भारत के प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर भले ही 27 अगस्त को रिटायर होंगे लेकिन दो दिन छुट्टी होने की वजह से आज उनका अंतिम दिन था. कल से वे कोई फैसला नहीं सुना सकेंगे अंतिम फैसले में उनकी हार हुई है क्योंकि वे तीन तलाक को बचा नहीं पाए. आपको बता दें कि तीन तलाक पर फैसला सुनाने वाली पांच जजों की बेंच में प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर भी थे, इन्होने मुस्लिम जज नजीर के साथ तीन तलाक का समर्थन किया था लेकिन तीन अन्य जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया था. जगदीश सिंह खेहर तीन तलाक को ख़त्म होने से नहीं रोक सके लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने फैसला सुनाते वक्त तीन तलाक की तारीफ की.
खैर अब जगदीश सिंह खेहर रिटायर हो रहे हैं तो आज उन्होने फेयरवेल भाषण में अपनी सफलता का क्रेडिट अपने माता-पिता, शिक्षकों और सीनियर साथियों को दिया.
खेहर ने कहा कि जब मैंने हाई कोर्ट के जज के रूप में अपनी पहले सैलरी उठाई थी तो मेरे पिता जी की पेंशन मेरी सैलरी से अधिक थी, मैंने अपने पिताजी से बहुत कुछ सीखा है. मेरी माँ ने भी हमारी ख़ुशी के लिए काफी वलिदान दिया है. मैं सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ.
Agla cji dhansu hona chaye
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