नई दिल्ली, 18 दिसम्बर: लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत थल सेना और एयर मार्शल बी.एस. धनोआ वायुसेना के नए प्रमुख होंगे। सरकार ने शनिवार को इसकी घोषणा की। ये दोनों क्रमश: जनरल दलबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल अरूप राहा का स्थान लेंगे। दोनों 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने लेफ्टिनेंट बिपिन रावत को नया आर्मी चीफ बनायी जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि आर्मी पब्लिक संस्था है इसलिए देश को जानने का हक है कि मोदी सरकार ने दो वरिस्थ सैन्य अफसरों को नजरअंदाज करके विपिन रावत को ही सेनाध्यक्ष क्यों बनाया गया।
मनीष तिवारी ने कहा कि हमारी नए सेनाध्यक्ष विपिन रावत से कोई दुश्मनी नहीं है और हम उनका और उनके पद का सम्मान करते हैं लेकिन यह प्रश्न उठाना वाजिब है कि ईस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्सी, दक्षिण कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अली और मध्य कमान के अफसरों के सीनियर होने का बावजूद उनके जूनियर विपिन रावत को ही सेनाध्यक्ष क्यों बनाया गया। क्या उन दोनों के खिलाफ सरकार के पास कुछ जानकारी थी, क्या उनकी क्षमता पर कुछ संदेह था, क्या कारण था कि तीनों सीनियर अफसरों को नजरअंदाज करके चौथे को सेनाध्यक्ष बना दिया गया।
उनके सवाल पर सरकार ने पहले ही जवाब देते हुए कहा था कि लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ही उन्हें नए सेनाध्यक्ष के लिए सबसे योग्य दिखे और उन्हें सीमा पर ऑपरेशन का लम्बा अनुभव भी है। इसीलिए उन्हें सेनाध्यक्ष बनाया गया।
मनीष तिवारी ने कहा कि हमारी नए सेनाध्यक्ष विपिन रावत से कोई दुश्मनी नहीं है और हम उनका और उनके पद का सम्मान करते हैं लेकिन यह प्रश्न उठाना वाजिब है कि ईस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्सी, दक्षिण कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अली और मध्य कमान के अफसरों के सीनियर होने का बावजूद उनके जूनियर विपिन रावत को ही सेनाध्यक्ष क्यों बनाया गया। क्या उन दोनों के खिलाफ सरकार के पास कुछ जानकारी थी, क्या उनकी क्षमता पर कुछ संदेह था, क्या कारण था कि तीनों सीनियर अफसरों को नजरअंदाज करके चौथे को सेनाध्यक्ष बना दिया गया।
उनके सवाल पर सरकार ने पहले ही जवाब देते हुए कहा था कि लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ही उन्हें नए सेनाध्यक्ष के लिए सबसे योग्य दिखे और उन्हें सीमा पर ऑपरेशन का लम्बा अनुभव भी है। इसीलिए उन्हें सेनाध्यक्ष बनाया गया।
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