केजरीवाल जल्दबाजी करने वाले युवक की तरह हैं, धीरे धीरे सीख जाएंगे: नजीब जंग

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नई दिल्ली, 11 जनवरी: दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग ने बुधवार को आम आदमी पार्टी पर नियुक्तियों में 'भाई-भतीजावाद करने और घोर पक्षपात' का आरोप लगाया लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को संदेह का लाभ दिया। केजरीवाल को उन्होंने एक ऐसा युवा करार दिया जो जल्दबाजी में है। 

जंग ने इंडिया टुडे न्यूज चैनल के साथ एक विस्तृत साक्षात्कार में कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के विधानसभा चुनाव में एक जबर्दस्त बहुमत के बाद सत्ता के जोश में फैसले लिए। 

जंग ने कहा, "शायद उन्हें व्यवस्था की जानकारी नहीं है। मैं उन्हें संदेह का लाभ देना चाहूंगा।" 

केजरीवाल के बारे में उन्होंने कहा, "वह यह नहीं जानते कि सरकार की अपनी गति और आवेग होता है वह अपनी रफ्तार से चलते रहते हैं।" 

वह एक युवा हैं और काम करने की जल्दी में हैं। समय के साथ वह सीख जाएंगे। 

उपराज्यपाल के रूप में साढ़े तीन साल के कार्यकाल में जंग और दिल्ली सरकार के बीच रस्साकशी चलती रही। जंग ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ उनके मतभेद पेशेवर थे। 

जंग ने कहा, "केजरीवाल के साथ मेरे रिश्ते अत्यंत सौहार्दपूर्ण थे। मैं उनके घर गया हूं वह मेरे घर आए हैं। उनका एक प्यारा परिवार है।"

पूर्व उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर कभी नहीं बोला। जब वह कभी अकेले में मिले तो हम दोनों में कभी जरा सा भी वाद-विवाद नहीं हुआ। 

हालांकि, उन्होंने कहा कि शुंगलू समिति द्वारा दिल्ली सरकार के फैसलों की जांच की जा रही 400 संचिकाओं में से बहुत सारी जांच के लिए सीबीआई को भेजी गई हैं। 

विशेषज्ञ समिति के पास जो संचिकाएं जमा की गई हैं उनकी तीन श्रेणियां हैं। 

पहली श्रेणी उन संचिकाओं की है जिनमें मुख्यमंत्री ने खुद फैसले लिए लेकिन उनका अधिकार नहीं था और उसके लिए उप राज्यपाल की सहमति की जरूरत थी। 

दूसरी श्रेणी में वे संचिकाएं हैं जिनमें उपराज्यपाल की सहमति के बगैर मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल ने फैसले लिए। 

तीसरी श्रेणी उन फैसलों की है जिन्हें ऐसा करने का अधिकार न तो मुख्यमंत्री को और न ही उपराज्यपाल को था। 

दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल ने कहा कि 170-180 संचिकाओं पर उन्होंने काम हो जाने के बाद मंजूरी दी। 

करीब 80 संचिकाओं को मंजूरी देने से इनकार किया गया और 7-8 संचिकाएं जांच के लिए सीबीआई को भेजी गईं। 

उन्होंने कहा कि दो-तीन मामलों में तो प्राथमिकियां दर्ज भी की जा चुकी हैं और करीब एक दर्जन को निगरानी जांच के लिए भेजा गया है। 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने चार अगस्त को जब दिल्ली सरकार का प्रशासनिक प्रमुख उपराज्यपाल को करार दिया उसके बाद जंग ने शुंगलू समिति का गठन किया। 

जंग ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने केजरीवाल की पत्नी के रिश्तेदार निकुंज जैन को नियमों से परे जाकर सबसे पहले एक एक रेजीडेंट डॉक्टर नियुक्त किया और उसके बाद अपने कार्यालय में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) नियुक्त कर दिया। 

नोटबंदी के बाद भी भारत 2016-17 में सबसे तेज गति से करेगा विकास, चीन से भी ज्यादा: विश्व बैंक

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वाशिंगटन, 11 जनवरी: नोटबंदी के बाद भी भारत 2016-17 में विश्व में सबसे तेज गति से यानी 7 फ़ीसदी की गति से विकास करेगा और चीन भारत पिछले वर्ष की तरह पीछे रहेगा, यह कहना है विश्व बैंक का। 

रिपोर्ट के अनुसार, भारत सात फीसद की वृद्धि दर के साथ वित्त वर्ष 2016-17 में विश्व के तेजी से बढ़ती सबसे प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा और चीन को पीछे छोड़ देगा। 

हालाँकि विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि अनुमान घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। इससे पहले बीते साल जून में किए गए आकलन में इसके 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। 

विश्व बैंक ने मंगलवार को जारी 'वैश्विक अर्थव्यवस्था संभावना रिपोर्ट' में कहा, "भारत में वित्त वर्ष 2017 में वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है, यह भारत के विस्तार में अच्छी खासी कमी को दिखाता है।"

इसमें कहा गया, "अप्रत्याशित रूप से नोटबंदी- बड़े मूल्य के नोटों को चरणबद्ध रूप से बाहर करने- ने वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही के वृद्धि को दबा दिया।"

इसमें यह भी कहा गया, "कमजोर औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण और सेवा क्रय प्रबंधक सूचकांकों से संकेत मिलता है कि आगे वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में इनमें कमजोरी बनी रहेगी।"

बीते सप्ताह आधिकारिक सांख्यिकीविद ने भी देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसद रहने का अनुमान जताया है जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी था। 

पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नोटबंदी के असर को स्वीकार करते हुए चालू वित्त वर्ष में सकल मूल्य संवर्धित (जीवीए) वृद्धि के 7.6 फीसदी पूर्वानुमान को कम कर 7.1 फीसदी कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों की नोटबंदी की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इसका मकसद कालेधन, नकली मुद्रा और आतंकी वित्त पोषण को खत्म करना है।

बैंक ने कहा कि देश में 80 फीसदी लेन-देन नकदी में होने के कारण 'नोटबंदी से व्यापार, घरेलू आर्थिक गतिविधियां और विकास लगातार प्रभावित हो सकती है, जिससे विकास दर पर दबाव बना रहेगा।'

इसमें यह भी कहा गया है कि चीन के योजना आयोग नेशनल डेवेलपमेंट एंड रिफार्म कमीशन के मंगलवार के अनुमान के अनुसार चीन की अर्थव्यवस्था साल 2016 में 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने बीते साल पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में भी यही वृद्धि दर थी। 

विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि नोटबंदी से मध्यम अवधि में बैंकिंग प्रणाली में नकदी में बढ़ोतरी होगी जिससे कर्ज दर में कमी आने में मदद मिलेगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है।

इसमें कहा गया है कि नोटबंदी को लागू करने से अन्य आर्थिक सुधारों जैसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), श्रम और भूमि सुधारों को नुकसान पहुंच सकता है।

विश्व बैंक ने 2017 में वैश्विक वृद्धि दर के 2.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जबकि पिछले साल यह 2.3 फीसदी थी। 

विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने एक बयान में कहा, "पिछले कई सालों के निराशाजनक वैश्विक विकास दर के बाद इस साल हम क्षितिज पर मजबूत आर्थिक संभावनाओं को देख रहे हैं।"

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भी मंगलवार को नोटबंदी की वजह से अल्पकालिक मंदी का हवाला देते हुए वत्त वर्ष 2016-17 के लिए भारत की वृद्धि दर अनुमान को घिटाकर 6.9 फीसदी कर दिया, जबकि पहले इसे 7.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। 

फिच रेटिंग ने मंगलवार को जारी अपनी नवीनतम द्विमासिक न्यूजलेटर में कहा, "नोटबंदी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में अल्पकालिक विघटन आई है, जिसके कारण हमें विकास दर का पूवार्नुमान घटाना पड़ा है।"

अब आहार विशेषज्ञ रखेंगे जवानों के भोजन की गुणवत्ता पर नजर: किरण रिजिजू

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गुवाहाटी, 11 जनवरी: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि देश की सीमा के पास स्थित सभी चौकियों पर तैनात सुरक्षा बलों के जवानों को परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता पता करने के लिए सरकार ने आहार विशेषज्ञों की टीमें भेजी हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री का आश्वासन सोशल मीडिया में वायरल हुए एक जवान के उस वीडियो के संदर्भ में आया जिसमें सीमा पर तैनात जवानों को खराब भोजन परोसे जाने का अरोप लगाया गया है।

राज्य भर में डिजिटल लेनदेन को लोकप्रिय बनाने के लिए असम सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम के इतर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रिजिजू ने कहा, "जवान और उनके भोजन व सुविधा सरकार की पहली प्राथमिकता हैं। हमने मामले को गंभीरता से लिया है।"

उन्होंने कहा, "मामले की जांच के लिए हमने सीमा सुरक्षा बल के एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी और एक महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को पहले ही नियुक्त कर दिया है।"

कुछ दिनों पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान तेजबहादुर यादव ने कुछ सोशल नेटवर्किं ग साइट पर एक वीडियो अपलोड किया था और आरोप लगाया था कि जवानों को खराब गुणवत्ता के भोजन परोसे जाते हैं।

रिजिजू ने कहा, "कुछ सोशल नेटवर्किं ग साइट पर जारी वीडियो अभी सत्यापित नहीं हुआ है। हमने वीडियो की जांच और उसकी सत्यता का पता लगाने के लिए पहले ही एक जांच का गठन कर दिया है।"

उन्होंने कहा, "साथ ही, दुर्गम सीमाओं पर तैनात हमारे जवानों को परोसे गए भोजन की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए एक जांच का आदेश दिया गया है। इसके अलावा हमने आहार विशषज्ञों की टीम भी तैनात की है जो सीमाओं के पास स्थित सुरक्षा बलों की चौकियों का दौरा करेंगे।"

उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वे अपलोड किए गए वीडियो को मुद्दा नहीं बनाएं, क्योंकि उसकी सत्यता प्रमाणित होना अभी बाकी है।

उन्होंने कहा, "हमें आरंभिक रपट मिली है, लेकिन हम इसका खुलासा तभी कर सकते हैं, जब सरकार को अंतिम रपट मिल जाएगी।"