New Delhi, 19 September: कल उरी में हुए आतंकी हमले के बाद हर भारतवासी गुस्से में है, इस वक्त लोग यही चाहते हैं कि एक एक पाकिस्तानी सैनिक और उनके पतलू आतंकवादियों को गोलियों से भून दिया जाय या पटक पटक कर मार दिया जाय, लोग मोदी सरकार से कह रहे हैं कि पाकिस्तान पर तुरंत ही हमला कर दो और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दो, अक्सर में गुस्से में आदमी भावुक हो जाता है और वो दिमाग से काम लेना बंद कर देता है जिसका हमें बाद में नुकसान झेलना पड़ता है।
मोदी बेचारे देश के विकास और अच्छे दिनों का वादा करके बुरी तरह से फंस गए हैं वरना वे एक आदेश देते और केवल 10-15 दिन में पाकिस्तान को घुटनों पर खड़ा कर देते, अगर मोदी चाहें तो एक मिनट में पाकिस्तान पर हमला करने का आदेश दे दें और पाकिस्तान के हजारों सैनिकों को मरवा दें लेकिन इस हमले में हमारे भी हजारों सैनिक मारे जाएंगे क्योंकि अगर गोलियां चलेंगी तो दोनों तरफ से चलेंगी, अगर बम बरसाएंगे तो दोनों तरफ से बरसाएंगे, अगर परमाणु बम दागे गए तो दोनों तरफ से दागे जाएंगे।
यह बात भी सच है कि अगर दोनों देशों में युद्ध हुआ तो जीत भारत की होगी, पाकिस्तान का नुकसान अधिक होगा, अगर पाकिस्तान ने परमाणु बम से भारत के एक राज्य को नष्ट किया तो भारत पूरे पाकिस्तान को नष्ट कर सकता है, कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि युद्ध में जीत भारत की होगी, भले ही परमाणु बम से हमला किये जाएं। लेकिन इस युद्ध में भारत का भी नुकसान होगा और विकास का काम रुक जाएगा, मोदी सरकार को पूरा खजाना युद्ध के सामानों को खरीदने और सुरक्षा पर खर्च हो जाएगा, ऐसी हालत में मोदी अच्छे दिन भी नहीं ला पाएंगे और पांच साल बाद हमीं लोग जो आज पाकिस्तान से युद्ध की मांग कर रहे हैं, उन्हें वोट नहीं देंगे क्योंकि हमारे देश के लोग उस वक्त यह नही सोचेंगे कि मोदी सरकार ने विकास का पैसा युद्ध में लगा दिया, हमारे देश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस इसी वक्त का इन्तजार कर रही है, आज कांग्रेस चाहती है कि मोदी सरकार पाकिस्तान से युद्ध शुरू कर दे ताकि देश का विकास रुक जाए और कांग्रेस इस बात का चुनावों में फायदा उठाये, जैसा फायदा उन्होंने अटल बिहारी सरकार के समय उठाया था, आपको बता देते हैं कि अटल बिहारी ने अपने कार्यकाल में कारगिल युद्ध किया था जिसका नतीजा यह हुआ कि वह विकास के काम नही कर पाए और हमारे ही देशवासियों को उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया क्योंकि हमें अच्छे दिन भी चाहिए और पाकिस्तान से युद्ध भी चाहिए।
दिक्कत यह है कि पाकिस्तान तो आतंक की फैक्ट्री है, वहां तो जिहादी पैदा होते हैं, वहां के लोग तो मरने मारने और हूरों के पास जाने के लिए तैयार बैठे हैं लेकिन भारत के साथ ऐसा नही है, हम अपने सैनिकों को खोने के लिए तैयार नही है, पाकिस्तान अपने जिहादी आतंकियों को यह कहकर भेजता है कि 'बेटा जाओ, मर जाओ और कुछ लोगों को मार के जाओ, जन्नत में 72 हूरें तुम्हारा इन्तजार कर रही हैं, पाकिस्तान आतंकी उन्हीं 72 हूरों की लालच में भारत में घुसपैठ करते हैं, कुछ बॉर्डर पर ठोंक दिए जाते हैं और कुछ हमला करने में सफल हो जाते हैं लेकिन आखिर में ठोंक दिए जाते हैं, पाकिस्तानी आतंकी भी हँसते हँसते गोलियां झेल जाते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि ऊपर 72 हूरें उनका इन्तजार कर रही हैं।
पिछले 6-7 महीनों में करीब 115 पाकिस्तानी आतंकी हूरों की चाहत में भारत आये हैं और उन्हें हमारे सैनिकों ने हूरों के पास पहुँचाया भी है, अब हमें पाकिस्तान से युद्ध की जरूरत नहीं है बल्कि हमारी सीमा को सील करने और बॉर्डर पर निगरानी बढाने की जरूरत है, साथ ही पाकिस्तान को पूरे विश्व के सामने आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने का प्रयास करना है।
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