी बात सुन सकते थे लेकिन उन्होंने घमंड दिखाते हुए उन्हें समय देने के बावजूद भी मिलने से इनकार कर दिया.
खट्टर ने राजपूत नाराज हो चुके हैं, सोशल मीडिया पर लोगों ने खट्टर के खिलाफ तरह तरह की प्रतिक्रिया दी है, आप भी देखिये लोग क्या लिख रहे हैं.
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