अखिलेश ने सोचा 'मै नही जाऊँगा रामलीला में' कहीं मोदीजी मुझसे भी ना बुलवा दें 'जय श्री राम'

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Lucknow, 13 October: मोदी के लखनऊ में जाने की खबर सुनकर ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव परेशान हो गए थे, उन्होंने कहा था कि आप समझ सकते हैं कि मोदी लखनऊ में क्यों आ रहे हैं, अगर नहीं समझ रहे हैं तो समझ लें कि अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव आने वाले हैं इसलिए मोदी लखनऊ आ रहे हैं। अगर ऐसा ना होता तो वे बिहार जाते। 

अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी पूरे देश में मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए मशहूर है, मुलायम सिंह यादव ने तो 1992 में अयोध्या में राम भक्त कार सेवकों पर गोली चलवा दी थी और कहा था कि मुस्लिमों को खुश करने के लिए अगर सैकड़ों कार सेवकों को गोली मारनी पड़ती तो वे मरवा देते क्योंकि मुस्लिमों के दिमाग से हिन्दुओं का डर निकलना जरूरी था। 

अखिलेश यादव भी राम नाम से दस कदम दूर ही रहते हैं इसलिए उन्होंने मोदी के साथ कार्यक्रम में शिरकत करने से मना कर दिया, वे मोदी का स्वागत करने लखनऊ एअरपोर्ट पर जरूर पहुंचे लेकिन उनके साथ रामलीला के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। अखिलेश यादव ने सोचा होगा कि अगर वे रामलीला में मोदी के साथ जाएंगे तो कहीं मोदी उनसे जय श्री राम ना बुलवा दें, अगर उनके मुंह से जय श्री राम निकल गया तो मुस्लिम लोग उनसे नाराज हो जाएंगे और उन्हें वोट नहीं देंगे। 

वैसे अखिलेश यादव अगर मोदी के साथ जाते तो उन्हें मोदी के जैसे राम की पूजा भी करनी पड़ती, राम की आरती भी उतारनी पड़ती, उनके पैर भी छूने पड़ते और जय श्री राम के नारे भी लगाने पड़ते क्योंकि मोदी ने यह सब किया था और अगर अखिलेश यह सब करने से मना करते तो हिन्दू लोग उनसे नाराज हो जाते, यही सब सोचकर अखिलेश रामलीला कार्यक्रम से दूर रहे। 
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