लातूर: 16 अप्रैल: कुछ लोग डिजिटल लेन-देन को हलके में ले रहे हैं, कुछ लोग मोदी के कैशलेस अभियान का मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन लातूर की एक 20 वर्षीय लड़की ने MODI GOV की योजना का फायदा उठाया और देखते ही देखते 1 करोड़ का ईनाम जीतकर करोड़पति बन गयी. इसलिए हमारा कहना है कि MODI GOV की योजनाओं को आप हल्के में मत लीजिये और फायदा उठाइये, डिजिटल लेन-देन कीजिये, अपने ATM कार्ड, मोबाइल को अपना बटुआ बना लीजिये.
आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए MODI GOV यानी मोदी सरकार ने देशवासियों के लिए 'Lucky E-Grahak Yojana' स्कीम निकाली थी, इसमें कहा गया था कि Cashless Transaction करने वाले ग्राहकों का ड्रा निकाला जाएगा और जिसका नाम निकलेगा उसे 1 करोड़ का ईनाम दिया जाएगा.
कल मोदी सरकार द्वारा लकी ड्रा निकाला गया तो लातूर की रहने वाली एक 20 वर्षीय लड़की ने 1 करोड़ रुपये का ईनाम जीएत लिया. लड़की का नाम साधना मोहन मेंगसेट्टी है जो लातूर में इंजीनियरिंग की छात्रा है.
क्योंकि मिला 1 करोड़ का ईनाम
ऐसा नहीं है कि साधना ने कई बार कैशलेस खरीदारी की थी, उन्होंने सिर्फ एक बार कैशलेस खरीदारी की थी, उन्होंने सिर्फ एक बार अपने RuPay Dabit Card से 1590 रुपये का मोबाइल की EMI भरा था, उन्हें नागपुर में मोदी ने अपने हाथों से 1 करोड़ का ईनाम दिया.
मेरी किस्मत चमक गयी, यकीन नहीं हुआ: साधना
साधना का कहना है कि इनाम के बारे में मुझे दो दिन पहले बताया गया, मुझे यह भी बताया गया कि यह पुरष्कार स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देंगे, पहले तो मुझे यकीन नहीं हुआ, जब यकीन हुआ तो मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था, मुझे मोदीजी ने 1 करोड़ का ईनाम दिया है लेकिन मैं अभी समझ नहीं पा रही हूँ कि रुपये कहाँ पर खर्च करूँ, पहले मैं अपनी पढ़ाई पूरी करुँगी उसके बाद कुछ सोचूंगी.
साधना के पिता मोहन मेंगसेट्टी एक छोटी सी Grocery Shop चलाते हैं जबकि माँ हाउस वाइफ हैं.
मेरी किस्मत चमक गयी, यकीन नहीं हुआ: साधना
साधना का कहना है कि इनाम के बारे में मुझे दो दिन पहले बताया गया, मुझे यह भी बताया गया कि यह पुरष्कार स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देंगे, पहले तो मुझे यकीन नहीं हुआ, जब यकीन हुआ तो मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था, मुझे मोदीजी ने 1 करोड़ का ईनाम दिया है लेकिन मैं अभी समझ नहीं पा रही हूँ कि रुपये कहाँ पर खर्च करूँ, पहले मैं अपनी पढ़ाई पूरी करुँगी उसके बाद कुछ सोचूंगी.
साधना के पिता मोहन मेंगसेट्टी एक छोटी सी Grocery Shop चलाते हैं जबकि माँ हाउस वाइफ हैं.
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