टोल प्लाजा पर विधायकों और सांसदों के लिए होना चाहिए अलग लेन, पढ़ें क्यों सही है CM YOGI का फैसला

cm-yogi-order-separate-lane-for-mla-mp-on-toll-plaza-in-up

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि टोल प्लाजा पर वर्तमान सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के लिए अलग लेन बनाया जाए. कुछ लोग योगी आदित्यनाथ के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं और इसे VIP कल्चर बता को बढ़ावा देने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं, कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि योगीजी मोदी से अलग रास्ते पर चल रहे हैं.

हमारी नजर में जो भी लोग योगी आदित्यनाथ की आलोचना कर रहे हैं उन्होंने कभी उत्तर प्रदेश का दौरा नहीं किया है और ना ही उत्तर प्रदेश के बारे में जानते हैं, उत्तर प्रदेश दिल्ली नहीं है, उत्तर प्रदेश 1000 किलोमीटर में फैला देश का सबसे बड़ा राज्य है, विधायकों और सांसदों को लम्बी यात्रा करनी पड़ती है, हम आप साल में एक दो दिन लम्बी यात्राएं करते हैं लेकिन विधायक सांसद रोजाना लंबी लम्बी यात्राएं करते हैं. इसलिए योगी का फैलसा विल्कुल सही है. विधायकों और सांसदों को अलग लेन मिलना ही चाहिए.

आपको बता दें कि सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को हमेशा यात्रा करनी पड़ती है और कई कार्यक्रमों में पहुंचना होता है, कई बार टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम की वजह से उन्हें प्रोग्राम रद्द करना पड़ता है और कई बार टोल प्लाजा पर उनकी वजह से ही जाम लग जाता है.

इसके अलावा टोल प्लाज़ा पर ट्रैफिक होने की वजह से विधायकों, सांसदों और मंत्रियों का टोल से अधिक पेट्रोल खर्च हो जाता है और एक तरह से जनता का ही पैसा खर्च होता है. इसके अलावा हजारों लोग संसदों और विधायकों को कई कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित करते हैं, अगर ये नेता उनके कार्यक्रमों में ना जाएँ तो भी लोग नाराज होते हैं. यह सब देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने सभी टोल प्लाज़ा पर विधायकों और सांसदों के लिए अलग लेन बनाने के आदेश दिए हैं ताकि सरकारी पैसा और विधायकों, सांसदों का समय बच सके.

अब आप सोचिये, उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है, नॉएडा-गाजियाबाद से वाराणसी-सोनभद्र तक करीब 1000 किलोमीटर में उत्तर प्रदेश फैला हुआ है. विधायकों सांसदों और मंत्रियों को कई जिलों में हजारों कार्यक्रमों में पहुंचना होता है, इसके अलावा विधानसभा की कार्यवाही अटेंड करना होता है, उन्हें यात्रा करने के लिए या तो सरकारी गाडी मिलती है या किराया भत्ता मिलता है. हर हालत में सरकारी पैसे का ही खर्च है, अगर वे टोल प्लाज़ा पर फंसे रहेंगे तो उनकी गाड़ी में पेट्रोल-डीजल जलेगा, AC चलता रहेगा और जनता का ही पैसा खर्च होगा, अब आप बताओ, जनता का पैसा खर्च करने में भलाई है या विधायकों-सांसदों को अलग लेन देकर जनता का पैसा बचाने में भलाई है.
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

States

Uttar Pradesh

Post A Comment:

0 comments: