फरीदाबाद 7 जुलाई: फरीदाबाद नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच एसआईटी से कराने की मांग को लेकर भ्रष्टाचार विरोधी मंच के बेनर तले चल रहे अनशन को न केवल सामाजिक संस्थाओं का बल्कि लगातार राजनैतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। बाबा रामकेवल 13 दिनों से अनशन पर है और अब उनकी तवियत भी खराब होने लगी है। लेकिन सरकार की तरफ से इस पर न तो कोई कार्यावाही की घोषणा की गई है और न ही कोई प्रतिक्रिया आयी है। बाबा रामकेवल का कहना है कि वे SIT जांच की मांग मंजूर होने तक सत्याग्रह जारी रखेंगे, अगर इस दौरान उन्हें कुछ हो जाता है तो इसकी जिम्मेदार सरकार होगी और पूरा शहर सड़कों पर होगा, अगर ऐसे में कोई हिंसा होती है तो इसकी जिम्मेदार भी सरकार ही होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि सत्याग्रह को लगभग दो महीने होने वाले हैं और बाबा को अनशन पर बैठे 13 दिन हो गए और कोई सत्ताधारी दल BJP का नेता अब तक अनशन तुड़वाने नहीं पहुंचा, बीजेपी नेताओं ने क्यों आँखें बंद कर रखी हैं यह बात सत्याग्रही भी जानना चाहते हैं और फरीदाबाद भी।
इस मामले पर जांच पड़ताल करने पर पता चला कि सत्ताधारी दल के नेता कुछ लोगों को सबक सिखाना चाहते हैं और इन नेताओं के अलांवा शहर में अफवाह है कि बाबा को कुछ लोगों ने बलि का बकरा बनाया है। अनशन कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनकी इमानदारी खुद सवालों के घेरे में है, मतलब 900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। अनशन और सत्याग्रह में शामिल कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं के बारे में शहर के लोगों की सोंच नकारात्मक है। बाबा के पास 13 दिन तक कोई नेता नहीं पहुंचा, कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है। एक बात ये भी सच है कि इस अनशन से नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी बहुत परेशान हैं बहुत कुछ गड़बड़ है तभी तो फरीदाबाद का हाल बेहाल है।
इस मामले पर जांच पड़ताल करने पर पता चला कि सत्ताधारी दल के नेता कुछ लोगों को सबक सिखाना चाहते हैं और इन नेताओं के अलांवा शहर में अफवाह है कि बाबा को कुछ लोगों ने बलि का बकरा बनाया है। अनशन कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनकी इमानदारी खुद सवालों के घेरे में है, मतलब 900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। अनशन और सत्याग्रह में शामिल कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं के बारे में शहर के लोगों की सोंच नकारात्मक है। बाबा के पास 13 दिन तक कोई नेता नहीं पहुंचा, कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है। एक बात ये भी सच है कि इस अनशन से नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी बहुत परेशान हैं बहुत कुछ गड़बड़ है तभी तो फरीदाबाद का हाल बेहाल है।
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