आज आएगा फैसला, भारत में राम-राज आएगा या मीरा-राज

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आज भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है, आज भारत के लोगों को पता चल जाएगा कि भारत में राम-राज आएगा या मीरा-राज. 17 तारीख को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ था, आज वोटों की गिनती होगी और शाम तक पता चल जाएगा कि देश का 14वां कौन होगा. 11 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी और शाम 5 तक नए राष्ट्रपति की घोषणा हो जाएगी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी और एनडीए की तरफ से राम नाथ कोविंद राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस और यूपीए की तरफ से मीरा कुमार मैदान में हैं, दोनों में से जिसे भी 50 फ़ीसदी से अधिक वोट मिलेंगे वही देश का 14वां राष्ट्रपति बनेगा और 6 साल तक राष्ट्रपति भवन में बैठकर देश पर राज करेगा.

किसके जीतने के हैं चांस

अब तक जिस प्रकार की रिपोर्ट आ रही है रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना तय है लेकिन अंतिम समय तक कुछ नहीं कहा जा सकता कि बाजी किसके हाथ लगेगी, ऐसा इसलिए क्योंकि करीब 30 फ़ीसदी वोट सस्पेंस में हैं, कई राजनीतिक पार्टियों जैसे शिवसेना, जनता दल यूनाइटेड, पीडीपी और एआईएडीएमके ने रामनाथ कोविंद को वोट देने का भरोसा तो दिया था लेकिन ये बीजेपी के परम विरोधी भी हैं, अगर इन पार्टियों ने रामनाथ कोविंद को वोट दिया होगा तो निश्चित ही उनकी जीत होगी, अगर इन पार्टियों ने मीरा के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की होगी तो बाजी मीरा कुमार के हाथ में भी लग सकती है.

शिवसेना पहले कर रही थी समर्थन देने में आनाकानी

शिवसेना पर बीजेपी को खुलकर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि शिवसेना शुरुआत में रामनाथ कोविंद को समर्थन देने में आनाकानी कर रही थी, शिवसेना ने बीजेपी पर दलित वोटबैंक पॉलिटिक्स का आरोप भी लगाया था, NDA के सहयोगी दलों में रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का सबसे बाद में फैसला शिवसेना ने ही लिया था, अब देखना है कि शिवसेना ने सच में रामनाथ कोविंद के समर्थन में वोटिंग की है या मीरा कुमार के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की है, ऐसा इसलिए क्योंकि शिवसेना नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस और विपक्ष के साथ थी. यही नहीं नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के परेड में शिवसेना ने कांग्रेस के साथ कदमताल किया था.
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99 परसेंट वोटिंग एक रिकॉर्ड

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 17 जुलाई को हुए मतदान में 99 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी जो कि एक रिकॉर्ड है, यही नहीं 11 राज्यों में 100 फ़ीसदी वोटिंग हुई है, कुल मिलाकर 771 सांसदों और 4109 विधायकों ने मतदान किया है. वोटों की गिनती संसद भवन में ही होगी, 29 राज्यों और केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी के बैलट बॉक्स संसद भवन में पहुँच गए हैं.

क्या है राष्ट्रपति चुनाव का गणित

राष्ट्रपति चुनाव में सभी राज्यों के 4120 विधायक और लोकसभा और राज्य सभा के 776 सांसद मिलकर वोट करते हैं, हर राज्य के विधायकों के वोटों की वैल्यू अलग अलग होती है और उस राज्य की जनसंख्या और कुल विधानसभा सीटों पर निर्भर करती है, वोटों की वैल्यू के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर 1 पर है, नीचे फोटो में सभी राज्यों के विधायकों के वोटों की वैल्यू दी गयी है.

सांसदों के वोटों की वैल्यू विधायकों से अधिक
सांसदों के वोटों की वैल्यू विधायकों के वोटों से अधिक है, 1 सांसद का वोट 708 वोट के बराबर होता है, सभी 776 सांसदों के वोटों की कीमत 5,49,408 है (776×708 = 5,49,408). सभी राज्यों के विधायकों के वोटों की कीमत 5,49,495 है, इस तरह से सांसदों और विधायकों के वोटों की कुल कीमत 10,98,903 (5,49,495 + 5,49,408 = 10,98,903) है. नीचे देखिये और समझिये.

दलित बनाम दलित की लड़ाई


इस चुनाव में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसे दलित बनाम दलित की लड़ाई का नाम दिया गया है, रामनाथ कोविंद दलित समुदाय से हैं, उन्हें खड़ा करके एनडीए ने दलित वोटबैंक पर निशाना साधा है, साथ ही दलितों को मान सम्मान दिलाया है, इसके बाद कांग्रेस और विपक्ष ने भी दलित उम्मीदवार खड़ा करके इस चुनाव को दलित बनाम दलित की लड़ाई बना दिया हालाँकि मीरा कुमार का कहना है कि उनकी लड़ाई एक विचारधारा के खिलाफ है.

दोनों ही नेता काफी अनुभवी

अगर अनुभव की बात करें तो दोनों ही नेता बहुत अनुभवी हैं, रामनाथ कोविंद बिहार के गवर्नर रह चुके हैं तो मीरा कुमार भी लोकसभा स्पीकर रह चुकी हैं, रामनाथ सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और उन्हें संविधान का अच्छा ज्ञान भी हैं, यही नहीं वह राज्य सभा सांसद भी रह चुके हैं तो मीरा कुमार भी कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं और कई बार सांसद भी रह चुकी हैं.
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