नई दिल्ली, 29 नवंबर: संसद के निचले सदन लोकसभा में मंगलवार को कराधान कानून (द्वितीय संशोधन) विधेयक पारित हो गया, जो आयकर अधिनियम 1961 तथा वित्तीय अधिनियम, 2016 में संशोधन करता है। विधेयक को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पेश किया, जिसे नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
इस विधेयक के बाद कालाधन रखने वालों के पकडे जाने पर उन्हें बड़ा घाटा होगा क्योंकि टैक्स चोर 10-30 फ़ीसदी टैक्स बचाने के लिए सफ़ेद धन को काला बना लेते हैं, अब अगर ऐसे लोग पकडे जाएंगे तो उन्हें सरकार को 50 फ़ीसदी जुर्माना देना होगा और आधी रकम 4 चार के लिए बैंक में बिना इंटरेस्ट रेट के जब्त हो जाएगी। मान लीजिये आपका एक करोड़ का कालाधन है, सरकार को पता चल गया तो आधा पैसा तो सरकार को देना पड़ेगा, उसके बाद आधार पैसा यानी 50 लाख बैंक जमा हो जाएगा यानी उसपर आपको व्याज भी नहीं मिलेगा। मतलब नुकसान ही नुकसान क्योंकि अगर वही 50 लाख अगर आप बैंक में FD करा देते तो आपका आठ साल में दोगुना हो जाता लेकिन यहाँ पर 4 साल तक आपको कोई व्याज ही नहीं मिलेगा, मतलब 25 लाख का घाटा।
मतलब अब एक करोड़ के कालेधन पर कर चोर के हाथों केवल 25 लाख रुपये आयेंगे। पहले अगर उन पैसों पर टैक्स दिया जाता तो सरकार को केवल 30 लाख देने पड़ते लेकिन अब पकडे जाने पर 75 लाख रुपये चले जाएंगे। मतलब 45 लाख का घाटा।
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