नई दिल्ली, 15 नवंबर: कालेधन की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कुछ लोगों ने अपना काला धन सफ़ेद करने के लिए किराए के आदमियों को लाइन में लगा दिया है, ये जुगाडबाज लेबर चौक से आदमी को 400 रुपये की दिहाड़ी देकर उन्हें लाइन में खड़ा कर रहे हैं और रोजाना 4000 हजार रुपये बदलवा रहे हैं, कुछ लोग तो एक दिन में तीन तीन बार लाइन लगा लेते हैं और कई हजार रुपये बदलवा लेते हैं, केंद्र सरकार ने इन जुगाड़बाजों का खेज बिगाड़ने के लिए अब पैसे बदलवाने वाले लोगों की उँगलियों पर निशान लगाने का फैसला किया है ताकि एक आदमी एक दिन में एक बार ही लाइन में खड़ा हो सके।
अगर ऐसा हुआ तो बैंकों में लम्बी लम्बी भीड़ ख़त्म हो जाएगी क्योंकि ज्यादातर लोग या तो रोज रोज लाइन लगा रहे हैं या एक ही दिन में कई कई बार लाइनों में खड़े होते हैं। अब देश के सभी बड़े महानगरों में पैसा बदलवाने वाले लोगों की उँगलियों में निशान लगाए जाएंगे।
इसके अलावा नोटबंदी की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों से जन-धन खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा होने की खबरें आने के बाद वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जन-धन खातों में नकदी जमा करने की सीमा घटाकर 50,000 रुपये कर दी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने यहां पत्रकारों को बताया, "कुछ लोग जन-धन खातों में अपना काला धन जमा कर रहे थे। अब जन-धन खातों में सिर्फ 50,000 रुपये ही जमा किए जा सकेंगे।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार की रात वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों के साथ नोटबंदी के मसले पर हुई दूसरी समीक्षा बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
शक्तिकांत ने बताया, "इन खातों पर नजर रखी जा रही है। जन-धन खाताधारकों को काला धान जमा करने के लिए दूसरों को अपने खातों का उपयोग नहीं करने देना चाहिए। बैंकों को इन खातों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।"
अन्य बैंक खातों के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा था कि जिन खातों में डेढ़ या दो लाख रुपये जैसी छोटी राशि जमा हो रही है, उनकी जांच करने की फजीहत मोल नहीं ली जाएगी।
इस समय एटीएम बूथों से प्रतिदिन अधिकतम 2,500 रुपये निकाले जा सकते हैं, जबकि बैंकों से अधिकतम 4,500 रुपये के पुराने अमान्य नोट बदले जा सकते हैं।
वहीं बैंक काउंटर से हर सप्ताह अधिकतम 24,000 की नकद निकासी की जा सकती है।
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