Saharanpur, 3 April: मुस्लिम धर्म में महिलाओं की मुसीबत ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है, अभी तक तीन तलाक और हलाला से ही वे परेशान थीं, अब देवबंद ने फरमान सुना दिया है कि मुस्लिम महिलाओं से नौकरी कराने पर इस्लाम खतरे में पड़ जाएगा इसलिए महिलाओं से नौकरी ना करवाएं।
खबर के अनुसार देवबंद के मौलाना और तंजीम उलेमा ए हिंदी के प्रदेश अध्यक्ष नदीम उल वाजदी ने यह फरमान जारी किया है, उन्होंने कहा है कि सरकारी हो या प्राइवेट, मुस्लिम महिलाओं से किसी भी तरह की नौकरी नहीं करवानी चाहिए वरना इस्लाम का अपमान हो जाएगा।
मौलवी का कहना है कि घर का खर्च उठाने की जिम्मेदारी मर्दों की होती है जबकि महिलाओं का काम सिर्फ बच्चों के देखभाल करना है, महिलाओं का नौकरी करना तभी जायज माना जाएगा जब घर में या तो कोई मर्द ना हो या वह नौकरी करने के लायक ना हो, ऐसी हालत में अगर महिलायें नौकरी करती हैं तो उन्हें अपने चहरे को ढककर रखना चाहिए।
खबर के अनुसार देवबंद के मौलाना और तंजीम उलेमा ए हिंदी के प्रदेश अध्यक्ष नदीम उल वाजदी ने यह फरमान जारी किया है, उन्होंने कहा है कि सरकारी हो या प्राइवेट, मुस्लिम महिलाओं से किसी भी तरह की नौकरी नहीं करवानी चाहिए वरना इस्लाम का अपमान हो जाएगा।
मौलवी का कहना है कि घर का खर्च उठाने की जिम्मेदारी मर्दों की होती है जबकि महिलाओं का काम सिर्फ बच्चों के देखभाल करना है, महिलाओं का नौकरी करना तभी जायज माना जाएगा जब घर में या तो कोई मर्द ना हो या वह नौकरी करने के लायक ना हो, ऐसी हालत में अगर महिलायें नौकरी करती हैं तो उन्हें अपने चहरे को ढककर रखना चाहिए।
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