केजरीवाल सरकार की कामचोरी की वजह से बच्चों के लिए नरक बना दिल्ली का प्रदूषण, अब लिया एक्शन

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नई दिल्ली, 6 नवंबर: केजरीवाल का दिल्ली छोड़कर दूसरे राज्यों में चुनावी दंगल की तैयारी करने और उनके मंत्रियों की कामचोरी की वजह से दिल्ली में इतना प्रदूषण बढ़ गया है कि आज दिल्ली बच्चों के लिए नरक बन गयी है, हालात इतने खराब हो गए हैं कि आज केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर दी। 

केजरीवाल की कामचोरी का आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि वे कहते हैं कि मेरी एक रूपए एकी भी औकात नहीं है, मेरी इतनी भी पॉवर नहीं है कि मै एक पेन खरीद सकूं वहीँ दूसरी तरह कह एक मिनट आत्महत्या करने वाले लोगों को करोड़ों रुपये दे देते हैं, इससे साबित होता है कि केजरीवाल दिल्ली में कानूनी रूप से कुछ भी कर सकते हैं लेकिन वह काम ना करने का बहाना बनाने हैं। 

खैर अब केजरीवाल सरकार जाग चुकी है इसलिए आज केजरीवाल सरकार ने कई कदम उठाये हैं, राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के कदम के तौर पर सभी स्कूलों को अगले तीन दिनों तक बंद रखा जाएगा और पांच दिनों तक किसी निर्माण कार्य की इजाजत नहीं दी जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पर्यावरण के संकट पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राजधानी में जेनरेटर सेट के इस्तेमाल पर रोक की भी घोषणा की है।

केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, "यह राजनीति को अलग कर (समस्या का) समाधान ढूंढ़ने का समय है।"

आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने संवाददाताओं से कहा, "प्रदूषण का स्तर पहले से ही काफी ज्यादा था। हमने विशेषज्ञों से सलाह ली है और हम कुछ आपातकालीन कदम उठा रहे हैं।"

केजरीवाल ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के बदरपुर के कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र को भी 10 दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, जिससे काफी मात्रा में राख उठती है। संयंत्र के भतीर फैली राख पर पानी का छिड़काव किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शहर की सड़कों पर व्यापक पैमाने पर पानी का छिड़काव किया जाएगा और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अंतर्गत आने वाली सभी 100 फुट चौड़ी सड़कों की 10 नवंबर से वैक्यूम क्लीनिंग शुरू की जाएगी।

पांच दिनों तक इमारतों के निर्माण और ढहाने पर रोक रहेगी।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर गंभीर है और पूरे शहर और पड़ोसी राज्यों में धुंध और धुएं की चादर छाई है।

राजधानी में 30 अक्टूबर को दिवाली के बाद से प्रदूषण के स्तर में और गिरावट आ गई है।

केजरीवाल ने सूखी पत्तियों को जलाने पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक ऐप जारी किया जाएगा, जिस पर इसके उल्लंघन से संबंधित जानकारी दी जा सकेगी।

केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम प्रशासन को भी शहर में लैंड फिल साइट में आग पर काबू रखने को कहा गया है।

उन्होंने लोगों से जहां तक संभव हो घर में ही रहने और वहीं से काम करने की भी अपील की और कहा कि सम-विषम प्रणाली को फिर से शुरू किया जा सकता है।
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