खाड़ी देशों की कृषि मांगों को पूरा करने से लाभ: मोदी

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नई दिल्ली, 26 सितम्बर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकों से कृषि के विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए कहा कि भारतीय किसान खाड़ी देशों की मांगों को पूरा कर लाभ कमा सकते हैं। मोदी ने काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर विज्ञान भवन में कहा, "खाड़ी देशों में जल संकट की वजह से इन्हें सभी खाद्य सामानों का आयात करना पड़ता है जो आबादी के बढ़ने के साथ उनके लिए चिंता का विषय रहा है। ऐसे में क्या हम खाड़ी देशों की जरूरतों को ध्यान में नहीं रख सकते और उन्हें निर्यात से पूरा नहीं कर सकते।"

उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में कृषि उत्पादों की भारी मांग है और भारतीय किसान इस बाजार पर पकड़ बनाने के लिए उन्हें सस्ता विकल्प उपलब्ध करा सकते हैं।

मोदी ने कहा, "वैज्ञानिकों को विभिन्न प्रजातियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमें सिर्फ उत्पादन और स्थानीय स्तर पर खपत तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि निर्यात पर भी ध्यान देना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है। कोई भी देश नवाचार के बिना प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने वैज्ञानिकों, नई खोज करने वालों और उद्यमियों के लिए 'टैलेंट हंट' का आह्वान किया। 

मोदी ने कहा, "प्रतिभाओं की खोज के लिए जिस तरह रियलिटी शो आयोजित होते हैं और देश की बेहतर प्रतिभाएं सामने आती हैं, ठीक इसी तरह वैज्ञानिकों के लिए भी टैलेंट हंट की जरूरत है।"

इस अवसर पर कई वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया। मोदी ने इन पुरस्कार विजेताओं से स्कूलों में जाकर और कुछ छात्रों का चुनाव कर उन्हें प्रशिक्षित करने को कहा ताकि वे वैज्ञानिक बन सकें।

मोदी ने सीएसआईआर की 75वर्ष की यात्रा को 'देश के लिए समर्पित यात्रा' बताया।

उन्होंने कहा, "कृषि से अंतरिक्ष तक, रसायनों से जलवायु परिवर्तन, दवाओं के उत्पादन से गहरे समुद्र में खोज तक, स्वास्थ्य से आवास, मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) से अन्तर्जलीय वाहनों तक, सीएसआईआर ने हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। मुझे कभी-कभी लगता है कि मेरी आपसे बहुत उम्मीदें हैं और सिर्फ उन्हीं से उम्मीदें होती हैं, जो कुछ कर सकते हैं।"

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी देश के वैज्ञानिकों की प्रशंसा की। 

मोदी ने कचरा प्रबंधन में प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के बारे में कहा, "हम प्रौद्योगिकी के जरिए बेकार चीजों को संपदा में बदल सकते हैं, जिससे न सिर्फ कारोबार होगा बल्कि देश स्वच्छ भी रहेगा।"

इस मौके पर मोदी ने पौधों की सात नई प्रजातियां भी देश को समर्पित कीं। इन नई प्रजातियों को सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं, खासकर 'सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्लांट्स' में विकसित किया गया है। इनमें लेमनग्रास, सिट्रोनेला, वेटिवर और कैना लिली पौधे शामिल हैं।
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