इटावा, 31 जनवरी: चुनाव आयोग के फैसले के बाद भी समाजवादी पार्टी में चल रहा विवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। यूं तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सपा के मुखिया बन गए हैं, लेकिन सपा के संरक्षक व पूर्व प्रमुख मुलायम सिंह यादव को उनके फैसले रास नहीं आ रहे हैं। मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने इटावा में 'मुलायम के लोग' नाम से ऑफिस खोलकर अखिलेश के खिलाफ घेराबंदी शुरू कर दी है।
शिवपाल सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने 11 मार्च के बाद नई पार्टी के गठन का ऐलान भी कर दिया है।
मुलायम सपा के घोषणापत्र जारी होने के समारोह में नहीं पहुंचे थे और उसके बाद सपा-कांग्रेस गठबंधन को गलत करार देते हुए अपने लोगों को कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने की नसीहत तक दे डाली।
'मुलायम के लोग' नाम से ऑफिस खोले जाने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि मुलायम के गढ़ इटावा में सपा दो खेमों में बंटी हुई है। एक तरफ अखिलेशवादी सोच है तो दूसरी ओर मुलायमवादी सोच। मुलायम के पैतृक जिले में सहानुभूति की लहर शिवपाल और 'नेताजी' के साथ साफ नजर आ रही है।
सपा में जसवंतनगर सीट से प्रत्याशी के तौर पर सीमित हो चुके शिवपाल ने अखिलेश नेतृत्व को जवाब देने के लिए इटावा में समाजवादी दफ्तर से अलग एक सामानांतर ऑफिस का उद्घाटन किया है। इस ऑफिस को शिवपाल का 'वॉर रूम' कहा जा रहा है। यह ठीक सपा के स्थानीय ऑफिस के बगल में है।
कहा जा रहा है कि इस ऑफिस की नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन निर्वाचन आयोग ने समाजवादी पार्टी और उसके सिम्बल का फैसला अखिलेश यादव के हक में सुनाया था।
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