मोहन भागवत को राष्ट्रपति बनाने की बात कहकर शिवसेना ने MODI के खिलाफ चली सबसे खतरनाक चाल: पढ़ें

shivsena-propose-mohan-bhagwat-name-for-president-in-hindi

मुंबई, 27 मार्च: अगर इस वक्त शिवसेना को बीजेपी का सबसे बड़ा विरोधी कहा जाए तो गलत नहीं होता और इसका उदाहरण हाल ही में मिल गया जब प्लेन में मोदी का नाम सुनते ही शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड को इतना गुस्सा आ गया कि उन्होंने एयर इंडिया के कर्मचारी को 25 चप्पल मारे और उन्हें उठाकर प्लेन से बाहर फेंकने की बात की। 

आज शिवसेना ने एकदम चौंकाने वाली बात कह दी, शिवसेना ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का नाम राष्ट्रपति के लिए प्रस्तावित किया, शिवसेना ने यह बीजेपी के भले के लिए नहीं किया है बल्कि बीजेपी को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हुए उसके खिलाफ एक जबरजस्त चाल चल दी है ताकि देश का माहौल खराब हो, विरोधी पार्टियाँ मोदी के खिलाफ इसे बड़ा मुद्दा बनाएं और भारत पूरी दुनिया में बदनाम हो जाए। 

शिवसेना ने कहा है कि मोहन भागवत कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता हैं, मोदी भी हिन्दुत्ववादी नेता हैं और सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता हैं, ऐसे में अगर मोदी देश को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो उन्हें मोहन भागवत को राष्ट्रपति बना देना चाहिए। 

शिवसेना ने यह राजनीति इसलिए चली है ताकि देश में साम्प्रदाईक तनाव फैले, मुस्लिमों में डर पैदा हो कि मोदी भारत को हिन्दुराष्ट्र बनाना चाहते हैं और हो सकता है कि हमें भारत से भगा दें, अगर वे ऐसा सोचने लगेंगे तो उनके अन्दर डर पैदा होगा, कई जगह तनाव होगा, दंगे होंगे, भारत का विकास रुक जाएगा, भारत दुनिया भर में बदनाम हो जाएगा, सभी देश भारत से आर्थिक सम्बन्ध तोड़ लेंगे, देश में कई समस्याएँ पैदा हो जाएंगी, निवेश आना बंद हो जाएगा, विकास रुक जाएगा, देश बर्बाद होना शुरू हो जाएगा और इस सब का आरोप नरेन्द्र मोदी पर लगाया जाएगा, बाद में जनता भी अपना पाला बदल लेगी क्योंकि अंत में विकास ही देखा जाता है। 

मोदी की 2019 में वापसी को रोकने के लिए शिवसेना से बहुत बड़ी चाल चली है, कुछ दिनों पहले उद्धव ठाकरे ने खुद कहा था कि हमने BMC जीत ली है अब हमें दिल्ली में भी शिवसेना का झंडा फहराना है, मतलब शिवसेना अब दिल्ली का ख्वाब देखने लगी है और जब तक दिल्ली में मोदी बैठे हैं शिवसेना का ख्वाब पूरा नहीं होगा।

इस प्रस्ताव के बाद सोशल पर हिन्दू बंट जाएंगे क्योंकि राष्ट्रपति पद के लिए मोहन भागवत के नाम की चर्चा ही नहीं है, बीजेपी ऐसा सोच ही नहीं रही है, बीजेपी मोहन भागवत को कभी भी राष्ट्रपति नहीं बनाएगी, शिवसेना ने जो बात सोचकर यह चाल चली है उसने अभी से काम करना शुरू कर दिया है, सोशल मीडिया पर कट्टर हिन्दू समर्थन शिवसेना के इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं, कुछ लोगों का कहना है कि मोहन भागवत को ही राष्ट्रपति बनाना चाहिए।

अब अगर बीजेपी मोहन भागवत को राष्ट्रपति नहीं बनाएगी तो शिवसेना यह सन्देश देने की कोशिश करेगी कि मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना ही नहीं चाहते, मोदी अब नरम हो गए हैं, मोदी ढीले पड़ गए हैं, इसी तरह से शिवसेना कई बातें बनाएगी, उसकी बातों में सोशल मीडिया पर भी कुछ लोग आ जाएंगे, मोदी समर्थकों में बँटवारा हो जाएगा, एक तरह भागवत-RSS समर्थक हो जाएंगे, कुछ शिवसेना के साथ हो जाएंगे और कुछ मोदी के साथ रहेंगे।

अगर ऐसा हो गया तो शिवसेना का प्लान सफल हो जाएगा क्योंकि मोदी की ताकत सोशल मीडिया है, मोदी की ताकत सोशल मीडिया पर उनके करोड़ों समर्थक हैं, अगर ये समर्थक बंट गए तो मोदी की 2019 में राह मुश्किल हो जाएगी।

इसके अलावा शिवसेना का मकसद मुस्लिम वोटों को भी बीजेपी से दूर करना है क्योंकि हाल ही में उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों ने खासकर मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया है, अगर हिन्दू राष्ट्र का मुद्दा आ जाएगा तो मुस्लिम फिर से बीजेपी से दूर हो जाएंगे और 2019 चुनावों में मुस्लिम वोट एकजुट हो जाएंगे और हिन्दू वोट बंट जाएंगे, अगर ऐसा हुआ तो मोदी की वापसी मुश्किल हो जाएगी।

अगर सभी पहलुओं पर गहराई दे ध्यान दें तो शिवसेना ने बीजेपी के खिलाफ सबसे खतरनाक चाल चली है, दूसरी तरह से कहें तो सांप बनकर बीजेपी को डँसना चाहा है, बीजेपी को रोकने के लिए देश को बर्बाद करने, साम्प्रदाईक सौहार्द बिगाड़ने की चाल चली है। अब देखना यह है कि शिवसेना की चाल कामयाब होती है या नहीं। अगर कामयाब हो गयी और लोग शिवसेना की बातों में आ गए तो बीजेपी को नुकसान होना तय है। 
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

Post A Comment:

0 comments: