नोट-बदली के बाद आयी औद्योगिक उत्पादन में तेजी, खुदरा मंहगाई दर घटने से गरीबों की बल्ले बल्ले

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नई दिल्ली, 12 जनवरी: नोट-बदली के बाद औद्योगिक उत्पादन में तेजी देखने को मिली है जबकि खुदरा महगाई में गिरावट आ गयी है जिसकी वजह से गरीबों के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं, दाल, सब्जियां, खाने के अन्य सामान काफी सस्ते हो गए हैं जिसकी वजह से गरीब हर तरह का खाना खा पी रहे हैं वही उत्पादन में वृद्धि देखने को मिली है जिसकी वजह से आने वाले दिनों में देश की विकास दर बढ़ने के अनुमान है। 

नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर बढ़कर 5.7 फीसदी रही। वहीं, दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट देखी गई और यह 3.41 फीसदी, जबकि नवंबर में यह 3.63 फीसदी थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 1.81 फीसदी गिरावट आई थी, जबकि उसके पिछले साल के समान महीने के मुकाबले यह गिरावट 3.4 फीसदी थी। 

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी का मुख्य कारण विर्निमाण उत्पादन में हुई 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी है, जिसका कुल सूचकांक में सबसे ज्यादा योगदान है। 

अन्य दो महत्वपूर्ण उपसूचकांकों में बिजली उत्पादन में 8.9 फीसदी और खनन में 3.9 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। 

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में पिछले साल के समान अवधि के मुकाबले 5.61 फीसदी कम रही। 

सीपीआई में यह गिरावट मुख्यत: वार्षिक खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण आई है जो दिसंबर में 1.37 फीसदी और नवंबर में 2.03 फीसदी रही थी। 

सीपीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि ग्रामीण भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर दिसंबर में 3.83 फीसदी रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 2.90 फीसदी रही। वार्षिक मुद्रास्फीति की दर ग्रामीण क्षेत्रों में 2.06 फीसदी तथा शहरी क्षेत्रों में 0.15 फीसदी रही।
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