Amethi, 25 January: उत्तर प्रदेश चुनाव में मोदी लहर से कोई इनकार नहीं कर सकता क्योंकि इतिहास में पहली बार कांग्रेस अमेठी से अपना कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा कर पायी, इस बार EVM मशीन में वोटरों को हाथ का पंजा नहीं दिखाई देगा, अमेठी के लोग पहले से ही कांग्रेस को हारा हुआ महसूस कर रहे हैं, कुछ लोग कांग्रेस से नाराज हो गए हैं और बीजेपी की तरफ मुड़ रहे हैं।
कांग्रेस, सपा और बसपा, सभी पार्टियाँ मोदी लहर से डरी हुई हैं, कांग्रेस समाजवादी पार्टी के आगे पूरी तरह से नतमस्तक हो गए है शायद इसलिए वे सपा से अमेठी की सीट भी नहीं मांग पाए और कांग्रेस उम्मीदवार रानी अमिता सिंह को निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ रहा है। वे टिकट के इन्तजार में थीं, कई महीनों से चुनाव प्रचार कर रही हैं, कांग्रेस के चुनाव निशान पर अपना प्रचार कर रही हैं लेकिन कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी की वजह से अपना कोई उम्मीदवार अमेठी में नहीं उतारा, कांग्रेस अमेठी सीट की मांग कर रही थी लेकिन सपा ने कांग्रेस को अमेठी की सीट नहीं दी, अमेठी से सपा के उम्मीदवार गायत्री प्रसाद प्रजापति मैदान में हैं।
कांग्रेस इस कदर डरी हुई है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली और समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया, कांग्रेस केवल 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि सपा 298 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगर कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लडती तो अमेठी में अपना उम्मीदवार उतार सकती थी लेकिन उसने सपा के आगे इस कदर घुटने टेक दिए हैं कि सपा ने कांग्रेस को अमेठी सीट देने से मना कर दिया।
बहरहाल, कांग्रेस नेता रानी अमिता सिंह निर्दलीय मैदान में उतरने वाली हैं, उन्होंने कहा है कि अमेठी ही उनका घर एवं परिवार है इसलिए वे अमेठी छोड़कर नहीं जा सकती, अगर कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय मैदान में उतरेंगी।
जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी ने अमेठी से रानी गतिमा सिंह को टिकट दिया है, गरिमा सिंह अमेठी के राजा संजय सिंह की पहली पत्नी हैं और अमिता सिंह संजय सिंह की दूसरी पत्नी हैं, संजय सिंह अब गरिमा सिंह के साथ नहीं रहते और उनका गरिमा सिंह के साथ संपत्ति का विवाद चल रहा है, मतलब एक तरह से दोनों रानियाँ एक दूसरे की कट्टर विरोधी हैं।
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