पुतिन ने कहा 'मोदी जी तुम लगे रहो, हम तुम्हारे साथ हैं'

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बेनॉलियम(गोवा), 15 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां कहा कि रूस और भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने साथ ही संकेत दिया कि रूस ने 18 सितंबर को उड़ी में भारतीय सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी लॉन्च पैड्स पर की गई सर्जिकल कार्रवाई का समर्थन किया है। 

भारत की आतंकवाद रोधी कार्रवाइयों में रूस का समर्थन भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है, जो आतंकवाद के प्रायोजन और समर्थन के लिए पाकिस्तान को अलग-थलग करना चाहता है।

मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "वह सीमा पार के आतंकवाद से लड़ने की हमारी कार्रवाई में रूस के समर्थन की तह-ए-दिल से प्रशंसा करते हैं।"

मोदी और पुतिन ने गोवा में दो दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन से पूर्व वार्षिक भारत-रूस सम्मेलन में हिस्सा लिया।

मोदी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया और न ही भारतीय सेना द्वारा 29 सितंबर को की गई सीमा पार की कार्रवाई का जिक्र किया। लेकिन, उन्होंने पुतिन के साथ अपनी बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने "रूस की निरंतर प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है.. और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जैसे मुद्दों पर दोनों देशों के रुख में समानता का उल्लेख किया है।"

यह पूछे जाने पर कि मोदी की टिप्पणियां क्या भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल कार्रवाई को लेकर हैं? विदेश सचिव एस. जयशंकर ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, "भारतीय पक्ष ने उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले की रूस की स्पष्ट निंदा की सराहना की है।"

स्वाभाविक तौर पर पाकिस्तान के संदर्भ में मोदी और पुतिन ने बयान में कहा, "आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं..आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह न दिए जाने और आतंकवादी विचारधारा और कट्टरपंथ के प्रसार, आतंकवादियों की भर्ती और उनकी यात्रा पर रोक लगाने की जरूरत पर बल दिया।"

मोदी ने कहा, "आतंकवाद का मुकाबला करने की जरूरत के मामले में रूस का हमारे जैसा ही स्पष्ट रुख है।"

भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक कदम उठाए हैं। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री की टिप्पणियां महत्वपूर्ण हैं।

भारत की कूटनीतिक लड़ाई के जवाब में पाकिस्तान ने वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर दिए जाने की बात खारिज करते हुए चीन और रूस को अपना समर्थक बताया था।

पुतिन ने भारत को 'एक महत्वूपर्ण रणनीतिक साझेदार बताते हुए और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस की प्रतिबद्धता दर्शाई' और कहा कि दोनों देश व्यापक वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत वार्ता प्रक्रिया आयोजित कर रहे हैं, जिनमें भारत और रूस के ²ष्टिकोण एक-दूसरे के करीब या समान हैं।

भारत और रूस ने ऊर्जा, रक्षा और आर्थिक सहयोग समेत कई क्षेत्रों में कई अरब डॉलर की लागत वाले 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए और अपने सैन्य, सामरिक, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए तीन करारों की घोषणा की।

मोदी ने रूस को 'भारत का पुराना मित्र' करार देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच 'बेहद खास संबंध हैं।

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के सहयोग से तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में स्थापित कुडनकुलम संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाइयों का उद्घाटन भी किया।

पुतिन ने कहा कि रूस अगले दो दशकों में भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए संभवत: दो दर्जन परमाणु संयंत्र स्थापित करेगा।
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