राजनाथ को CRPF काफिले के ऊपर हेलीकॉप्टर भी भेजना चाहिए, नक्सलियों को देखते ही बमबारी करनी चाहिए

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New Delhi, 25 April: 26 CRPF जवानों की शहादत के बाद पूरा देश गुस्से से लाल है, लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से कड़े एक्शन की मांग कर रहे हैं लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है क्योंकि नक्सलियों से निपटने के लिए पहले से ही रणनीति बनी हुई है और उसी पर काम किया जा रहा है लेकिन केंद्र सरकार की रणनीति में जरूर कुछ ना कुछ गड़बड़ है वरना 300 नक्सली आतंकी एक साथ आकर 26 जवानों को शहीद कर दें, यह बात किसी को पच नहीं रही है.

भारत के पास नक्सलियों से निपटने के कई रास्ते हैं, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों में जंग लग रही है, हजारों हेलिकॉप्टर पड़े पड़े बेकार हो रहे हैं, उन हेलीकॉप्टरों को नक्सली इलाकों में CRPF जवानों की सुरक्षा में क्यों नहीं लगाया जा रहा है, आपने देखा होगा कि हाल ही में US ARMY ने अफगानिस्तान सीमा के पास ISIS कैम्प पर सबसे बड़ा बम गिराकर सभी आतंकियों को एक साथ स्वाहा कर दिया था.

अमेरिका वालों की भारत जैसी रणनीति नहीं है, भारत में तो सैनिकों को मरने के लिए जंगलों में भेज दिया जाता है लेकिन अमेरिका की सेना हमेशा सैनिकों के आगे पीछे हेलीकॉप्टर लगाकर रखती है ताकि आतंकियों को देखते ही उन पर आसमान से ही बम बरसा दिए जाँय और उन्हें सैनिकों तक पहुँचने ही ना दिया जाय.

भारत सरकार भी ऐसा कर सकती है, नक्सली इलाकों में पहले हेलीकॉप्टर से निगरानी करनी चाहिए और उसके बाद CRPF की टुकड़ी को आगे भेजना चाहिए, जैसे ही नक्सलियों का झुण्ड दिखे CRPF के जवानों को तुरंत ही सँभलने का इशारा करना चाहिए और नक्सलियों पर आसमान से ही बमबारी करनी चाहिए.

केंद्र की मोदी सरकार ऐसा भी कर सकती है, नक्सल प्रभावित इलाकों में सामान्य नागरिकों को कुछ दिनों के लिए अपना घर बार छोड़ने का फरमान जारी करना चाहिए, उन्हें कुछ दिनों के लिए कहीं पर कैम्प में रखना चाहिए और उसके बाद नक्सलियों को चुन चुन कर मार देना चाहिए क्योंकि नक्सलियों के लिए निर्दोष नागरिक ही ढाल हैं, ये नागरिकों के भेष में छुपे रहते हैं, उनके घरों पर हथियार छुपाकर रखते हैं और मौका देखते ही CRPF के काफिले पर हमला कर देते हैं.
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