मोदी पर फर्जी आरोप लगाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं

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नई दिल्ली, 11 जनवरी: प्रधानमंत्री मोदी पर झूठे भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने आज करारा तमाचा जड़ा है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सहारा बिरला घूसकाण्ड में मोदी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं हैं और जितने भी सबूत पेश किये गए हैं वे एक तरफ से फर्जी हैं इसलिए उनके खिलाफ SIT जांच नहीं की जा सकती। 

आपको बता दें कि राहुल गाँधी, केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर घूस लेने के आरोप लगाए थे और वकील प्रशांत भूषण ने उनकी तरह से कोर्ट में मोदी के खिलाफ याचिका दायर की थी और जांच के लिए SIT के गठन की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग को ख़ारिज कर दिया। 

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि इस आरोप की जांच होनी चाहिए कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिड़ला और सहारा समूह से रिश्वत ली थी। गैरसरकारी संस्था कॉमन कॉज की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की खंडपीठ ने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका में प्रधानमंत्री व अन्य राजनीतिक नेताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जो सबूत दिए गए हैं, वे स्वीकार्य नहीं हैं। 

अदालत ने कहा, "अगर हम बिना ठोस साक्ष्य के प्रस्तुत सामग्री के आधार पर जांच का आदेश देते हैं, तो संवैधानिक पदाधिकारियों का काम करना मुश्किल हो जाएगा, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं होगा।"

अदालत ने कहा, "जिस स्थिति में इन दस्तावेजों को एकत्र किया गया है और अदालत में प्रस्तुत किया गया है, उस पर हमारी राय है कि यह समुचित जांच के आदेश जारी करने लायक नहीं है।"
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