Axis Bank की CEO शिखा शर्मा ने कहा 'कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों ने हमें शर्मिंदा और व्यथित किया है'

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नई दिल्ली, 18 दिसम्बर: एक्सिस बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) शिखा शर्मा ने रविवार को कहा कि नोटबंदी के बाद कुछ बैंककर्मियों के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के बाद बैंक ने एक फोरेंसिक अंकेक्षण के लिए वैश्विक लेखा फर्म केपीएमजी की सेवा ली है। इसका मकसद तत्परता बढ़ाने और सुरक्षा उपाय करना है। 
आयकर विभाग के छापे में पिछले हफ्ते नोएडा स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में 20 फर्जी खातों से 60 करोड़ रुपये का पता लगाया था। 

बैंक के ग्राहकों को लिखे पत्र में एक्सिस बैंक की नींव को ठोस आधार वाला बताते हुए आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि बैंक खातों की गतिविधियों में अचानक हुई बढ़ोतरी पर नजर रख रहा और उसने संदिग्ध खातों को लेकर निगरानी कर रहा है। 

शर्मा ने लिखा है कि हमलोग जानकारियां पाने के लिए अपनी शाखाओं का दौरा कर रहे हैं। इसके अलावा हमलोगों ने केपीएमजी को फोरेंसिक अंकेक्षण के लिए रखा है ताकि कर्मठता और सुरक्षा बढ़े। 

हाल की मीडिया रिपोर्ट में हमारे कुछ कर्मचारियों के आचरण से मैं शर्मिदगी एवं व्यथा की शिकार हुई। कुछ लोगों ने हमारी सुदृढ़ प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन नहीं किया। हमलोगों ने ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जो भी हमारी आचार संहिता से इधर-उधर होंगे उन प्रत्येक के साथ ऐसा ही करेंगे। 

उन्होंने कहा, "मैं आपको यह फिर से भरोसा देना चाहूंगी कि बैंक ने हमेशा से संचालन नियंत्रण का उच्चतम मानदंड बनाए रखा है। हमलोग खातों की गतिविधियों में आई अचानक बढ़ोतरी पर नजर रख रहे हैं और हमलोगों ने पहले ही से सक्रिय होकर संदिग्ध खातों की पहचान की है।" 

शर्मा ने 55 हजार कर्मचारियों की कड़ी मेहनत पर कुछ लोगों के खत्म कर देने पर खेद जताया है। 
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