2000 के नोट के खिलाफ DHC करेगा आठ दिसंबर को सुनवाई

Delhi High Court news in Hindi, Petition against Rs 2000 notes
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नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दो हजार रुपये के नए नोट और नोटबंदी के निर्णय को वापस लेने के लिए दायर याचिका को आठ दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "हम लोग इस मामले को आठ दिसंबर तक के लिए टालते हैं और केंद्र की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का इंतजार करते हैं।" 

अदालत का यह आदेश विभिन्न जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आया जिसमें नोटबंदी के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी गई है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय केंद्र सरकार की उस याचिका पर विचार कर रहा है जिसमें उसने सरकार के बड़े नोटों को बंद करने के फैसले के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों और अन्य अदालतों में दायर मामलों की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। 

याचिकाएं कई लोगों ने दायर की हैं। इनमें से एक दिल्ली की फैशन डिजाइनर पूजा महाजन भी हैं जिन्होंने अपनी याचिका में सरकार के इस फैसले को मनमाना और असंवैधानिक करार दिया है।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को भारतीय रिजर्व बैंक कानून के तहत दो अधिसूचनाएं जारी कीं। 

पहली अधिसूचना से 500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाया गया और दूसरी अधिसूचना से इन नोटों को सरकारी अस्पतालों, दवा की दुकानों, रेलवे के टिकट आदि के लिए फिर से वैध किया गया। ये दोनों अधिसूचनाएं एक दूसरे का खंडन करती हैं। 

इसमें कहा गया है कि दूसरी अधिसूचना ने पहली को खारिज कर दिया। इसलिए 500 और 1000 रुपये के नोट को हर हाल में वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। 

याचिका में 2000 रुपये का नोट जारी करने की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया गया है। इसमें कहा गया है कि 2000 के नोट को जारी करने की अधिसूचना कानून की धारा 24 के तहत खराब है क्योंकि धारा 24 (2) में कहा गया है कि बैंक नोट जारी करने या वितरित करने के बारे में इस तरह की कोई अधिसूचना नहीं जारी की जा सकती।
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