मोदी परेशान हैं, इतने सारे पत्रकारों से निकटता कैसे बनायी जाए, पहले 5-7 से चल जाता था काम

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प्रधानमंत्री मोदी ने आज पत्रकारों के साथ दिवाली मिलन कार्यक्रम में भाग लिया, यह कार्यक्रम बीजेपी के दिल्ली अशोका रोड स्थित हेड-क्वार्टर में आयोजित किया गया था. मोदी ने इस अवसर पर पत्रकारों को संबोधित भी किया. मोदी ने कहा कि दिवाली पर ही पत्रकारों से बिना कागज, कलम के मिलने का मौका मिलता है.

मोदी ने कहा कि एक समय था कि इसी ऑफिस में मेरा अधिकतर समय आप लोगों के साथ बीतता था, अभी भी अधिकतर लोग उसी पीढ़ी के हैं लेकिन कुछ नए भी जुड़े हैं. मोदी ने कहा कि आपसे मिलने के बाद मुझे पुराने समय की याद आ जाती है, तब कोई बंधन नहीं थे, कोई कठिनाइयाँ नहीं थीं, वो भी दिन था जब हमें आप लोगों को खोजना करना पड़ता था और कभी कभी हमारी बात कहीं जगह पा लेती थी.

मोदी ने कहा कि पत्रकार लोग भले ही किसी भी मीडिया के लिए काम करें लेकिन उनके दिल में देश के प्रति वेदना जरूर होती, कुछ करने का इरादा होता है, दुनिया भर से मिलते मिलते आपको पता चलता है कि यहाँ पर कुछ कमीं है जिसे दूर करने की जरूरत है. 

मोदी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं तो चीजें इंजेक्ट करते हैं लेकिन वो तो हम पर डिपेंड करना है कि कौन सचमुच बताने वाला है और कौन इंजेक्ट करता है लेकिन ये अपनापन बहुत ही उपकारक सिद्ध होती है.

मोदी ने कहा कि पहले बिरादरी की संख्या बहुत कम हुआ करती थी और पांच-सात प्रमुख लोगों से निकटता बना ली तो गाड़ी चल जाती थी, लेकिन अब पत्रकारों का दायरा इतना विस्तृत हो चुका है, और इतने प्रकार के माध्यम भी जुड़े हैं, इसलिए हम लोगों के सामने भी एक चुनौती हैं कि बढ़ते हुए फलक में हमारी संपर्क की व्यवस्था कैसी रहे. एक खुलापन कैसे बरकरार रहे और बढ़ता रहे, ये हम लोगों के लिए भी चुनौती हैं. हमारे इरादों में कोई समस्या नहीं है, बस प्रैक्टिकल प्रॉब्लम हैं.
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