New Delhi, 23 December: नोटबंदी से पहले इनकम टैक्स के बारे में तो सभी ने सुना था लेकिन यह नहीं सोचा था कि इनकम टैक्स के पास इतनी पॉवर भी होती है, इसी प्रकार से ED और DRI के बारे में ज्यादातर लोगों ने शायद ही सुना होगा। इसके अलावा Custom और CISF के बारे में भी कम लोग जाते होंगे लेकिन आज ये सभी एजेंसियां पुलिस के साथ मिलकर हाथ धोकर चोरों के पीछे पड़ गयी हैं।
हालत यह है कि चोर डाल-डाल भाग रहे हैं तो ये एजेंसियां पात-पात पर भागकर चोरों को पकड़ रही हैं, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलौर और चंडीगढ़, हर बड़े शहर से चोर पकडे जा रहे हैं, सभी बड़े एयरपोर्ट पर चोर पकडे जा रहे हैं, बड़े बड़े होटल में चोर पकडे जा रहे हैं, करोड़ों करोड़ के नोट पकडे जा चुके हैं।
ये एजेंसिया इससे पहले भी थीं लेकिन इनसे पूर्व कांग्रेस सरकार काम नहीं ले पायी, इसीलिए चोरो, भ्रष्टाचार और घोटाले होते रहे और ये एजेंसियां सोती रहीं लेकिन आज मोदी सरकार में ये एजेंसियां नींद से जाग चुकी हैं और चोरों के पीछे हाथ धोकर पड़ चुकी हैं, चोरों को भागने के लिए जगह नहीं मिल रही है, उन्हें अपने नोट छुपाने की जगह नहीं मिल रही है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के बाद यानी 9 नवम्बर से 21 दिसम्बर तक इनकम टैक्स ने 3590 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता लगाया है और 3589 लोगों को नोटिस भेजा गया है।
नोटबंदी बाद आयकर विभाग ने 21 दिसम्बर तक 505 करोड़ रुपये जब्त किये गए हैं जिसमें से 93 करोड़ रुपये के नए नोट हैं।
आयकर विभाग ने 215 मामलों को ED के पास भेजा है जबकि 185 मामलों को CBI के पास भेजा है।
अब आप खुद सोचिये, 215 मामले ED के पास भेजे गए हैं और 185 मामलों को CBI के पास भेजा गया है, ये मामले जरूर गंभीर होंगे इसलिए जब इनकी जांच पूरी होगी तो 185 लोगों की वजह से हजारों लोग और पकडे जाएंगे क्योंकि इनका लिंक कई लोगों से मिलेगा, ये कई चोरों का पता बताएँगे, यह भी राज खुलेगा कि कौन कौन सी बैंक कालेधन को सफ़ेद कर रही हैं, कौन कौन से बैंक मैनेजर कालेधन को सफ़ेद कर रहे हैं, सब पकडे जाएंगे, ऐसा कोई भी नहीं होगा जो पकड़ा ना जा सके, बाद दो-चार महीनों का समय लगेगा।
अब आप खुद सोचिये, 215 मामले ED के पास भेजे गए हैं और 185 मामलों को CBI के पास भेजा गया है, ये मामले जरूर गंभीर होंगे इसलिए जब इनकी जांच पूरी होगी तो 185 लोगों की वजह से हजारों लोग और पकडे जाएंगे क्योंकि इनका लिंक कई लोगों से मिलेगा, ये कई चोरों का पता बताएँगे, यह भी राज खुलेगा कि कौन कौन सी बैंक कालेधन को सफ़ेद कर रही हैं, कौन कौन से बैंक मैनेजर कालेधन को सफ़ेद कर रहे हैं, सब पकडे जाएंगे, ऐसा कोई भी नहीं होगा जो पकड़ा ना जा सके, बाद दो-चार महीनों का समय लगेगा।
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