New Delhi, 12 December: भारत के लोग बैंकों को बड़ा इमानदार समझते थे, बड़ा भरोसा करते थे लेकिन नोटबंदी के बाद पता चला की सबसे बेईमान, सबसे भ्रष्ट और सबसे बड़े धोखेबाज बैंक ही हैं और उनमें भी सबसे बड़ा धोखेबाज एक्सिस बैंक है। अन्य बैंक तो चोरी छुपे गलत काम कर रहे हैं लेकिन एक्सिस बैंक तो खुलेआम सीना तानकर गलत काम कर रहा है, इसकी किसी भी ब्रांच में जाओ, हर ब्रांच में गलत काम हो रहा है, नोटबंदी देश में कालेधन को ख़त्म करने के लिए की गयी थी लेकिन ये लोग तो कालेधन को सफ़ेद करने में लग गए और जनता को लाइनों में खड़ा करके उनके हिस्से का रूपया कालेधन के चोरों और धन्ना सेठों को सप्लाई करने लगे और उनसे मोटा कमीशन डकारने लगे।
अब लोग एक्सिस बैंक से नाराज हो चुके हैं और मोदी सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस बैंक का लाइसेंस तुरंत ही कैंसल किया जाय, क्योंकि जब इस बैंक ने मुसीबत के वक्त जनता के साथ धोखा कर दिया और और देश के साथ गद्दारी कर दी तो आगे भी इस बैंक पर भरोसा करना मुश्किल है। यह बैंक आगे भी देश को धोखा दे सकता है इसलिए तुरंत ही इस बैंक को कैंसिल कर दिया जाय और ग्राहकों को तुरंत ही अपने खाते इस बैंक में बंद करवा लेना चाहिए और अपने धन को किसी और बैंक में ट्रान्सफर करवा लेना चाहिए।
एक्सिस बैंक ने जनता की सेवा के लिए बैंक खोला था या धन्ना सेठों का कालाधन सफ़ेद करने के लिए, मोदी सरकार को अगर सबसे अधिक कोई चूना लगा रहा है तो वह एक्सिस बैंक ही है। इसके कम से कम 19 अधिकारी सस्पेंड किये गए हैं और हजारों अभी भी गलत काम कर रहे हैं। इनके मैनेजर करोड़ों रुपये का कमीशन डकार रहे हैं और देश के साथ धोखा कर रहे हैं।
वैसे गोलमाल तो कई बैंकें कर रही हैं लेकिन एक्सिस बैंक से हद मचा रखी है, पूरे देश से शिकायत मिल रही है कि यह बैंक अपने किसी भी ATM में कैश नहीं डाल रहा है, जब यह बैंक अपने किसी भी ATM में कैश डाल ही नहीं रहा है तो इसके ग्राहकों को कैश कैसे मिलेगा। बैंक में भी नो कैश का बोर्ड लग जाता है, अब वे वेचारे ग्राहक कहाँ जाएं, उनके पैसे एक्सिस बैंक में पड़े हैं, बैंक में कैश मिलता नहीं, ATM में कैश मिलता नहीं, अब उनकी जिन्दगी कैसे चले। यह बैंक जो नोट जनता को देना चाहिए वह नोट कालेधन वाले चोरों को दे रहा है। करोड़ों रुपये एक साथ धन्ना सेठों को देकर उनसे मोटा कमीशन डकार लिया जाता है।
यह बैंक फर्जी खातों को खोलकर उसमें करोड़ों रुपये का कालाधन जमा करता है और उनसे मोटा कमीशन लेकर उन्हें करोड़ों रुपये का कैश देकर उनसे मोटा कमीशन ले लेता है। अगर वही करोड़ों रुपये जनता को दे दिए जाते तो बैंकों के बाहर भीड़ जमा नहीं होती।
मोदी सरकार को भी इस बैंक की कारगुजारियों का अंदाजा हो चुका है इसलिए इस बैंक का लाइसेंस रद्द किये जाने का विचार चल रहा है। हो सकता है कि आने वाले समय में इसका लाइसेंस रद्द करके मोदी सरकार इसे करारा सबक सिखा दे।
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