New Delhi, 6 May: आज केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले की पोल खोलकर रख दी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गाँधी और सभी कांग्रेस सांसदों को शर्म से पानी पानी कर दिया। रक्षा मंत्री के भाषण से सोनिया गाँधी और कांग्रेस सांसद इतना शर्मशार हो गए कि हंगामा करके लोकसभा से भाग गए, हालाँकि उनके भाग जाने से भी मनोहर पर्रिकर को कोई फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने बगैर कांग्रेस पार्टी के सांसदों की मौजूदगी के ही देश के सामने अपनी बात पूरी की।
उन्होंने कहा कि मै यकीन के साथ कह सकता कि CBI और ED अपना काम करेंगी और जो काम हम बोफोर्स मामले में नहीं कर पाए वह काम हम अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कर पाएंगे और घूस लेने वाले सभी आरोपियों को उनके स्थान पर पहुंचाएंगे।
मनोहर पर्रिकर ने कहा कि एसपी त्यागी और डॉक्टर खेतान जिनसे CBI पूछताछ कर रही है, उन्हें इस घोटाले की छोटी मछलियाँ कह सकते हैं, इन लोगों ने केवल बहती गंगा में हाथ धोया है लेकिन अभी CBI यह जांच कर रही है कि यह गंगा गयी किधर है। ऐसा बोलकर मनोहर पर्रिकर ने सोनिया गाँधी और अहमद पटेल पर निशाना साधा था जिन्हें इस मामले की बड़ी मछलियाँ कहा जा रहा है और घोटाले की गंगा यहीं पर जाकर ख़त्म हो रही है।
उन्होंने कहा कि CBI इस मामले में बहुत सीरियस है और उन्होंने जो कहा है वह सभी चीजें मैं यहाँ नहीं बता सकता हूँ लेकिन मै केवल इतना बता सकता हूँ कि अभी छोटी फिश यानी बहती गंगा में हाथ धोने वालों के जांच चल रही है लेकिन जो हाथ धोते हैं उन्हें पता होता है कि पानी का कितना टेम्परेचर होता है और कितना बहाव होता है। उन्होंने बता कि यह लोग यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि गंगा का पानी किधर गया था, पानी ठंढा था, गरम था, पानी में हिंदी थी, अंगरेजी थी, इटैलियन थी, जर्मन थी आदि की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मै देश को निराश नहीं करूँगा, मै CBI और ED को मॉनिटर कर रहा हूँ और मुझे उनपर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आज संसद में कई झूठ बोले हैं और देश को गुमराह करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि हेलीकाप्टर सौदे की प्रक्तिया 1999 में NDA ने नहीं बल्कि वर्ष 1994 में शुरू हुई थी और 1999 में अटल सरकार ने इसे रिवाइज किया था।
उन्होंने कहा कि सीलिंग हाईट 1.8 मीटर UPA सरकार ने की, फील्ड ट्रायल भारत से बाहर UPA ने करवाया जो कि भारत के हिसाब से बराबर नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि हेलीकाप्टर में भी कई खामियां हैं, अगर यह 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाएगा तो कोई सामान नही उठा पाएगा, यह मामला तब सामने आया जब प्रेसिडेंट को पोखरण में जाना था और हेलीकाप्टर खराब हो गया उसके बाद कंपनी पर FIR भी नहीं की गयी।
उन्होंने कहा कि इन्होने पैसे बनाने के चक्कर में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की जान खतरे में डाल दी। अब क्या हम देश की भी सुरक्षा खतरे में डाल दें इसलिए हमने आप लोगों ने जो कॉन्ट्रैक्ट दिया था उसे जारी रखा ताकि उनसे अनुबंधित पार्ट्स हमें मिल सकें और हमारी नेवी और एयरफोर्स की सुरक्षा खतरे में ना पड़े। लेकिन हमने उसके बाद कंपनी से कोई भी कॉन्ट्रैक्ट साइन नहीं किया और उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस डील में भ्रष्टाचार हुआ है और इनके रक्षा मंत्री ने भी इसे माना है लेकिन यह भ्रष्टाचार हमने नहीं किया है बल्कि कांग्रेस वालों ने किया है।
उन्होंने कांग्रेस की हंसी उड़ाते हुए कहा कि ये लकी हैं कि इनके पास इटैलियन ट्रांसलेटर हैं लेकिन हमारे पास इटली का कोई ट्रांसलेटर नहीं है लेकिन हमारी सरकार जल्द ही इटैलियन ट्रांसलेटर को हायर करेगी और इस मामले की गहराई से जांच करेगी।
उन्होंने बताया कि इन लोगों ने बेचारे एंटोनी के हाथ बाँध रखे थे लेकिन जब एंटोनी ने देखा कि वे इस मामले में फंस सकते हैं तो उन्होंने यह मामला 2012 में CBI के पास भेज दिया लेकिन उसके बाद भी 8 महीने तक CBI ने फ़ाइल को अपने पास रोके रखा जबकि उन्हें तुरंत ही यह मामला ED के पास ट्रान्सफर करना था।
उन्होंने बताया कि जब कांग्रेस को लगा कि देश में मोदी सरकार का आना तय है तो उन्होंने एयरपोर्ट ऑफिस 2, जिस कमरे में घोटाले से जुडी सभी फाइलें रखी गयी थीं उस कमरे में आग लगा दीं लेकिन उनका मकसद कामयाब नहीं हुआ और मामले से जुडी तीन फाइलें जलने से बच गयीं।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्यों की जिस अफसर के पास यह फाइलें थी उसने मामले की संवेदलशीलता को देखते हुए तीनों फाइलें एक सीक्रेट दराज में लॉक कर दी थीं जिसकी वजह से यह फाइलें जलने से बच गयीं।
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