70 रुपये से ऊपर पहुंची पेट्रोल की कीमतें, मोदी सरकार अब कांग्रेस सरकार से केवल 3 रुपये पीछे

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नई दिल्ली, 1 जनवरी: इसे चाहें मोदी सरकार की किस्मत कहें या भारतीयों की किस्मत की मोदी सरकार बनते ही भारत में तेल की कीमतें 17 रुपये तक घट गयी थीं लेकिन धीरे धीरे तेलों के दाम में बढ़ोतरी शुरू हुई और आज मोदी सरकार ने लगभग लगभग कांग्रेस सरकार की बराबरी कर ली है, थोडा पीछे हैं लेकिन केवल एक झटके में मोदी सरकार कांग्रेस की बराबरी कर लेगी। कांग्रेस के समय में पेट्रोल की उच्चतम कीमत 73.37 रुपये गयी थीं, मोदी सरकार ने भी 70.60 रुपये कर दिए हैं, अब केवल तीन रुपये का फासला है। 

हाल के दिनों में तेल की कीमतों में वृद्धि के मद्देनजर इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) ने रविवार को पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में क्रमश: 1.29 रुपये और 97 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में यह वृद्धि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तथा अन्य राज्यों में भी रविवार की आधी रात से लागू हो जाएंगी।

आईओसी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, "अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की मौजूदा कीमतों और रुपये तथा डॉलर की विनिमय दर के चलते पेट्रोल और डीजल के बिक्री मूल्य में वृद्धि की जरूरत महसूस हुई है, जिसका भार कीमतों में इस वृद्धि के साथ ग्राहकों पर डाला जा रहा है।"

सोमवार से दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.60 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 73.13 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 76.91 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 70.07 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।

सोमवार से डीजल की कीमत दिल्ली में 57.82 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 63.61 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 60.06 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 59.47 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी।

इससे पहले बीते वर्ष 16 दिसम्बर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 2.21 रुपये प्रति लीटर की और डीजल की कीमत में 1.79 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई थी और तदनुरूप अन्य राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई थी।

रूस सहित ओपेक समूह से बाहर के तेल उत्पादकों द्वारा पिछले महीने तेल के उत्पादन में प्रति दिन 558,000 बैरल की कमी किए जाने पर सहमति बनी थी, जिसके बाद भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत में 11-12 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में तीन डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई थी। इस सप्ताहांत तेल की वैश्विक बाजार में कीमतें 18 महीने के उच्चतम स्तर पहुंच गईं।

ओपेक समूह के 13 तेल उत्पादक देशों ने 30 नवंबर, 2016 को तेल उत्पादन में अगले छह महीनों तक 12 लाख बैरल प्रति दिन की दर से कमी करने का फैसला लिया था, जो एक जनवरी से लागू हो गया।

2001 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब वैश्विक बाजार में तेल के आधिक्य से निपटने के लिए ओपेक समूह के सभी देशों में एकसाथ तेल का उत्पादन घटाने पर समझौता हुआ है।
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