मोदी ने ‘नोटबंदी का बम’ गिराकर जनता से धोखा किया, अब जनता नहीं करेगी उनका समर्थन: शिवसेना

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मुंबई, 14 नवंबर: नोटबंदी जैसे बड़े काम की वजह से विपक्षी पार्टियों जैसे कांग्रेस, आप, वामपंथी, सपा, बसपा आदि का बौखलाना तो बनता है लेकिन बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी इस फैसले से बौखलाई हुई है, शिवसेना के बदले मिजाज पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है, नोटबंदी से सबसे अधिक पाकिस्तान को नुकसान हुआ है, शिवसेना हमेशा खुद को एंटी पाकिस्तान साबित करने की कोशिश करती है लेकिन यहाँ पर उसके बदली मिजाज को देखकर लोगों का कहना है कि दरअसल शिवसेना हाथी के दांत के समान है यानी खाने के और दिखाने के और। 

आज शिव सेना ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने को जनता के साथ धोखा करार देते हुए सोमवार को सवाल किया कि क्या जनता अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेगी।

शिव सेना ने सरकार के आठ नवंबर के गोपनीय मिशन की तुलना एक आर्थिक गृहयुद्ध से की, और कहा कि मोदी विमुद्रीकरण के जरिए पहले ही एक बम गिरा चुके हैं।

शिव सेना के मुखपत्र सामना और दोपहर का सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में मोदी के उस दावे पर सवाल उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि देश की जनता ने विमुद्रीकरण के लिए उन्हें आशीर्वाद दिया है। शिव सेना ने कहा है कि दरअसल, जिन लोगों ने उन्हें 2014 में आशीर्वाद दिया और वोट देकर सत्ता में पहुंचाया, उनके साथ यह धोखा है।

संपादकीय में कहा गया है, "मुट्ठीभर उद्योगपतियों से काला धन निकालने के लिए मोदी सरकार ने 125 करोड़ जनता को सड़क पर खड़ा कर दिया है। वे अपने खुद के पैसों के लिए बैंकों, एटीएम के सामने कतार लगाए हुए हैं, घंटों बगैर भोजन-पानी के अपनी बारी के लिए इंतजार कर रहे हैं, और कुछ तो इस प्रक्रिया में मर भी गए।"

संपादकीय में कहा गया है, "एक झटके में सरकार ने 125 करोड़ जनता को काला धन की बलिवेदी पर कुर्बान कर दिया। क्या सभी भ्रष्ट और काला धन रखने वाले हैं? कितने ऐसे हैं, जो कतारों में अवैध 500 और 1000 रुपये के बंडल लेकर खड़े हैं?"

शिव सेना ने कहा है कि वह काला धन के खिलाफ अभियान का पूर्ण समर्थन करती है, लेकिन जिस तरीके से मोदी सरकार ने इस योजना को क्रियान्वित किया है, उससे देश में आर्थिक अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है।
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