कश्मीर में हो सकता है कोई बड़ा प्रोग्राम, 'मोदी के जेम्स बांड अजित डोभाल' से मिले सेना प्रमुख

Army Chief General Bipin Rawat on Sunday met National Security Advisor (NSA) Ajit Doval during which the duo discussed the recent tension in Kashmir Valley.
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New Delhi: ऐसा लगता है कि कश्मीर में भारतीय सेना कुछ बड़ा प्रोग्राम करने का मन बना रही है, पिछले कुछ दिनों से जिस प्रकार कश्मीर में हिंसा हो रही है, पत्थरबाज आतंकवादी अपने हाथों में बन्दूक लेकर सेब के बगीचों में घूम रहे हैं, CRPF जवान को पीटते हुए पत्थरबाजों का VIDEO आ रहा है, उसे देखते हुए सेना पत्थरबाजों पर बड़ी कार्यवाही का मन बना रही है.

आज इसी सिलसिले में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने मोदी के जेम्स बांड अजित डोभाल से मुलाकात की, जब जब अजीत डोभाल एक्शन में आते हैं देश में कुछ ना कुछ होता है, अजित डोभाल एक्शन में आये थे म्यांमार में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की गयी थी, अजित डोभाल एक्शन में आये थे तो पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की गयी थी, एक बार फिर से अजित डोभाल एक्शन में आये हैं तो कश्मीर में फिर से बड़ी कार्यवाही हो सकती है.

सुरक्षा पर हर रणनीति NSA अजित डोभाल ही बनाते हैं, वे परदे के पीछे रहकर काम करते हैं, बिना उनकी सलाह के मोदी भी कुछ नहीं करते, जब अजीत डोभाल कोई सलाह देते हैं तो उसी पर सेना एक्शन लेती है, अब सेना प्रमुख अजित डोभाल से मिले हैं तो कुछ ना कुछ एक्शन तो जरूर होगा.

आज दोनों के बीच मुलाकात में सिर्फ कश्मीर मसले पर चर्चा हुई, हाल ही में CRPF जवान के अपमान पर भी चर्चा हुई, इससे पहले सेना प्रमुख जम्मू कश्मीर के गवर्नर NN Vohra से भी मिले थे, कल मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से भी मिले थे और आज अजीत डोभाल से भी मिले हैं, आज कश्मीर पर फाइनल रणनीति बन जाएगी और उसी पर काम किया जाएगा.

फिलहाल आर्मी को आदेश दिया गया है कि पत्थरबाजों पर कड़ी कार्यवाही की जाय, इसीलिए कल एक पत्थरबाज को सेना ने मार गिराया था, कुछ और पत्थरबाज पकडे गए हैं.

भारत सरकार कश्मीर में इसलिए भी कड़ी कार्यवाही का मन बना रही है क्योंकि पूरी कश्मीर घाटी पत्थरबाजों की समर्थक है क्योंकि कल पत्थरबाजों का समर्थन करने वाले फारूख अब्दुल्ला को श्रीनगर-बडगाम लोकसभा उपचुनाव में विजय मिली, ऐसा लगता है कि विकास के काम से कश्मीरियों का कोई लेना देना नहीं है, ये लोग उसे ही वोट देंगे जो आजादी की बात करेगा, जो हिंसा को बढ़ावा देगा, पाकिस्तान के समर्थन में बात करेगा.

यही सोचकर भारत सरकार पत्थरबाजों पर कड़ी कार्यवाही का मन बना रही है, अब इन्हें इनकी ही भाषा में समझाना पड़ेगा, इन्हें विकास नहीं चाहिए बल्कि आजादी चाहिए, अब सेना भी इन्हें आजादी देगी लेकिन जीवन से.
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