प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर थे. उन्होंने 1000 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्याश किया. मोदी ने बुनकरों और शिल्पकारों के लिए 300 करोड़ रुपये से बने Trade Facilitation Center का भी उद्घाटन किया, मोदी ने इस सेण्टर का निर्माण सिर्फ ढाई साल में करवा दिया, यह सेण्टर टूरिज्म के साथ साथ वाराणसी के विकास में भी काफी योगदान देने वाला है.
प्रधान मंत्री मोदी ने इससे पहले भी वाराणसी में 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से रिंग रोड और वाराणसी से आस पास के जिलों में जाने वाले नेशनल हाईवे का निर्माण कर रहे हैं जो पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों को जोड़ेंगे, अगर सच कहें तो तीन चार साल के बाद वाराणसी मंडल और पूर्वी उत्तर प्रदेश पूरी तरह से बदलकर औद्योगिक सेण्टर बन जाएगा और नौजवानों को रोजगार के लिए दिल्ली मुंबई नहीं जाना पड़ेगा. इसके अलावा वाराणसी में रिवरफ्रंट बनाया जा रहा है, चारों तरफ रिंग रोड बन रहा है, फ्लाईओवर और अंडरब्रिज बन रहे हैं, कई हजार करोड़ रुपये के विकास से वाराणसी को चमकाया जा रहा है.
अब सवाल यह उठता है कि राहुल गाँधी खुद को मोदी की बराबरी में खड़ा करना चाहते हैं लेकिन वह अमेठी से 13 साल से सांसद है लेकिन उन्होने अमेठी में कोई विकास नहीं करवाया. वहां पर ना तो रोड बनवाए, ना नेशनल हाईवे से जोड़ा, ना रिंग रोड बनवाये, कोई विकास नहीं किया, आपको जानकार आश्चर्य होगा कि अमेठी में कोई टू साइडेड रोड ही नहीं है, देखने में अमेठी सिर्फ बाजार जैसा लगता है.
आपको बता दें कि जब राहुल गाँधी 2004 में अमेठी के सांसद बने थे तो उसके बाद लगातार 10 साल तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, राहुल गाँधी कांग्रेस के युवराज हैं, वे चाहे तो कुछ भी कर सकते थे, वे चाहते तो मोदी की तरह हजारों करोड़ रुपये अमेठी के विकास पर खर्च कर सकते थे लेकिन उन्होंने अमेठी में कोई विकास कार्य नहीं करवाए. अगर उन्होंने भी मोदी की तरह अमेठी का विकास करवाया होता तो आज उत्तर प्रदेश की हालत कुछ और होती.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेठी में राहुल गाँधी से पहले भी 10 साल तक सोनिया गाँधी सांसद थीं, उसके पहले राहुल के पिताजी राजीव गाँधी भी अमेठी से ही सांसद बनते थे लेकिन राहुल की पूरी पीढ़ी ने मिलकर भी अमेठी का कोई विकास नहीं करवाया, वहीँ दूसरी तरफ मोदी हैं जिन्होंने सिर्फ तीन सालों में वाराणसी का कायाकल्प कर दिया है.
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