शिमला, 17 सितम्बर: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने शनिवार को कहा कि उनके देश से भारत विरोधी गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) द्वारा संचालित भारत की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना को देखने के लिए वह यहां आए थे। यह संयंत्र हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित है।
1500 मेगावाट क्षमता वाले नाथपा झाकड़ी संयंत्र के दौरे के बाद प्रचंड ने संवाददाताओं से कहा, "हम अपनी धरती से हमारे पड़ोसी देशों के खिलाफ किसी तरह की गतिविधि की अनुमति नहीं देंगे।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी वार्ता से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, "वार्ता खुले और गर्मजोशी के माहौल में हुई। वार्ता के बाद मुझे काफी गर्व महसूस हो रहा है।"
नाथपा झाकड़ी संयंत्र के संचालन पर संतोष जाहिर करते हुए नेपाली राष्ट्रपति ने कहा कि इस पर्वतीय राज्य के दौरे से "मुझे घर आने जैसी अनुभूति हो रही है।"
एसजेवीएनएल नेपाल में 900 मेगावाट क्षमता वाली अरुण परियोजना के तृतीय चरण की शुरुआत कर रही है।
प्रचंड के साथ दौरे पर गए केंद्रीय उर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नेपाल के साथ संयुक्त उपक्रम के तौर पर और अधिक जल विद्युत परियोजनाएं शुरू करने के लिए बातचीत जारी है।
एसजेवीएनएल के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि प्रचंड ने टरबाइन के संचालन, विद्युत उत्पादन और इस तरह की बड़ी परियोजनाओं के जीवनकाल के बारे में अपनी जिज्ञासा जाहिर की।
उन्होंने परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और परियोजना से प्रभावित स्थानीय लोगों के पुनर्वास के मुद्दे पर भी चर्चा की।
एसजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक आर.एन. मिश्रा ने कहा कि नेपाल में परियोजना पांच वर्षो में पूरी हो जाएगी।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, "नेपाल में जल विद्युत की आपार संभावनाएं हैं, जिसका बड़े पैमाने पर दोहन नहीं हुआ है। एसजेवीएनएल और अधिक परियोजनाओं के लिए नेपाल के साथ निवेश और सहयोग करने को इच्छुक है।"
एसजेवीएनएल केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम है।
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