अरुण जेटली ने ZEE NEWS को लगा दी फटकार, बोले, बन्दूक उठाकर मारने से पहले रिसर्च कर लिया करो

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New Delhi, 17 December: ZEE NEWS पॉजिटिव जर्नलिस्म के बारे में जाना जाता है लेकिन आज उसे पॉजिटिव जर्नलिस्म को किनारे पर रखकर मोदी सरकार के खिलाफ माहौल खड़ा करने का प्रयास किया और दिन भर मोदी सरकार को गाली खिलवायी। उन्होंने न्यूज दिखाई कि मोदी सरकार ने राजनीतिक पार्टियों को पुराने 500 और 1000 रुपये कमा करने की छूट दे दी है, मोदी सरकार ने जनता को तो लाईन में खड़ा कर दिया है, वे परेशान हैं लेकिन राजनीतिक पार्टियाँ मजे में हैं और अपने खातों में कालाधन जमा कर रही हैं, ZEE NEWS ने 'ताल ठोंक के' प्रोग्राम में भी सभी विपक्षी पार्टियों को इकठ्ठा कर लिया और मोदी सरकार के जमकर दुष्प्रचार किया, यही नहीं कुछ जनता के लोगों को इकठ्ठा करके उनसे भी कहा गया कि मोदी ने राजनीतिक पार्टियों को पूरी छूट दे दी है। 

ZEE NEWS की ऐसी निगेतिवे रिपोर्टिंग को वित्त मंत्री अरुण जेटली भी देख रहे थे, जब उन्होंने देखा की ZEE NEWS जनता को मोदी सरकार के खिलाफ भड़का रहा है और सफ़ेद झूठ बोल रहा है तो उन्होने तुरंत आधिकारिक बयाना जारी करके ZEE NEWS के झूठ का पर्दाफाश कर दिया। 

पढ़ें क्या कहा अरुण जेटली ने

बयान में कहा गया - नोटबंदी के बाद Taxation Laws (Second Amendment) Act, 2016 जिसे 15 दिसम्बर 2016 को पारित किया गया, उसमें राजनीतिक पार्टियों को आयकर कानून के तहत कोई छूट नहीं दी गयी है जैसा कि ZEE NEWS ने दावा किया था। मतलबी ZEE NEWS की खबर झूठी थी। 

सेक्शन 13-A में जिक्र है कि नए कानून में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है और 35 साल पुराने कानून को ही लागू किया गया है। 

उन्होंने कहा कि - मै मीडिया के सभी दोस्तों से कहना चाहता हूँ, अगर हमारी कार्यवाही भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं है तो आप पूरा विरोध करें, सरकार के खिलाफ कुछ भी लिखें और कितना भी बखेड़ा करें लेकिन मै यह भी प्रार्थना करना चाहता हूँ कि बंदूक उठाकर मारने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च कर लिया करो। (मतलब ZEE NEWS को अरुण जेटली ने कह दिया कि सरकार के खिलाफ इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा करने से पहले पूरी तरह से रिसर्च कर लिया करो)

बयान में आगे कहा गया - IT एक्ट 1961 के सेक्शन 13A के अंतर्गत राजनीतिक पार्टियों को अपना ऑडिट अकाउंट, आय और खर्च को बैलेंस सीट में मेन्टेन करना पड़ेगा।

सबसे बड़ी बात - नोटबंदी के बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी पुराने 1000 और 500 के नोटों को चंदे में नहीं ले सकती क्योंकि इन्हें 8 नवम्बर से अमान्य किया गया है। अगर कोई पार्टी ऐसा कर रही है तो यह नियम के खिलाफ होगा। ( ZEE NEWS ने दिखाया था कि राजनीतिक पार्टियाँ 1000 और 500 के नोट अपने खाते में जमा कर सकती हैं जो कि पूरी तरह से झूठ था)

बयान में कहा गया है कि - जिस प्रकार से आम लोग अपने खातों में पुराने नोट जमा कर रहे हैं उसी तरह से राजनीतिक पार्टियाँ भी पुराने नोट जमा कर सकती हैं लेकिन जनता की तरह उन्हें भी इस चंदे के श्रोत को दिखाना पड़ेगा। इसके अलावा अपने रजिस्टर में यह भी दिखाना पड़ेगा कि पुराने नोट उन्हें 8 नवम्बर से पहले मिले थे। अगर ये नोट उन्हें 8 नवम्बर के बाद चंदे में मिले होंगे तो वे इन नोटों को नहीं जमा करा सकते। अगर उन्होंने 8 नवम्बर के बाद पुराने नोटों को चंदे में लिया और बैंक में जमा किया तो उन्हें भी आयकर विभाग को जवाब देना पड़ेगा जैसा आम आदमियों को जवाब देना पड़ रहा है।

जैसा कि ZEE NEWS ने दावा किया है, राजनीतिक पार्टियों को किसी भी प्रकार की छूट नहीं है और गलत पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

बयान के अंत में कहा गया है कि - नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सांसदों और विधायकों की बैंक स्टेटमेंट मांगकर खुद साफ़ सुथरी राजनीति का उदाहरण दिया है। हम दूसरी पार्टियों से ही ऐसा करने की अपील कर रहे हैं ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की उनकी भी मंशा का पता चल सके।
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